1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 26 Dec 2025 06:02:23 AM IST
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Bihar weather : पहाड़ों पर हो रही लगातार बर्फबारी का असर अब साफ तौर पर मैदानी इलाकों में भी देखने को मिल रहा है। बिहार समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में ठंड ने अपना प्रचंड रूप दिखाना शुरू कर दिया है। बीते छह दिनों से राज्य में पछुआ हवाओं के कारण कनकनी का प्रभाव बना हुआ है। बर्फीली पछुआ हवा ने तापमान को तेजी से गिराया है, जिससे पूरे राज्य में कोल्ड डे यानी शीत दिवस की स्थिति बनी हुई है। हालात ऐसे हैं कि दिन और रात के तापमान में बहुत ज्यादा अंतर नहीं रह गया है और चौबीसों घंटे सर्दी का असर महसूस किया जा रहा है।
मौसम विज्ञान केंद्र, पटना के अनुसार फिलहाल राहत के आसार नहीं हैं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि 28 दिसंबर तक मौसम में किसी बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। ठंडी पछुआ हवाएं लगातार चलती रहेंगी, जिससे तापमान सामान्य से नीचे बना रहेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार ला नीना की स्थिति सक्रिय होने के कारण ठंड के दिनों की संख्या बढ़ सकती है। इसका मतलब यह है कि इस सर्दी का असर सामान्य से ज्यादा समय तक रह सकता है और फरवरी महीने तक ठंड का प्रभाव बने रहने की संभावना है।
राज्य में न्यूनतम तापमान लगातार गिर रहा है। हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गया का न्यूनतम तापमान जम्मू शहर से भी कम दर्ज किया गया। जहां जम्मू शहर में न्यूनतम तापमान 10.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, वहीं गया का न्यूनतम तापमान इससे नीचे चला गया। यह स्थिति दर्शाती है कि बिहार इस समय उत्तर भारत के सबसे ठंडे इलाकों में शामिल हो गया है।
राजधानी पटना में भी ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ असर दिखाया है। पटना का अधिकतम तापमान सामान्य से करीब 8.4 डिग्री सेल्सियस कम होकर मात्र 14.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिन के समय भी सूरज की मौजूदगी के बावजूद ठंड से राहत नहीं मिल रही है। वहीं, राज्य में राजगीर सबसे गर्म स्थान रहा, जहां अधिकतम तापमान 21.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हालांकि, यह तापमान भी सामान्य से कम ही माना जा रहा है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, पहाड़ों पर हो रही भारी बर्फबारी के कारण उत्तर-पश्चिम दिशा से आने वाली हवाएं अत्यधिक ठंडी हो चुकी हैं। यही हवाएं मैदानी इलाकों में पहुंचकर तापमान को नीचे गिरा रही हैं। पछुआ हवा की रफ्तार अधिक होने के कारण ठिठुरन और ज्यादा महसूस की जा रही है। सुबह और शाम के समय तो स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। कई इलाकों में घना कोहरा भी देखने को मिल रहा है, जिससे दृश्यता पर असर पड़ रहा है।
ठंड के इस बढ़ते प्रकोप का असर जनजीवन पर साफ नजर आ रहा है। लोग सुबह-शाम घरों से निकलने से बच रहे हैं। बाजारों और सड़कों पर आवाजाही कम हो गई है। गरीब और जरूरतमंद वर्ग के लिए यह मौसम विशेष रूप से मुश्किल साबित हो रहा है। प्रशासन की ओर से कई जिलों में अलाव की व्यवस्था की गई है और लोगों को ठंड से बचाव के उपाय अपनाने की सलाह दी जा रही है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस मौसम में बुजुर्गों, बच्चों और पहले से बीमार लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। ठंड के कारण सर्दी-खांसी, बुखार और सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। गर्म कपड़े पहनने, गर्म पेय पदार्थों का सेवन करने और अनावश्यक बाहर निकलने से बचने की सलाह दी जा रही है।
कुल मिलाकर, पहाड़ों की बर्फबारी ने बिहार के मौसम को पूरी तरह बदल दिया है। ला नीना के प्रभाव के चलते इस बार ठंड लंबी और ज्यादा असरदार रहने की संभावना है। ऐसे में आने वाले दिनों में भी लोगों को कड़ाके की ठंड के लिए तैयार रहना होगा।