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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 14 Apr 2025 10:39:59 PM IST
अब नहीं होगी बारिश - फ़ोटो GOOGLE
PATNA: 9 और 10 अप्रैल के बाद आज सतुआनी के दिन 14 अप्रैल को बिहार में कई जगहों पर तेज आंधी बारिश हुई। इसे लेकर मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया था। आंधी-तूफान के साथ हुई भारी बारिश के चलते जानमाल का भी नुकसान हुआ है। 10 अप्रैल को आई मूसलाधार बारिश के दौरान ठनका गिरने से करीब 61 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना पर दुख जताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीड़ित परिवारों को 4-4 लाख मुआवजा देने की घोषणा की थी।
आज सतुआनी के दिन फिर तेज आंधी बारिश हुई। आज की बारिश में अरवल जिला में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की दर्दनाक मौत हो गयी। खेत में काम करने के दौरान तेज आंधी और बारिश से बचने के लिए तीनों खलिहान में रखे गए पुआल के ढेर में जाकर छिप गए तभी ठनका गिरने के बाद पुआल में आग लग गयी और तीनों बुरी तरह झुलस गये जिससे तीनों की मौत हो गयी। मौसम विभाग की ओर से बारिश को लेकर ताजा अपडेट आया है।
मौसम विभाग ने बताया है कि अब बारिश से जल्द राहत मिलेगी। 16 अप्रैल से बारिश की संभावना नहीं है। किसान भाई 16 अप्रैल के बाद गेंहू कटनी शुरू कर सकते है। वही बिहार में बारिश और तेज हवाओं से रबी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। आईसीएआर-आरसीईआर पटना ने किसानों को जरूरी सलाह दी है. कहा है कि बिहार के विभिन्न जिलों में आज हल्की बारिश और तेज हवाओं के कारण किसानों को फसलों में नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
10 अप्रैल को भारी बारिश के बाद भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद पूर्वी क्षेत्रीय अनुसंधान परिसर (आईसीएआर-आरसीईआर), पटना ने रबी और बागवानी फसलों के लिए मौसम संबंधी चेतावनी और सलाह जारी की है। अचानक आई बारिश ने पहले से कट चुकी फसलों को सूखने का समय नहीं दिया, जबकि तेज हवाओं ने खड़ी गेहूं, आम और लीची की फसलों को खासा नुकसान पहुंचाया है। गेहूं की फसल जो अभी तक कटने के लिए तैयार नहीं थी, में 15-20% तक नुकसान रिपोर्ट किया गया है। वहीं, बागवानी फसलों जैसे आम और लीची में फल गिरने की समस्या सामने आई है।
आईसीएआर-आरसीईआर ने किसानों को सलाह दी है कि पानी भरने से गेहूं, सरसों, चने और मसूर जैसी फसलों में फंगल बीमारियां फैल सकती हैं। खुले खेतों में संग्रहित कटे हुए अनाज को नमी से बचाना जरूरी है, क्योंकि इससे अंकुरण और फफूंद लगने का खतरा बढ़ सकता है। सब्जियों जैसे टमाटर, बैगन और कद्दू की फसलें तेज हवाओं के कारण टूटने और बीमारी के शिकार हो सकती हैं।
किसानों को सलाह दी गई है कि वे खेतों में पानी की निकासी सुनिश्चित करें, मौसम साफ होने पर ही फसल की कटाई करें और कटे हुए अनाज को बारिश से बचाने के लिए तारपोलिन से ढकें। फसल में रोगों को नियंत्रित करने के लिए फफूंदनाशक स्प्रे (जैसे मंकोजेब) का उपयोग किया जा सकता है, जबकि कीटों को नियंत्रित करने के लिए नीम का तेल या फल मक्खी ट्रैप का इस्तेमाल करें। पशुपालकों को सलाह दी गई है कि वे अपने जानवरों को सूखे और सुरक्षित आश्रयों में स्थानांतरित करें और मौसम की खराबी के दौरान उन्हें परिवहन से बचाएं।
मौसम का पूर्वानुमानः किसानों को जल्द ही राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि मौसम विभाग का अनुमान है कि 16 अप्रैल के बाद मौसम साफ हो जाएगा और तापमान में वृद्धि होगी। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्रों और मौसम ऐप के माध्यम से मौसम की नवीनतम जानकारी प्राप्त करते रहें, और किसी भी फसल क्षति का दस्तावेजीकरण करें ताकि वे बीमा दावों के लिए इसका उपयोग कर सकें।