Bhumi Dakhil kharij: जमीन निबंधन के समय कर लें सुनिश्चित, वरना मुश्किल में पड़ेंगे, मिल-जुमला खेसरा क्या है...?

Bhumi Dakhil kharij: बिहार में भूमि विवाद एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है. भूमि संबंधी विवाद के पीछे कई वजह हैं.

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 28 Apr 2025 11:10:16 AM IST

Bihar News

बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE

Bhumi Dakhil kharij: बिहार में भूमि विवाद एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है। भूमि संबंधी विवाद के पीछे कई वजह हैं। भूमि संबंधी समस्या को कम करने को लेकर जमीन सर्वे का काम चल रहा है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग सूबे के लोगों को जागरुक कर रहा है। किस तरह की भूमि का क्रय करना है, कैसे दाखिल खारिज किया जाना है, इसे लेकर जन जागरूकता अभियान चला रहा है ।


राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सूबे के रैयतों को बताया है कि दाखिल खारिज आवेदन को रद्द होने से कैसे बचा जाए। जमीन का निबंधन करने के समय क्या सुनिश्चित करना है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने दाखिल खारिज जन जागरूकता के तहत बताया है कि दाखिल खारिज आवेदन की अस्वीकृति सका एक कारण मिल - जुमला खेसरा का होना है. मिल - जुमला खेसरा का अर्थ होता है केवाला में प्रत्येक खेसरा का रकबा ना लिखा होना, परंतु कुल रकबा का होना। केवल में खेसरावार विवरण का नहीं होना ।


निबंधन करते समय यह सुनिश्चित कर लें कि प्रत्येक खेसरा का सही रकबा और चौहद्दी खेसरा वार लिखा गया है । पुराने विक्रय पत्र में अगर मिल - जुमला खेसरा की पुष्टि हो तो अपने अंचल कार्यालय में साक्ष्य के साथ उपस्थित हों, साक्ष्य के तौर पर अंचल अमीन का माफी प्रतिवेदन और अन्य कागजात जैसे नजरी नक्शा, ट्रेस मैप, खतियान जिसमें किसी खेसरा के रकबा की पुष्टि होती हो उसे प्रस्तुत करें।