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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 12 Sep 2025 08:40:19 AM IST
Patna High Court Chief Justice - फ़ोटो FILE PHOTO
Patna High Court Chief Justice : बिहार में न्यायिक व्यवस्था के क्षेत्र में अगले कुछ दिनों में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने पटना हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश (Acting Chief Justice) जस्टिस पवन कुमार भीमप्पा बजंथरी को नियमित मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) के रूप में नियुक्त करने के लिए केंद्र सरकार से सिफारिश की है। अगर केंद्र सरकार इस अनुशंसा को मंजूरी देती है तो वे पटना हाईकोर्ट के स्थायी मुख्य न्यायाधीश बन जाएंगे।
गौरतलब है कि हाल ही में पटना हाईकोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश बिपुल एम. पंचोली को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था। उनके उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति के बाद, 27 अगस्त 2025 को केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर जस्टिस पी. बी. बजंथरी को पटना हाईकोर्ट का कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया था। अब, सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने उनके नाम को स्थायी मुख्य न्यायाधीश के तौर पर भी स्वीकृति प्रदान की है।
जस्टिस बजंथरी 20 अक्टूबर 2021 को स्थानांतरण के बाद पटना हाईकोर्ट में आए थे। तब से वे यहां बतौर जज कार्यरत हैं। चार साल के दौरान उन्होंने कई अहम मामलों की सुनवाई की और न्यायिक प्रक्रिया में अपनी निष्पक्षता तथा कार्यकुशलता का परिचय दिया। 27 अगस्त 2025 को जब उन्हें कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश बनाया गया, तभी से वे हाईकोर्ट की प्रशासनिक और न्यायिक व्यवस्था को संभाल रहे हैं।
उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि 22 अक्टूबर 2025 निर्धारित है। यानी वे लगभग दो महीनों तक पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवाएं देंगे। भले ही यह कार्यकाल अपेक्षाकृत छोटा हो, लेकिन उनके अनुभव और सख्त कार्यशैली को देखते हुए यह न्यायालय और न्याय व्यवस्था के लिए अहम माना जा रहा है।
जस्टिस पी. बी. बजंथरी का जन्म 23 अक्टूबर 1963 को कर्नाटक में हुआ था। उनकी शुरुआती पढ़ाई विद्या वर्धन संघ और केईएल सोसाइटी के संस्थानों में हुई। इसके बाद उन्होंने एसजेआरसी लॉ कॉलेज, बेंगलुरु से विधि (Law) की पढ़ाई पूरी की। 1990 में उन्होंने कर्नाटक हाईकोर्ट में एक अधिवक्ता के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। शुरुआत से ही वे अपने सटीक तर्क और मजबूत कानूनी पकड़ के लिए पहचाने जाते थे। 1993-94 में वे कर्नाटक हाईकोर्ट में स्टैंडिंग काउंसल के रूप में कार्यरत रहे। इस दौरान उन्होंने कई सरकारी और निजी मामलों की पैरवी की और अपने अनुभव को और व्यापक बनाया।
मई 2006 में केंद्र सरकार ने उन्हें नोटरी नियुक्त किया। इसके बाद वे लगातार न्यायिक प्रक्रिया और सरकारी तंत्र से जुड़े रहे। धीरे-धीरे उनकी पहचान एक गंभीर, अनुशासित और निष्पक्ष विधिक व्यक्तित्व के रूप में बनी।
जस्टिस बजंथरी की न्यायिक यात्रा कई महत्वपूर्ण पड़ावों से होकर गुज़री। उन्होंने हमेशा न्याय को सर्वोपरि रखते हुए फैसले दिए। चाहे संवैधानिक मुद्दे हों, प्रशासनिक आदेशों से जुड़े विवाद या फिर आम जनता से जुड़े मुकदमे – उन्होंने हर मामले में निष्पक्ष और संतुलित दृष्टिकोण अपनाया। पटना हाईकोर्ट में जज रहते हुए भी उनके फैसले कई बार चर्चा में रहे। उनकी प्राथमिकता रही कि मामलों का निपटारा समय पर और न्यायसंगत ढंग से हो। यही वजह है कि जब पूर्व मुख्य न्यायाधीश बिपुल एम. पंचोली को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया, तब कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश की जिम्मेदारी जस्टिस बजंथरी को सौंपी गई।
विशेषज्ञों का मानना है कि जस्टिस बजंथरी की स्थायी मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति से बिहार की न्यायिक व्यवस्था को मजबूती मिलेगी। हाल के वर्षों में पटना हाईकोर्ट में लंबित मामलों की संख्या बढ़ी है। ऐसे में नए मुख्य न्यायाधीश के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी लंबित मुकदमों का त्वरित निपटारा और न्यायिक प्रणाली में जनता का भरोसा और मजबूत करना।
इसके अलावा, हाईकोर्ट और निचली अदालतों के बीच समन्वय स्थापित करना भी उनकी प्राथमिकता में शामिल होगा। न्यायिक सुधारों और आधुनिक तकनीक के प्रयोग पर उनका जोर रहा है। माना जा रहा है कि वे हाईकोर्ट की कार्यप्रणाली को और अधिक पारदर्शी और तेज बनाने पर विशेष ध्यान देंगे।