1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 28 Sep 2025 08:31:20 AM IST
Grand Tirupati Temple - फ़ोटो FILE PHOTO
BIHAR NEWS : बिहार के मोकामा वासियों के लिए ऐतिहासिक और गर्व का क्षण है। राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए मोकामा में भव्य और दिव्य तिरुपति मंदिर निर्माण की घोषणा की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देशानुसार यह फैसला लिया गया है, जिसके तहत लगभग 10 एकड़ जमीन तिरुमला तिरुपति देवस्थानम्, तिरुपति (आंध्र प्रदेश) को उपलब्ध कराई जाएगी। यह वही संस्था है जो विश्वविख्यात भगवान वेंकटेश्वर तिरुपति बालाजी मंदिर का संचालन करती है।
इस पहल को बिहार के सांस्कृतिक और धार्मिक उत्थान के रूप में देखा जा रहा है। अब तक तिरुपति बालाजी के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को हजारों किलोमीटर की यात्रा कर आंध्र प्रदेश जाना पड़ता था, लेकिन मोकामा में इस मंदिर के निर्माण के बाद बिहार और पूरे उत्तर भारत के करोड़ों श्रद्धालुओं को आसान सुविधा मिल पाएगी। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि पर्यटन और आर्थिक विकास की दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा।
मंदिर निर्माण के बाद मोकामा में सांस्कृतिक गतिविधियों को नया आयाम मिलेगा। यहां धार्मिक अनुष्ठान, भजन-कीर्तन, सांस्कृतिक कार्यक्रम और आध्यात्मिक शिविरों का आयोजन होगा। इससे स्थानीय लोगों की भागीदारी भी बढ़ेगी और मोकामा पूरे देश में एक नए धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में उभरेगा।
इसके साथ ही मंदिर निर्माण से रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। निर्माण कार्य में स्थानीय मजदूरों और कारीगरों को काम मिलेगा, वहीं मंदिर बनने के बाद होटल, लॉज, रेस्टोरेंट, परिवहन और हस्तशिल्प जैसे क्षेत्रों में भी लोगों को रोजगार मिलेगा। इससे मोकामा और आसपास के क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
पर्यटन के लिहाज से यह मंदिर बिहार के नक्शे पर एक नई पहचान देगा। यहां आने वाले श्रद्धालु न केवल मंदिर के दर्शन करेंगे बल्कि बिहार की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर से भी परिचित होंगे। इस तरह यह कदम बिहार की सकारात्मक छवि को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करेगा।
कुल मिलाकर, मोकामा में तिरुपति मंदिर निर्माण का यह निर्णय बिहार के लिए धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह पहल बिहार की जनता के लिए आस्था, रोजगार और पर्यटन का संगम लेकर आएगी। मोकामा आने वाले समय में न केवल गंगा किनारे बसे एक धार्मिक स्थल के रूप में बल्कि सांस्कृतिक समृद्धि के केंद्र के रूप में भी प्रसिद्ध होगा।