1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 23 Dec 2025 08:11:52 AM IST
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ED action : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कोलकाता आंचलिक कार्यालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रयाग ग्रुप ऑफ कंपनीज से जुड़ी कुल 116 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्तियों को कुर्क (अटैच) कर लिया है। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत की गई है। कुर्क की गई संपत्तियां पश्चिम बंगाल, बिहार और असम में स्थित हैं, हालांकि ईडी ने इन संपत्तियों के सटीक स्थानों का खुलासा नहीं किया है।
ईडी के अनुसार, कुर्क की गई संपत्तियों में लगभग 104 करोड़ रुपये मूल्य की 450.42 एकड़ भूमि शामिल है। इसके अलावा, भूमि पर बने करीब छह करोड़ रुपये के सुपर स्ट्रक्चर और कंपनी के निदेशकों बासुदेव बागची, अविक बागची और स्वप्ना बागची के नाम पर दर्ज करीब छह करोड़ रुपये की अन्य अचल संपत्तियां भी जब्त की गई हैं। यह कार्रवाई प्रयाग ग्रुप और उसके प्रमोटरों के खिलाफ चल रही धन शोधन जांच का हिस्सा है।
ईडी ने यह जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज प्राथमिकी और आरोप पत्र के आधार पर शुरू की थी। सीबीआई की प्राथमिकी में आरोप है कि प्रयाग ग्रुप ने अनधिकृत जमा योजनाओं के माध्यम से बड़े पैमाने पर अवैध रूप से धन जुटाया। जांच में सामने आया कि समूह ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) या भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से किसी भी प्रकार की अनुमति या मंजूरी के बिना अवैध जमा और धन परिचालन योजनाएं चलाईं।
ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि प्रयाग ग्रुप ने मुख्य रूप से प्रयाग इन्फोटेक हाई-राइज लिमिटेड और प्रयाग इन्फोटेक नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड के जरिए अत्यधिक रिटर्न का लालच देकर 38,71,674 जमाकर्ताओं से करीब 2,863 करोड़ रुपये की राशि जुटाई। जांच एजेंसी के मुताबिक, 31 मार्च 2016 तक जमाकर्ताओं को लगभग 1,906 करोड़ रुपये (ब्याज को छोड़कर) का भुगतान नहीं किया गया था, जिससे निवेशकों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ।
ईडी ने यह भी पाया कि जमाकर्ताओं से एकत्रित की गई रकम का उपयोग किसी भी वैध या उत्पादक व्यावसायिक गतिविधि में नहीं किया गया। इसके बजाय, प्रयाग ग्रुप ने एक पोंजी-प्रकार की योजना चलाई, जिसमें नए निवेशकों से प्राप्त धन का इस्तेमाल पुराने निवेशकों को भुगतान करने के लिए किया गया। इस प्रक्रिया में धन का एक बड़ा हिस्सा भूमि खरीदने, होटल और फिल्म सिटी जैसी परियोजनाओं में निवेश करने, अन्य कंपनियों के अधिग्रहण, एजेंटों को कमीशन देने, विज्ञापन और सेलिब्रिटी प्रचार पर खर्च करने में लगाया गया।
जांच में यह भी सामने आया कि समूह के प्रमोटरों और उनके परिवार के सदस्यों ने इस धन का उपयोग अपने व्यक्तिगत लाभ और संपत्ति बढ़ाने के लिए किया। अवैध रूप से अर्जित धन को विभिन्न माध्यमों से घुमाकर अचल संपत्तियों और अन्य परिसंपत्तियों में निवेश किया गया, ताकि धन के वास्तविक स्रोत को छिपाया जा सके।
वर्तमान में प्रयाग ग्रुप के प्रमुख निदेशक बासुदेव बागची और अविक बागची न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी ने संकेत दिया है कि मामले में आगे भी जांच जारी है और आने वाले समय में अन्य संपत्तियों की कुर्की तथा आरोपियों के खिलाफ अतिरिक्त कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इस कार्रवाई को देश में अवैध जमा योजनाओं और निवेशकों से धोखाधड़ी के खिलाफ एक बड़ी सख्त कदम के रूप में देखा जा रहा है।