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Corrupt Officers Of Bihar: धनकुबेर DEO 'प्रवीण' से भी बड़ी पांच मछली ! डीईओ रहते सभी के अकूत संपत्ति बनाने की खबर...अब छुपाने में जुटे

Corrupt Officers Of Bihar: बेतिया के जिला शिक्षा पदाधिकारी के ठिकानों से नोटों की गड्डियां व अकूत संपत्ति मिलने के बाद चर्चा शुरू हो गई है. शिक्षा विभाग में इनसे भी बड़ी मछली मौजूद हैं, जांच हो तो सबकुछ साफ हो जाएगा.

1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Sun, 26 Jan 2025 12:22:45 PM IST

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- फ़ोटो SELF

Corrupt Officers Of Bihar: बेतिया के जिला शिक्षा पदाधिकारी रहे रजनीकांत प्रवीण के ठिकानों पर विशेष निगरानी इकाई ने 23 जनवरी को छापेमारी की. भ्रष्ट डीईओ के बेतिया से लेकर दरभंगा, मधुबनी के कई ठिकानों पर रेड हुआ. विशेष निगरानी इकाई की छापेमारी में जिला शिक्षा पदाधिकारी के ठिकानों से 3 करोड़ 60 लाख नकदी मिले हैं. जमीन-जायदाद की बात छोड़ दीजिए.यह तो सिर्फ एक डीईओ की बात हुई, 'प्रवीण' के ठिकानों पर नोटों की गड्डी मिलने के बाद चर्चा शुरू है कि ये तो छोटी मछली हैं,बड़ी मछली पर कार्रवाई तो हुई ही नहीं. हाल के समय में सूबे में कम से कम पांच ऐसे डीईओ रहे, जिन्होंने बिना डर-भय के अकूत संपत्ति अर्जित की है. ये सभी पूर्व एसीएस के समय से ही जिलों में शिक्षा अधिकारी के पद पर पदस्थापित रहे. 

कमीशन खाकर पेट भर रहे शिक्षा विभाग के अधिकारी 

शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है. सरकारी स्कूलों की व्यवस्था सुधारने, गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने को लेकर सरकार ने खजाना खोल दिया है. सरकारी स्कूलों में संसाधन बढ़ाने को लेकर अरबों रू भेजे गए. बेंच-डेस्क से लेकर बिल्डिंग की मरम्मति व अन्य कार्यों के लिए जो राशि भेजी गई, जिलों में बैठे अधिकारी ठेकेदारों से मेल कर अपना पेट भऱने लगे. भ्रष्टाचार के इस खेल में शामिल शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर दिखावे के लिए कार्रवाई भी हुई, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ा. लिहाजा अधिकांश जिलों में सरकारी राशि का बंदरबांट कर लिया गया. शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने ठेकेदारों से मिलीभगत कर कमीशन खाकर पेट भर लिया. कहा जाता है कि हाल के 1-2 वर्षों में एक-एक अधिकारियों ने इतनी कमाई की, जितना कई वर्षों में नहीं किया होगा. बेतिया के जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण का उदाहरण दिया जा रहा है. 

अकूत संपत्ति अर्जित करने वाले अन्य अफसरों की भी हो जांच...

शिक्षा विभाग के सूत्र बताते हैं कि रजनीकांत प्रवीण जिनके ठिकानों से 3 करोड़ 60 लाख मिले हैं, इनसे बड़ी मछली मौजूद है. बताया जाता है कि सूबे में पांच ऐसे डीईओ रहे, जिन्होंने 1-2 सालों में अकूत संपत्ति अर्जित की है. ये सभी महत्वपूर्ण जिलों में शिक्षा पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित रहे. बिना डर-भय के इनलोगों ने अकूत संपत्ति अर्जित कर विभिन्न कारोबार में लगाया है. एक डीईओ के बारे में चर्चा है कि वो बड़े शिक्षण संस्थान खोलने की तैयारी में हैं. अगर, बिहार की निगरानी ब्यूरो हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण जिलों में डीईओ के पद पर पदस्थापित रहे अधिकारियों की कुंडली खंगाले तो सभी के सभी बेनकाब होंगे. वैसे बता दें, शिक्षा विभाग के जिन पांच अफसरों की चर्चा कर रहे, उनमें कई पर गंभीर शिकायतें हैं. हालांकि शिक्षा विभाग के स्तर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

एक और DEO पर 'माल कमा' कर खपाने की चर्चा

शिक्षा विभाग के एक ऐसे ही शिक्षा पदाधिकारी चंपारण में पदस्थापित थे. कार्यालय के कर्मचारी-पदाधिकारी बताते हैं कि अपने पदस्थापन काल में उक्त शिक्षा अधिकारी ने जमकर माल बनाया. राजधानी पटना में करोड़ों की प्रॉपर्टी अर्जित की. कई प्लॉट पत्नी तो बाकी अपने रिश्तेदारोंं के नाम पर अर्जित की, अपने कार्यालय के एक सेवक के साथ भी राजधानी में संपत्ति बनाई। इसके अलावे कई तरह के आरोप भी लगे, जिला शिक्षा कार्यालय के लिपिक 'मिश्रा बंधू'  से विवाद में भी चर्चा में रहे, मुजफ्फरपुर के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक ने भी तत्कालीन डीईओ के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की अनुशंसा की थी. हालांकि उच्च सेटिंग की बदौलत सबसे अच्छी जगह पर डीईओ में पोस्टिंग पाकर मजा ले रहे. बता दें, उनके काल में सरकारी विद्यालयों में विकास के नाम पर खूब खेल किया गया था. माफिया से मिलकर जमकर माल उगाही की गई थी. उक्त जिले में हुए भ्रष्टाचार की पोल भी खुली थी. शिक्षा मंत्री से कार्रवाई की मांग भी हुई थी.इसी दौरान धनकुबेर शिक्षा अधिकारी ने स्थानांतरण करा लिया. लिहाजा मामला दब गया. बेंच-डेस्क सप्लाई में खेल  करने के आरोप में चंपारण के एक जिले के वर्तमान डीईओ के खिलाफ शिक्षा विभाग ने हाल ही में विभागीय कार्यवाही शुरू की  है, हालांकि पूर्व वाले हाकिम आराम से निकल गए और सबसे महत्वपूर्ण जिले में उसी पद पर ड्यूटी बजा रहे हैं. बेचारे वर्तमान जिला शिक्षा पदाधिकारी परेशान हैं, क्यों कि जिन पर गंभीर आरोप थे, वे अब तक बचे हैं, और विभाग ने सिर्फ उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही चलाने का निर्णय लिया है.

माल कमा कर निकले गए हाकिम

बता दें, जिस शिक्षा अधिकारी की बात कर रहे, वो चंपारण पदस्थापन के दौरान राजधानी पटना में करोड़ों की संपत्ति अर्जित की. पत्नी से लेकर बेहद करीबी 'सेवक' के नाम पर संपत्ति लिखवाई. जानकारी के अनुसार, दानापुर के गोला रोड इलाके में बेशकीमती जमीन की रजिस्ट्री वित्तीय वर्ष 202-23 में कराई गई। उक्त जमीन का बाजार मूल्य करोड़ों में आंकी जा रही है. कमाई का पैसा राजधानी में खपाने की चर्चा उनके दफ्तर में भी हुई, बेतिया के जिला शिक्षा पदाधिकारी के ठिकानों पर निगरानी की छापेमारी में जब अकूत संपत्ति का पता चला तो यह चर्चा एक बार फिर से छिड़ गई है. चर्चा यही है कि पड़ोसी जिले के डीईओ फंस गए,जबकि हमारे जिले वाले डीईओ कमा कर निकल गए.

सुशासन राज में भ्रष्टाचार के प्रतीक बने 'प्रवीण'

आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के केस में बेतिया के जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) रहे रजनीकांत प्रवीण के ठिकानों पर तलाशी और नोटों की गिनती का काम शुक्रवार को पूरा कर लिया गया। विशेष निगरानी इकाई की टीम को डीईओ के दरभंगा और बेतिया के ठिकानों से कुल तीन करोड़ 56 लाख 22 हजार रुपये नकद मिले हैं। डीईओ के पत्नी सुषमा कुमारी के दरभंगा स्थित आवास से ही तीन करोड़ 60 हजार रुपये नकद बरामद किए गए हैं। वहीं, डीईओ के बेतिया आवास से 55 लाख 62 हजार रुपये नकद मिला है। इसके अलावे लाखों के गहने, कई शहरों में जमीन के दस्तावेज बरामद किए गए हैं। बता दें, विशेष निगरानी इकाई ने आय से अधिक संपत्ति मामले में गुरुवार (23 जनवरी) को डीईओ के बेतिया, दरभंगा, मधुबनी समेत छह स्थानों पर एक साथ छापा मारा था।