Bihar Voter List Revision: बिहार में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण का काम अंतिम चरण में, अब तक 98% मतदाता कवर; EC का दावा Bihar Voter List Revision: बिहार में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण का काम अंतिम चरण में, अब तक 98% मतदाता कवर; EC का दावा Bihar News: स्वतंत्रता सेनानी रामधारी सिंह उर्फ जगमोहन सिंह का निधन, देश की आजादी में निभाई थी अहम भूमिका Bihar News: बिहार की सरकारी वेबसाइटों का होगा साइबर ऑडिट, आर्थिक अपराध इकाई ने बनाया बड़ा प्लान Bihar News: बिहार की सरकारी वेबसाइटों का होगा साइबर ऑडिट, आर्थिक अपराध इकाई ने बनाया बड़ा प्लान Bihar Crime News: बिहार में घरेलू कलह ने लिया हिंसक रूप, दांतों से पति की जीभ काटकर निगल गई पत्नी Bihar Crime News: बिहार में घरेलू कलह ने लिया हिंसक रूप, दांतों से पति की जीभ काटकर निगल गई पत्नी Bihar Transport: फिटनेस का फुल स्पीड खेल ! बिहार के ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर 'प्रमाण पत्र' जारी करने में देश भर में बना रहे रिकॉर्ड, गाड़ियों की जांच के नाम पर 'फोटो फ्रॉड इंडस्ट्री' ? Bihar Politics: SIR के मुद्दे पर तेजस्वी के साथ खडे हुए JDU सांसद, निर्वाचन आयोग के फैसले को बताया तुगलकी फरमान Bihar Politics: SIR के मुद्दे पर तेजस्वी के साथ खडे हुए JDU सांसद, निर्वाचन आयोग के फैसले को बताया तुगलकी फरमान
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 23 Apr 2025 10:14:26 AM IST
बिहार की पारंपरिक मिठाइयां: स्वाद और सांस्कृतिक धरोहर का बेहतरीन संगम। - फ़ोटो Google
Bihar traditional sweets: बिहार की मिठाइयों का स्वाद केवल मीठा नहीं होता, बल्कि वह बीते जमाने की यादों, परंपराओं और रिश्तों की मिठास लिए होता है। चाहे शादी-ब्याह हो या तीज-त्योहार, इन पारंपरिक मिठाइयों के बिना कोई भी आयोजन अधूरा लगता है।
पाक कला की धरोहर:
बिहार की पाक कला भी इसके सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस राज्य के खानपान में ताजगी और विविधता देखने को मिलती है। यहां की कई खास सामग्री, जैसे चावल, दाल और गेहूं, जो यहां की उपजाऊ गंगा के मैदानों में उगाए जाते हैं, बिहार की रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा हैं। बिहार की खाद्य संस्कृति में मिठाइयों का एक विशेष स्थान है, जो हर अवसर पर स्वाद का आनंद देती हैं।
बिहार की पारंपरिक मिठाइयां:
बिहार में कई प्रकार की पारंपरिक मिठाइयां हैं, जो न केवल स्वादिष्ट होती हैं, बल्कि यहां की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी हैं। यहां की प्रमुख मिठाइयां निम्नलिखित हैं:
अनरसा: यह एक पारंपरिक मिठाई है जो चावल के आटे और चीनी से बनाई जाती है। इसे खास तौर पर तीज और त्योहारों पर बनाया जाता है।
लाई: यह एक डिस्क के आकार की मिठाई है, जो राम दाना के बीज, खोया और गुड़ के मिश्रण से बनती है। यह हल्की मीठी होती है और इसका स्वाद बेहद खास होता है।
मालपुआ: यह एक नरम, जालीदार और मीठी पकवान है, जो मैदा, चीनी और दूध से बनाई जाती है। इसे खास तौर पर त्यौहारों में बनाया जाता है।
पिड़िकिया: खोया, चीनी और मेवों से बनाई जाती यह मिठाई खास अवसरों पर बनती है।
ठेकुआ: यह गेहूं के आटे, गुड़ और घी से बनी एक मिठाई है, जो खासतौर पर चहल्ला (कृषि त्यौहार) और अन्य धार्मिक आयोजनों में बनाई जाती है।
मखाना खीर: मखाना, दूध और मेवों से बनाई जाने वाली यह मिठाई विशेष रूप से उपवास के दौरान खाई जाती है।
बूंदी लड्डू: बेसन से बनी और चीनी में डूबी हुई यह मिठाई बिहार में बहुत प्रसिद्ध है, खासकर शादियों और पर्वों में।
कसार: यह मिठाई मैदा, चीनी और दूध से बनाई जाती है। यह हल्की मीठी होती है और विशेष अवसरों पर बनती है।
खाजा: यह परतदार मिठाई है, जो मैदा, चीनी और घी से बनाई जाती है। यह बिहार के नालंदा क्षेत्र में विशेष रूप से प्रसिद्ध है।
बालूशाही: यह मैदा और चीनी से बनी गोल मिठाई है, जो घी में तली जाती है और फिर चीनी की चाशनी में डूबो दी जाती है।
तिलकुट: तिल और गुड़ से बनी यह मिठाई खासकर मकर संक्रांति के दौरान बनती है और बिहार में बेहद लोकप्रिय है।
जलेबी: यह मिठाई भारत के लगभग सभी हिस्सों में खाई जाती है, जिसमें बिहार भी शामिल है। यह घी में तली हुई मीठी डिश है, जो विशेष रूप से त्योहारों और मेलों में बनाई जाती है।
बिहार में मिठाइयों का सांस्कृतिक महत्व:
बिहार में मिठाइयों का स्थान केवल स्वाद तक सीमित नहीं है, बल्कि ये सामाजिक आयोजनों और सांस्कृतिक पर्वों का अहम हिस्सा भी हैं। छठ पूजा, मकर संक्रांति, दीवाली और होली जैसे प्रमुख पर्वों में इन मिठाइयों को बनाकर देवताओं को अर्पित किया जाता है और परिवार के सदस्यों के बीच बांटा जाता है। इसके अलावा शादियों और अन्य पारिवारिक समारोहों में भी इन मिठाइयों का विशेष स्थान होता है।
बिहार की मिठाइयां न केवल स्वादिष्ट होती हैं, बल्कि इनमें एक समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर भी समाहित है। ये मिठाइयां पारंपरिक विधियों से बनती हैं, जो पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही हैं और आज भी स्थानीय त्योहारों और सामाजिक अवसरों पर बनाई जाती हैं।
मिठाइयां न केवल स्वाद में अद्भुत होती हैं, बल्कि वे इस राज्य की सांस्कृतिक पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी हैं। इन मिठाइयों को खाने का अनुभव एक तरह से बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का भी अनुभव होता है, जो हर बाइट में जीवन की मिठास का अहसास कराता है।