1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 22 Dec 2025 11:02:33 AM IST
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Bihar Employment : बिहार के सीतामढ़ी जिले में पर्यटन और आर्थिक विकास को लेकर महत्वपूर्ण परियोजना शुरू की जा रही है। उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि माता सीता के जन्मस्थान पुनौराधाम में भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। इस मंदिर के निर्माण के बाद उसके आसपास एक आधुनिक और सुव्यवस्थित शहर बसाया जाएगा, जिसे सीतापुरी के नाम से जाना जाएगा। यह परियोजना धार्मिक दृष्टि के साथ-साथ जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने में भी अहम भूमिका निभाएगी।
बिहार के सीतामढ़ी जिले में पर्यटन और आर्थिक विकास को लेकर महत्वपूर्ण परियोजना शुरू की जा रही है। उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि माता सीता के जन्मस्थान पुनौराधाम में भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। इस मंदिर के निर्माण के बाद उसके आसपास एक आधुनिक और सुव्यवस्थित शहर बसाया जाएगा, जिसे सीतापुरी के नाम से जाना जाएगा। यह परियोजना धार्मिक दृष्टि के साथ-साथ जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने में भी अहम भूमिका निभाएगी।
सीतामढ़ी में पर्यटन को नया आयाम
सीतापुरी शहर के निर्माण से जिले में पर्यटन के क्षेत्र में नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे। पहले चरण में भव्य सीता मंदिर का निर्माण पूरा होगा, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। इसके साथ ही शहर की आधुनिक अवसंरचना और सुविधाएँ जिले में निवेश और रोजगार के नए अवसर पैदा करेंगी। डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि सीतामढ़ी अब केवल धार्मिक महत्व का केंद्र नहीं रहेगा, बल्कि पर्यटन और निवेश के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण शहर बन जाएगा।
राज्य सरकार की योजना और लक्ष्य
सम्राट चौधरी ने बताया कि बिहार में अगले एक-दो वर्षों में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए लैंडिंग सुविधा शुरू की जाएगी। इसके लिए एयरपोर्ट की इन्फ्रास्ट्रक्चर और रनवे के विस्तार पर व्यापक काम चल रहा है। उनका कहना है कि राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य है कि अगले पांच वर्षों में मजबूरी में बिहार से बाहर मजदूरी करने वाले लोगों को राज्य में ही रोजगार उपलब्ध कराया जाए।
बिहार में रोजगार उपलब्ध कराना प्राथमिकता
डिप्टी सीएम ने स्पष्ट किया कि जो लोग बेहतर नौकरी की तलाश में दूसरे राज्यों में जाते हैं, यह बिहार के लिए गर्व की बात है। लेकिन जो लोग मजबूरी में बाहर जाकर मजदूरी करते हैं, उन्हें हर हाल में राज्य में ही सम्मानजनक रोजगार दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत अब केवल आचार-व्यवहार का प्रतीक नहीं रहा, बल्कि एक मजबूत राष्ट्र के रूप में दुनिया के सामने उभर रहा है।
कोसी इलाके का विकास
इस अवसर पर डिप्टी सीएम ने कोसी इलाके का भी जिक्र किया। सुपौल, सहरसा, मधेपुरा और खगड़िया जिले लंबे समय तक बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित रहे हैं। पिछले 20 वर्षों में लगभग 10 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचित किया गया है। इस परियोजना से स्थानीय कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है। सम्राट चौधरी ने कहा कि इन जिलों के विकास से बिहार में पर्यटन, कृषि और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
भविष्य की संभावनाएँ और निवेश
सीतापुरी शहर और भव्य सीता मंदिर का निर्माण न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह निवेश और रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा। पर्यटक आकर्षण और आधुनिक शहर की सुविधाएँ मिलकर स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देंगी। राज्य सरकार की योजना है कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के शुरू होने के बाद बिहार को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख स्थान मिले।
बिहार सरकार की यह पहल स्पष्ट रूप से दिखाती है कि राज्य का विकास केवल धार्मिक या सांस्कृतिक दृष्टिकोण तक सीमित नहीं है। सीतामढ़ी में सीतापुरी शहर और सीता मंदिर के निर्माण से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रोजगार और निवेश के क्षेत्र में भी नई संभावनाएँ खुलेंगी। साथ ही, कोसी इलाके जैसे पिछड़े क्षेत्रों का विकास, सिंचाई और अवसंरचना परियोजनाओं के माध्यम से कृषि और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा। यह परियोजना बिहार को आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से सशक्त राज्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
सीतापुरी शहर के निर्माण से जिले में पर्यटन के क्षेत्र में नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे। पहले चरण में भव्य सीता मंदिर का निर्माण पूरा होगा, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। इसके साथ ही शहर की आधुनिक अवसंरचना और सुविधाएँ जिले में निवेश और रोजगार के नए अवसर पैदा करेंगी। डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि सीतामढ़ी अब केवल धार्मिक महत्व का केंद्र नहीं रहेगा, बल्कि पर्यटन और निवेश के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण शहर बन जाएगा।
राज्य सरकार की योजना और लक्ष्य
सम्राट चौधरी ने बताया कि बिहार में अगले एक-दो वर्षों में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए लैंडिंग सुविधा शुरू की जाएगी। इसके लिए एयरपोर्ट की इन्फ्रास्ट्रक्चर और रनवे के विस्तार पर व्यापक काम चल रहा है। उनका कहना है कि राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य है कि अगले पांच वर्षों में मजबूरी में बिहार से बाहर मजदूरी करने वाले लोगों को राज्य में ही रोजगार उपलब्ध कराया जाए।
बिहार में रोजगार उपलब्ध कराना प्राथमिकता
डिप्टी सीएम ने स्पष्ट किया कि जो लोग बेहतर नौकरी की तलाश में दूसरे राज्यों में जाते हैं, यह बिहार के लिए गर्व की बात है। लेकिन जो लोग मजबूरी में बाहर जाकर मजदूरी करते हैं, उन्हें हर हाल में राज्य में ही सम्मानजनक रोजगार दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत अब केवल आचार-व्यवहार का प्रतीक नहीं रहा, बल्कि एक मजबूत राष्ट्र के रूप में दुनिया के सामने उभर रहा है।
कोसी इलाके का विकास
इस अवसर पर डिप्टी सीएम ने कोसी इलाके का भी जिक्र किया। सुपौल, सहरसा, मधेपुरा और खगड़िया जिले लंबे समय तक बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित रहे हैं। पिछले 20 वर्षों में लगभग 10 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचित किया गया है। इस परियोजना से स्थानीय कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है। सम्राट चौधरी ने कहा कि इन जिलों के विकास से बिहार में पर्यटन, कृषि और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
भविष्य की संभावनाएँ और निवेश
सीतापुरी शहर और भव्य सीता मंदिर का निर्माण न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह निवेश और रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा। पर्यटक आकर्षण और आधुनिक शहर की सुविधाएँ मिलकर स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देंगी। राज्य सरकार की योजना है कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के शुरू होने के बाद बिहार को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख स्थान मिले।
बिहार सरकार की यह पहल स्पष्ट रूप से दिखाती है कि राज्य का विकास केवल धार्मिक या सांस्कृतिक दृष्टिकोण तक सीमित नहीं है। सीतामढ़ी में सीतापुरी शहर और सीता मंदिर के निर्माण से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रोजगार और निवेश के क्षेत्र में भी नई संभावनाएँ खुलेंगी। साथ ही, कोसी इलाके जैसे पिछड़े क्षेत्रों का विकास, सिंचाई और अवसंरचना परियोजनाओं के माध्यम से कृषि और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा। यह परियोजना बिहार को आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से सशक्त राज्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।