1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 24 Dec 2025 09:58:55 AM IST
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Bihar schools : पटना जिले के सरकारी स्कूलों में संचालित होने वाली सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) लैब अब बंद नहीं होगी। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की सख्त हिदायत के बाद जिले के सभी संबंधित अधिकारियों को लैब के नियमित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। जिले में फिलहाल कुल 74 स्कूलों में आइसीटी लैब संचालित हो रही है और अब इन लैबों को पूरी सक्रियता के साथ विद्यार्थियों के तकनीकी कौशल को बढ़ाने के लिए उपयोग में लाया जाएगा।
जिला शिक्षा कार्यालय ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि यदि लैब सक्रिय नहीं रहेगी या नियमित रूप से संचालन नहीं होगा, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत लैब में हो रही प्रत्येक गतिविधि की प्रतिदिन की रिपोर्ट जिला कार्यालय को भेजना अनिवार्य होगा। इस पहल का मुख्य उद्देश्य बच्चों को कंप्यूटर साक्षरता और तकनीकी कौशल से दक्ष बनाना और कक्षा को अधिक रोचक तथा इंटरएक्टिव बनाना है।
लैब में स्मार्ट क्लासरूम भी स्थापित किया गया है। स्मार्ट क्लासरूम डिजिटल शिक्षण का एक आधुनिक माध्यम है जिसमें इंटरएक्टिव बोर्ड, ऑडियो-वीडियो सामग्री और विशेष सॉफ़्टवेयर के माध्यम से पाठ्यक्रम को रोचक तरीके से पढ़ाया जाता है। इससे न केवल बच्चों की सीखने की क्षमता बढ़ती है, बल्कि तकनीकी जानकारी का अनुभव भी मिलता है।
नए नियमों के अनुसार, अब जिले के सभी 74 स्कूलों की आइसीटी लैब में उपस्थित इंस्ट्रक्टर को प्रतिदिन ट्रैकर के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी। इसके साथ ही लैब में की गई गतिविधियों की फोटो नोटकैम के माध्यम से अपलोड करनी होगी और विद्यार्थियों को क्या पढ़ाया गया, इसका विस्तृत विवरण भी साझा करना अनिवार्य होगा। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि लैब का संचालन नियमित और प्रभावी हो।
आइसीटी लैब में कंप्यूटर, प्रोजेक्टर, इंटरनेट और अन्य डिजिटल उपकरणों की सुविधा दी गई है। यहाँ विद्यार्थी कंप्यूटर साक्षरता, तकनीकी कौशल और डिजिटल उपकरणों के उपयोग में दक्ष बनते हैं। इन लैबों के माध्यम से बच्चों को आधुनिक तकनीकी दुनिया से परिचित कराना और उन्हें भविष्य की डिजिटल आवश्यकताओं के लिए तैयार करना लक्ष्य है।
जिला शिक्षा कार्यालय का कहना है कि कई स्कूलों में पहले यह देखा गया कि लैब का उपयोग अनियमित रूप से हो रहा था और प्रतिदिन कक्षाएं आयोजित नहीं की जा रही थीं। अब सख्त निर्देशों और ट्रैकर सिस्टम के माध्यम से इसे नियमित किया जाएगा। इसके परिणामस्वरूप शिक्षक और विद्यार्थी दोनों ही लैब के उपयोग में अधिक गंभीर और उत्तरदायी बनेंगे।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस प्रकार की पहल से बच्चों में तकनीकी कौशल, समस्या सुलझाने की क्षमता और डिजिटल साक्षरता में सुधार होगा। साथ ही, यह पारंपरिक कक्षा शिक्षण को अधिक रोचक और इंटरएक्टिव बनाने में भी सहायक होगा।
पटना जिले में आइसीटी लैब के सक्रिय संचालन से यह उम्मीद की जा रही है कि विद्यार्थी तकनीकी क्षेत्र में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ेंगे और डिजिटल दुनिया में अपनी उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे। जिले के सभी स्कूलों में लैब का नियमित संचालन सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा अधिकारियों की निगरानी और सख्त रिपोर्टिंग प्रणाली को लागू किया गया है। इस पहल से शिक्षा प्रणाली में तकनीकी सुधार और बच्चों की दक्षता दोनों में वृद्धि होने की संभावना है।