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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 04 Jun 2025 08:55:56 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: पटना के बांस घाट पर एक ऐतिहासिक परियोजना ने अब रफ्तार पकड़ ली है, जहां गंगा नदी के किनारे सुरक्षा बांध को तोड़कर एक आधुनिक मोक्षधाम का निर्माण शुरू हो गया है। बिहार राज्य शहरी आधारभूत संरचना निगम (बुडको) द्वारा 100 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे इस मोक्षधाम में शवदाह और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को सुगम और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की योजना है।
इस परियोजना के तहत दो तालाब, पांच शवदाह प्लेटफॉर्म, और स्वजनों के लिए विशेष सुविधाएं विकसित की जाएंगी। बांस घाट पर गंगा नदी के किनारे पहले से मौजूद सुरक्षा बांध को मोक्षधाम के लिए रास्ता बनाने के लिए तोड़ा गया है। प्रशासन ने इस क्षेत्र में अतिक्रमण को भी हटा दिया है, ताकि निर्माण कार्य में कोई बाधा न आए। अब निर्माण एजेंसी एक नया, मजबूत सुरक्षा बांध तैयार कर रही है, जो मोक्षधाम की संरचना को बाढ़ और नदी के कटाव से बचाएगा।
बुडको के तत्वावधान में बन रहा यह मोक्षधाम आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। इसकी प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:
दो तालाब: गंगा नदी से पाइप के जरिए पानी लाकर दो तालाब बनाए जाएंगे। इनका उद्देश्य शवदाह के बाद स्वजनों को नदी किनारे जाने के बजाय सुरक्षित और स्वच्छ स्थान पर स्नान की सुविधा देना है। यह कदम गंगा की स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण है।
पांच शवदाह प्लेटफॉर्म: मोक्षधाम में पांच प्लेटफॉर्म होंगे, जिनमें से दो बिजली चालित होंगे और तीन पर पारंपरिक लकड़ी से शवदाह होगा। यह व्यवस्था पर्यावरण के अनुकूल और लागत प्रभावी होगी।
स्वजनों के लिए सुविधाएं: अंतिम संस्कार के लिए आने वाले लोगों के लिए स्नान और कपड़े बदलने के लिए अलग-अलग कमरे बनाए जा रहे हैं। ये कमरे गोपनीयता और सुविधा सुनिश्चित करेंगे।
संचालन और रखरखाव: निर्माण पूरा होने के बाद बुडको ही इस मोक्षधाम का संचालन करेगा, जिससे इसकी दीर्घकालिक रखरखाव और प्रबंधन सुनिश्चित होगा।
इस मोक्षधाम के निर्माण पर करीब 100 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। यह परियोजना न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है, बल्कि यह गंगा की स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के लिए भी एक मॉडल बन सकती है। बांस घाट पर पहले से मौजूद शवदाह गृह पुराने और अपर्याप्त हो चुके थे, जिससे स्थानीय लोगों को असुविधा होती थी। नया मोक्षधाम इन समस्याओं को हल करेगा और पटना को एक आधुनिक अंतिम संस्कार स्थल प्रदान करेगा।