Bihar Voter List Revision: बिहार में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण का काम अंतिम चरण में, अब तक 98% मतदाता कवर; EC का दावा Bihar Voter List Revision: बिहार में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण का काम अंतिम चरण में, अब तक 98% मतदाता कवर; EC का दावा Bihar News: स्वतंत्रता सेनानी रामधारी सिंह उर्फ जगमोहन सिंह का निधन, देश की आजादी में निभाई थी अहम भूमिका Bihar News: बिहार की सरकारी वेबसाइटों का होगा साइबर ऑडिट, आर्थिक अपराध इकाई ने बनाया बड़ा प्लान Bihar News: बिहार की सरकारी वेबसाइटों का होगा साइबर ऑडिट, आर्थिक अपराध इकाई ने बनाया बड़ा प्लान Bihar Crime News: बिहार में घरेलू कलह ने लिया हिंसक रूप, दांतों से पति की जीभ काटकर निगल गई पत्नी Bihar Crime News: बिहार में घरेलू कलह ने लिया हिंसक रूप, दांतों से पति की जीभ काटकर निगल गई पत्नी Bihar Transport: फिटनेस का फुल स्पीड खेल ! बिहार के ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर 'प्रमाण पत्र' जारी करने में देश भर में बना रहे रिकॉर्ड, गाड़ियों की जांच के नाम पर 'फोटो फ्रॉड इंडस्ट्री' ? Bihar Politics: SIR के मुद्दे पर तेजस्वी के साथ खडे हुए JDU सांसद, निर्वाचन आयोग के फैसले को बताया तुगलकी फरमान Bihar Politics: SIR के मुद्दे पर तेजस्वी के साथ खडे हुए JDU सांसद, निर्वाचन आयोग के फैसले को बताया तुगलकी फरमान
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 11 Apr 2025 04:10:55 PM IST
मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना से बनेंगे 700 नए पुल - फ़ोटो GOOGLE
Bihar News: बिहार सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक बड़ी और दूरदर्शी योजना की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुआई में ‘मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना’ के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 में 700 नए पुलों के निर्माण की तैयारी की गई है। इस पर करीब 3000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिससे प्रदेश के हजारों गांवों को सुरक्षित, स्थायी और हर मौसम में चालू रहने वाला सड़क संपर्क मिल सकेगा।
कनेक्टिविटी के नए युग की शुरुआत
इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध और टिकाऊ संपर्क को मजबूत करना है, खासकर उन इलाकों में जहाँ आज भी बरसात, बाढ़, और जर्जर पुलों की वजह से आवाजाही में बड़ी समस्याएं आती हैं। सितंबर 2024 में इस योजना को स्वीकृति मिल चुकी है, और अब इसका कार्यान्वयन तेजी से किया जा रहा है। वहीं पुराने पुलों का होगा पुनर्निर्माण, मिसिंग लिंक को जोड़ा जाएगा।
योजना के तहत निम्नलिखित पहलुओं पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा
पुराने और जर्जर पुलों की जगह नए और मजबूत पुलों का निर्माण
बाढ़ व अन्य आपदाओं से क्षतिग्रस्त पुलों का पुनर्निर्माण
जहां पुल पहले से बने हैं लेकिन एप्रोच रोड नहीं हैं, वहां पथ का निर्माण
मिसिंग लिंक वाले क्षेत्रों में नए पुलों का निर्माण, ताकि हर गांव शहरों से बेहतर जुड़े
जनता की मांगों को मिली तवज्जो
इस योजना की खास बात यह है कि इसमें जनभागीदारी को प्रमुखता दी गई है। मुख्यमंत्री के लोकप्रिय कार्यक्रम ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ में आए जन सुझाव और घोषणाएं इस योजना में सीधे शामिल किए गए हैं। इससे यह योजना जनसंवेदनशीलता और जमीनी हकीकतों पर आधारित बनती है, जो सिर्फ विभागीय फाइलों में सिमटी नहीं है।
अब तक 14 पुलों को मिली मंजूरी
वर्तमान में इस योजना के तहत 14 पुलों को प्रशासनिक मंजूरी मिल चुकी है, जिन पर 117.64 करोड़ रुपये खर्च होंगे। शेष प्रस्तावों की जिला स्तर पर समीक्षा और अनुशंसा चल रही है, जिसके बाद सभी परियोजनाओं को चरणबद्ध ढंग से स्वीकृति दी जाएगी।
विकास के बहुआयामी लाभ
सरकार का कहना है कि यह योजना सिर्फ पुलों का निर्माण नहीं बल्कि गांवों के सामाजिक और आर्थिक बदलाव की नींव रखेगी, जिससे विभिन्न लाभ हो सकता है। जैसे:
किसान अपने उत्पादों को आसानी से मंडी तक पहुंचा सकेंगे
बच्चों और छात्रों को स्कूल, कॉलेज जाना आसान होगा
आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित होगी
स्थानीय व्यवसाय और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा
गांवों का शहरी क्षेत्रों से आर्थिक और सामाजिक जुड़ाव मजबूत होगा
‘मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना’ बिहार के इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्रामीण विकास में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। इससे न केवल सड़क संपर्क बेहतर होगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच और आपदा प्रबंधन क्षमता में भी सुधार होगा। बिहार सरकार की यह योजना "विकास गांव से शुरू" की अवधारणा को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।