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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 25 May 2025 09:53:21 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Meta
Bihar New Expressway: बिहार के सड़क नेटवर्क को मजबूत करने की दिशा में केंद्र सरकार ने दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं, गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे और रामजानकी मार्ग, को मंजूरी दे दी है। ये परियोजनाएं न केवल बिहार की कनेक्टिविटी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी, बल्कि औद्योगिक विकास, पर्यटन, और आर्थिक गतिविधियों को भी तेजी देंगी। इन सड़कों से यात्रा का समय और लागत दोनों कम होंगे, जिससे बिहार, उत्तर प्रदेश, और पश्चिम बंगाल के बीच बेहतर संपर्क स्थापित होगा।
बताते चलें कि, गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे एक सिक्स-लेन हाई-स्पीड ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट है, जिसकी कुल लंबाई 525.6 किलोमीटर है। इसमें से 417 किलोमीटर बिहार में बनेगा। यह एक्सप्रेस-वे वाहनों को 120 किमी/घंटा की रफ्तार से चलने की सुविधा देगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत 27,522 crore रुपये है, जो प्रति किलोमीटर लगभग 66 crore रुपये बैठती है। यह बिहार का तीसरा स्वीकृत एक्सप्रेस-वे है, जो वाराणसी-कोलकाता और पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे के बाद मंजूरी प्राप्त कर रहा है।
यह सड़क उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से शुरू होकर पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक जाएगी और बिहार के पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, और किशनगंज जिलों से होकर गुजरेगी। इससे इन क्षेत्रों में औद्योगिक विकास, पर्यटन, और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इस एक्सप्रेस-वे से गोरखपुर से सिलीगुड़ी की यात्रा, जो वर्तमान में 15 घंटे लेती है, केवल 6 घंटे में पूरी हो सकेगी।
वहीं, रामजानकी मार्ग एक और महत्वपूर्ण परियोजना है, जिसके तहत मशरख से चकिया और फिर भिट्ठा मोड़ तक की सड़क को फोर-लेन बनाया जाएगा। इसकी कुल लंबाई 436.5 किलोमीटर है, जिसमें 251 किलोमीटर बिहार में और 185.5 किलोमीटर उत्तर प्रदेश में होगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत 7,269 crore रुपये है, और इसकी डिज़ाइन स्पीड 100 किमी/घंटा होगी।
इस सड़क का 103 किलोमीटर हिस्सा हरित क्षेत्र में और 42 किलोमीटर मौजूदा अलाइनमेंट पर बनेगा। इसके अलावा, डुमरसन, केसरिया, चकिया-मधुबन, नया गांव शिवहर, बथनाहा-कुमहां, और सुरसंड में बायपास भी बनाए जाएंगे, जो यातायात को और सुगम बनाएंगे। यह मार्ग धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा, क्योंकि यह रामजानकी मंदिर जैसे महत्वपूर्ण स्थलों को जोड़ेगा, जिससे नेपाल और भारत के बीच सांस्कृतिक और पर्यटन संबंध मजबूत होंगे।