New labor code : बिहार में नए श्रम कानून लागू, कामगारों को मिलेगी ग्रेच्युटी और फ्री हेल्थ चेकअप; इन सुविधाओं का भी मिलेगा लाभ

बिहार में केंद्र सरकार के चार नए लेबर कोड लागू। कामगारों को नियुक्ति-पत्र, ग्रेच्युटी सिर्फ 1 साल बाद, ओवरटाइम भुगतान, महिलाओं की सुरक्षा और 40 वर्ष से अधिक उम्र के कामगारों को सालाना मुफ्त हेल्थ चेक जैसी सुविधाएं मिलेंगी।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 23 Dec 2025 01:31:31 PM IST

New labor code : बिहार में नए श्रम कानून लागू, कामगारों को मिलेगी ग्रेच्युटी और फ्री हेल्थ चेकअप; इन सुविधाओं का भी मिलेगा लाभ

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Bihar labor law : बिहार में केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए चार नए श्रम कानूनों से राज्य के लगभग साढ़े तीन करोड़ कामगारों को बड़ा लाभ मिलने वाला है। श्रम मंत्रालय की ओर से यह सुधार 29 पुराने श्रम कानूनों के स्थान पर लाए गए लेबर कोड के तहत किए गए हैं। इन कानूनों में मजदूरी पर कोड (2019), इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड (2020), सोशल सिक्योरिटी कोड (2020) और आक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड (2020) शामिल हैं। बिहार सरकार जनवरी 2026 में इस नियमावली को लागू करने जा रही है, जिसके पहले यह वेबसाइट पर अपलोड कर सुझाव आम जनता से मांगे जा रहे हैं।


श्रम सचिव दीपक आनंद के अनुसार नए नियमों के लागू होने के बाद सभी कामगारों के लिए नियुक्ति-पत्र अनिवार्य होगा। इससे रोजगार में पारदर्शिता बढ़ेगी और फार्मलाइजेशन मजबूत होगा। इसके अलावा कामगारों को यूनिवर्सल सोशल सिक्योरिटी कवरेज, इंश्योरेंस और अन्य सामाजिक सुरक्षा लाभ मिलेंगे। 40 वर्ष से अधिक उम्र के कामगारों को सालाना मुफ्त हेल्थ चेकअप का लाभ भी मिलेगा।


लेबर कोड के तहत गिग वर्कर्स को भी सामाजिक सुरक्षा दी जाएगी। सभी कर्मचारियों को नियुक्ति-पत्र देना अनिवार्य होगा और सीमित अवधि के कांट्रैक्ट कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारियों जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि ग्रेच्युटी पाने के लिए अब पांच साल का न्यूनतम कार्यकाल अनिवार्य नहीं रहेगा। कर्मचारी एक साल की नौकरी के बाद भी ग्रेच्युटी के हकदार होंगे। इसके अलावा ओवरटाइम के भुगतान के नियमों में भी बदलाव किए गए हैं, जिससे कामगारों को उनके अतिरिक्त काम के अनुसार उचित भुगतान मिलेगा।


महिलाओं की सुरक्षा को भी ध्यान में रखते हुए नए कोड में नाइट-शिफ्ट में काम की छूट जैसी सुविधाएं दी गई हैं। न्यूनतम वेतन की गारंटी के साथ ही सभी कर्मचारियों को समय पर वेतन भुगतान सुनिश्चित करने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा अब एक सिंगल रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस और रिटर्न सिस्टम भी लागू किया जाएगा, जिससे कंपनियों और कर्मचारियों दोनों के लिए प्रक्रिया सरल और पारदर्शी होगी।


श्रम सचिव ने बताया कि भविष्य के लिए तैयार वर्कफोर्स के लिए यह माडर्न फ्रेमवर्क तैयार किया गया है। इसमें सभी क्षेत्रों के कामगारों के लिए समय पर न्यूनतम वेतन के साथ-साथ ओवरटाइम काम के घंटों का दोगुना भुगतान करने का प्रावधान है। यह बदलाव न केवल कामगारों के लिए फायदेमंद है, बल्कि कंपनियों को भी नियमों के तहत काम करने में सुविधा देगा।


इन सुधारों से बिहार में कामगारों का जीवन स्तर सुधरेगा और उन्हें सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य लाभ और रोजगार में पारदर्शिता के जरिए अधिक संरक्षण मिलेगा। नए लेबर कोड के लागू होने के बाद फिक्स्ड-टर्म कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारियों के बराबर वेतन, छुट्टी, चिकित्सा सुविधाएं और सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलेगा। कुल मिलाकर यह सुधार बिहार के कामगारों के लिए एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा, जिससे उन्हें आधुनिक और सुरक्षित कार्य वातावरण मिलेगा।