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Bihar News: बिहार में बनेगी मोकामा-मुंगेर चार लेन सड़क, रेल नेटवर्क का भी होगा विस्तार

Bihar News: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बिहार के विकास के लिए दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इसमें सबसे प्रमुख है मोकामा-मुंगेर के बीच बनने वाली चार लेन ग्रीनफील्ड सड़क परियोजना।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 11 Sep 2025 07:26:01 AM IST

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बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE

Bihar News: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बिहार के विकास के लिए दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इसमें सबसे प्रमुख है मोकामा-मुंगेर के बीच बनने वाली चार लेन ग्रीनफील्ड सड़क परियोजना, जो कि बक्सर-भागलपुर सड़क परियोजना का हिस्सा है। इस सड़क के निर्माण के लिए पहले ही टेंडर जारी किया जा चुका है और इस महीने के अंत तक एजेंसियों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इसे चुनावी साल में बिहार के लिए मोदी सरकार का बड़ा तोहफा माना जा रहा है।


इस सड़क की कुल लंबाई 82.40 किलोमीटर होगी और इसका निर्माण हाइब्रिड एन्यूटी मोड (एचएएम) के तहत किया जाएगा। इस मॉडल के तहत चयनित निर्माण एजेंसी को कुल लागत का 60% स्वयं वहन करना होगा, जबकि केंद्र सरकार 40% लागत वहन करेगी। एजेंसी निर्माण कार्य पूरा होने के बाद टोल कलेक्शन के माध्यम से अपनी लागत वसूल करेगी। परियोजना की कुल लागत 4447 करोड़ रुपये है, और चयनित एजेंसी को यह कार्य ढाई साल में पूरा करना होगा। साथ ही, एजेंसी अगले 15 वर्षों तक सड़क की देखभाल भी करेगी।


पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का आभार जताते हुए कहा कि इस परियोजना से बिहार के सुदूरवर्ती क्षेत्रों को राजधानी पटना से जोड़ने में मदद मिलेगी। इस सड़क के पूरा होने के बाद लोगों को कम से कम डेढ़ घंटे की समय बचत होगी और गाड़ियाँ लगभग 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकेंगी। वर्तमान में बक्सर से कोईलवर तक चार लेन सड़क बन चुकी है, कोईलवर से बिहटा होते हुए पटना तक एलिवेटेड रोड निर्माणाधीन है, जबकि पटना से मोकामा तक सड़क पहले से चालू है। अब मोकामा-मुंगेर खंड की मंजूरी से यह कॉरिडोर और सशक्त होगा।


इस परियोजना के लिए राज्य सरकार भूमि अधिग्रहण का कार्य कर रही है, जो जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री की परिकल्पना के अनुसार, इस सड़क के बनने से सिर्फ चार घंटे में राजधानी पटना पहुँचना संभव होगा। राज्य सरकार ने एनएचएआई को हरसंभव सहयोग का भरोसा भी दिया है।


सड़क के अलावा रेलवे क्षेत्र में भी बिहार को केंद्र सरकार की ओर से बड़ा लाभ मिला है। फतुहा-बिदुपुर के बीच गंगा नदी पर नए रेल पुल और 10 किमी लंबी नई रेल लाइन के लिए रेल मंत्रालय ने अंतिम लोकेशन सर्वे की मंजूरी दे दी है। पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्रा के अनुसार, इस परियोजना समेत पूर्व मध्य रेलवे की 12 प्रमुख संरचनाओं के सर्वे कार्य के लिए कुल 10.51 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है।


इसमें पाटलिपुत्र–फुलवारीशरीफ (6 किमी) और पाटलिपुत्र–दानापुर (6 किमी) रेल मार्ग के दोहरीकरण का भी सर्वे शामिल है। इसके अलावा दनियावां (4 किमी) और नेउरा (6 किमी) वाईपास लाइन का सर्वे भी प्रस्तावित है। सर्वे के बाद डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार की जाएगी। अंतिम लोकेशन सर्वे किसी भी बड़ी रेलवे परियोजना के लिए आवश्यक कदम होता है, जिससे परियोजना का कार्यान्वयन सटीक और योजनाबद्ध रूप से हो सके।


कैबिनेट की बैठक में एक और बड़ी घोषणा की गई। भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट रेलखंड के दोहरीकरण को मंजूरी दे दी गई है। यह परियोजना 177 किलोमीटर लंबी होगी और इस पर 3169 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इससे बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। यह रेल खंड हावड़ा और जमालपुर को जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा। इस परियोजना से बांका और भागलपुर जिलों को विशेष फायदा होगा। इसके अलावा कोयला, सीमेंट, खाद और पत्थर जैसी आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही पहले की तुलना में कहीं अधिक सरल और सुलभ हो जाएगी।