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Bihar Assembly Election : बिहार में भी लागू होगा शिंदे फार्मूला ! BJP के प्लान पर CM नीतीश के करीबी नेता का बड़ा खुलासा, जानिए क्या दिया जवाब

बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर दिया है। वहीं जेडीयू ने साफ किया है कि एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ रहा है और जीत के बाद वही मुख्यमंत्री बनेंगे।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 27 Oct 2025 10:18:16 AM IST

Bihar Assembly Election : बिहार में भी लागू होगा शिंदे फार्मूला ! BJP के प्लान पर CM नीतीश के करीबी नेता का बड़ा खुलासा, जानिए क्या दिया जवाब

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Bihar Assembly Election : बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। महागठबंधन की ओर से नेता प्रतिपक्ष **तेजस्वी यादव** को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया गया है। इस ऐलान के बाद सत्तारूढ़ एनडीए और जेडीयू की ओर से विपक्ष पर तीखे हमले शुरू हो गए हैं। वहीं, एनडीए खेमे में भी यह चर्चा तेज है कि क्या मुख्यमंत्री **नीतीश कुमार** ही चुनाव के बाद दोबारा सीएम बनेंगे या भाजपा अपने दम पर कोई नया चेहरा सामने लाएगी।


दरअसल, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं **अमित शाह** और **नितिन गडकरी** ने अपने हालिया बयानों में यह तो दोहराया कि एनडीए बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहा है, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि चुनाव बाद मुख्यमंत्री कौन बनेगा। अमित शाह ने यह कहकर राजनीतिक अटकलों को और हवा दे दी कि “इस पर फैसला भाजपा का संसदीय बोर्ड करेगा।” इस बयान के बाद विपक्ष ने सवाल उठाना शुरू कर दिया कि क्या भाजपा चुनाव बाद नीतीश कुमार को किनारे कर देगी, ठीक वैसे ही जैसे **महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे** के साथ हुआ था।


संजय झा का पलटवार – “नीतीश ही होंगे मुख्यमंत्री”

इन तमाम अटकलों पर जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष **संजय झा** ने जवाब देते हुए विपक्ष के दावों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि बिहार की राजनीति और परिस्थितियां किसी अन्य राज्य से अलग हैं। “मैं यह नहीं जानता कि महाराष्ट्र या अन्य जगहों पर क्या हुआ, लेकिन बिहार में चीजें साफ हैं — एनडीए **नीतीश कुमार** के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहा है और जीत के बाद भी वही मुख्यमंत्री बनेंगे,” उन्होंने कहा।


संजय झा ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार एनडीए के **मुख्य स्तंभ** हैं और भाजपा समेत सभी सहयोगी दल उनके नेतृत्व में एकजुट हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री **नरेंद्र मोदी** और भाजपा के शीर्ष नेताओं ने भी कई बार सार्वजनिक मंचों पर नीतीश कुमार के नेतृत्व की पुष्टि की है, इसलिए इसमें किसी तरह का भ्रम फैलाने की जरूरत नहीं है।


 “तेजस्वी का नाम ब्लैकमेलिंग के चलते घोषित हुआ”

महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किए जाने पर संजय झा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “तेजस्वी यादव का नाम किसी रणनीति के तहत नहीं, बल्कि **ब्लैकमेलिंग के कारण** तय किया गया है। कांग्रेस उनके नाम पर सहमत नहीं थी, जिसके बाद तेजस्वी ने प्रचार करने से ही इंकार कर दिया। इसी दबाव के बाद उनका नाम घोषित किया गया।”


उन्होंने कहा कि इस फैसले से एनडीए को राजनीतिक फायदा मिलेगा। “अब हम जनता को फिर से याद दिला सकेंगे कि आरजेडी के शासन में बिहार में **जंगलराज** था। उस दौर की बदहाली और भय का माहौल लोगों के जेहन में आज भी ताजा है। ऐसे में तेजस्वी यादव का चेहरा सामने आना एनडीए के लिए एक अवसर है,” संजय झा ने कहा।


जेडीयू की घटती भूमिका के सवाल पर जवाब

हाल के दिनों में यह सवाल भी उठता रहा है कि एनडीए के भीतर अब जेडीयू की स्थिति कमजोर हो गई है और भाजपा मजबूत भूमिका में है। इस पर संजय झा ने कहा कि गठबंधन राजनीति में सीट बंटवारे को लेकर सभी दल अपनी ताकत के हिसाब से दावे करते हैं। “हर पार्टी चाहती है कि उसे ज्यादा सीटें मिलें, लेकिन अंत में सब कुछ **सहमति और सम्मानजनक समझौते** के तहत तय होता है। एनडीए में किसी दल के साथ भेदभाव नहीं किया गया है,” उन्होंने कहा।


उन्होंने यह भी जोड़ा कि सीटों का बंटवारा लोकसभा और विधानसभा के पिछले प्रदर्शन और क्षेत्रीय ताकत के आधार पर किया गया है। “एनडीए के सभी घटक दलों को सम्मानजनक हिस्सेदारी दी गई है। हमारा लक्ष्य सिर्फ एक है — बिहार में विकास की गति को बनाए रखना और स्थिर सरकार देना,” झा ने कहा।


विपक्षी एकजुटता पर तंज

संजय झा ने विपक्षी एकता पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि महागठबंधन के दलों में अंदरूनी मतभेद खत्म नहीं हुए हैं। “आज वे सिर्फ भाजपा और नीतीश कुमार के विरोध में एकजुट दिख रहे हैं, लेकिन चुनाव नतीजों के बाद उनके बीच फिर से खींचतान शुरू हो जाएगी। बिहार की जनता अब जान चुकी है कि विकास और सुशासन सिर्फ एनडीए के जरिए ही संभव है,” उन्होंने दावा किया।


बिहार में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव करीब आ रहे हैं, राजनीतिक माहौल तेजी से गर्म होता जा रहा है। एक ओर महागठबंधन तेजस्वी यादव को सीएम फेस बनाकर जनता के बीच उतर चुका है, वहीं एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में अपनी एकजुटता दिखाने की कोशिश में है। हालांकि अमित शाह के बयान के बाद भाजपा की मंशा को लेकर उठे सवालों ने राजनीतिक हलचल जरूर बढ़ा दी है। अब देखना यह होगा कि जनता 2025 के चुनाव में किस नेतृत्व पर भरोसा जताती है — अनुभवी नीतीश कुमार या युवा तेजस्वी यादव पर।