BIHAR NEWS: मोकामा में गंगा नदी फिर बनी मौत का कुंड : छठ पूजा का जल लेने गया किशोर डूबा, पिछले तीन साल में सौ से अधिक लोग गंवा चुके जान Election Commission : चुनाव आयोग आज SIR को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। देशभर में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की घोषणा, अगले हफ्ते से प्रक्रिया शुरू होगी। Bihar News : गैस सिलेंडर लीक से लगी आग, छठ पूजा की तैयारी कर रही दो महिलाएं समेत तीन लोग झुलसे Bihar Election 2025 : तेजस्वी और राहुल से आगे निकले CM नीतीश कुमार, बढ़ सकती है महागठबंधन की टेंशन; आधी आबादी को लेकर तैयार हुआ ख़ास प्लान Bihar politics scandal : राजद नेता का बार डांसर संग अश्लील वीडियो वायरल, बोले– "सलमान खान भी डांस करते हैं, हमने कौन सा ग़लत किया" Bihar Politics : राहुल गांधी की बिहार से दूरी पर कांग्रेस में असमंजस, जानिए कांग्रेस बना रही कोई नई रणनीति या फिर सच में है नाराजगी का संकेत? Bihar Election 2025 : "मैं भी राजनीति छोड़ दूंगा...” बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह का बड़ा बयान,कहा - नहीं हुआ यह काम तो .... Bihar Assembly Election : बिहार में भी लागू होगा शिंदे फार्मूला ! BJP के प्लान पर CM नीतीश के करीबी नेता का बड़ा खुलासा, जानिए क्या दिया जवाब Bihar News: बिहार के निजी अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत के बाद हंगामा, गुस्साए परिजनों ने की तोड़फोड़ और सड़क जाम Bihar Crime News: बिहार के इस जिले में युवक की गोली मारकर हत्या, छापेमारी में जुटी पुलिस
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 27 Oct 2025 11:06:55 AM IST
- फ़ोटो
Bihar Politics : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, कांग्रेस पार्टी के भीतर राहुल गांधी की चुनावी अनुपस्थिति को लेकर असमंजस और चर्चा तेज हो गई है। राहुल गांधी आखिरी बार 1 सितंबर को बिहार आए थे, जब उन्होंने “वोट चोरी के खिलाफ वोटर अधिकार यात्रा” में हिस्सा लिया था। उस समय ना सीट बंटवारा हुआ था और ना ही उम्मीदवारों की घोषणा। अब जब चुनावी माहौल चरम पर है, राहुल गांधी के सीन से गायब होने को लेकर पार्टी के कार्यकर्ताओं में बेचैनी साफ दिख रही है।
कांग्रेस इस बार महागठबंधन के तहत 61 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि मुख्य सहयोगी राजद (RJD) ने 100 से अधिक सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। राहुल गांधी की अनुपस्थिति से कांग्रेस के स्थानीय नेताओं में असंतोष है। उनका कहना है कि जब अन्य दलों के शीर्ष नेता—जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, योगी आदित्यनाथ, और तेजस्वी यादव—पूरे राज्य में दौरे कर रहे हैं, तब राहुल गांधी का चुप रहना कार्यकर्ताओं के मनोबल पर असर डाल रहा है।
हालांकि, पार्टी के भीतर इस पर मतभेद हैं। सीमांचल क्षेत्र में प्रचार कर रहे यूपी के एक कांग्रेस नेता ने लाइव मिंट से बातचीत में कहा, “जब राहुल गांधी प्रचार में उतरते हैं, तो मुकाबला सीधे ‘राहुल गांधी बनाम नरेंद्र मोदी’ का बन जाता है। ऐसे में मोदी का राष्ट्रीय कद बड़ा होने के कारण कांग्रेस को स्थानीय मुद्दों से ध्यान हटने का खतरा रहता है।”
इस तर्क के मुताबिक, कांग्रेस की रणनीति यह है कि बिहार चुनाव को तेजस्वी बनाम नीतीश के दायरे में रखा जाए, ताकि महागठबंधन का मुख्य चेहरा तेजस्वी यादव मजबूत दिखें और विपक्ष का वोट एकजुट रहे। यही कारण है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी दोनों सीमित प्रचार तक ही रहेंगे, जबकि तेजस्वी यादव ही गठबंधन के प्रमुख चेहरे के रूप में मैदान में हैं।
कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने भी माना है कि यह “रणनीतिक दूरी” है, नाराजगी नहीं। उनका कहना है कि राहुल गांधी चुनाव के आखिरी चरणों में कुछ जनसभाएं जरूर करेंगे, लेकिन इस बार उनका प्रचार सीमित और केंद्रित रहेगा। वहीं, प्रियंका गांधी भी बिहार में कुछ रैलियों में हिस्सा लेंगी, लेकिन समूचे प्रचार अभियान की कमान तेजस्वी यादव के हाथ में ही रहेगी।
दूसरी ओर, **एनडीए (NDA)** की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ पहले ही बिहार के कई जिलों में रैलियां कर चुके हैं। भाजपा लगातार यह संदेश दे रही है कि नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं। वहीं, जन सुराज पार्टी के प्रमुख **प्रशांत किशोर** भी इस चुनाव में अपने अलग जनाधार को मजबूत करने के लिए जोरदार प्रचार कर रहे हैं।
कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि पार्टी के भीतर टिकट वितरण को लेकर असंतोष बढ़ा है और कुछ सीटों पर उम्मीदवार चयन में विसंगतियों की शिकायतें भी आई हैं। इन विवादों के बीच राहुल गांधी की दूरी पार्टी के लिए एक “मनोवैज्ञानिक झटका” बनती दिख रही है।
हालांकि, जानकारों का कहना है कि राहुल गांधी का सीमित प्रचार **महागठबंधन की सामूहिक रणनीति** का हिस्सा है, ताकि चुनावी लड़ाई को राष्ट्रीय बनाम स्थानीय के बजाय, “तेजस्वी बनाम नीतीश” के बीच सीमित रखा जा सके। कांग्रेस चाहती है कि बिहार में विपक्ष का चेहरा एकजुट दिखे और गठबंधन की छवि में कोई भ्रम न पैदा हो। जैसे-जैसे चुनावी तारीख नजदीक आ रही है, यह स्पष्ट हो रहा है कि राहुल गांधी की “गैरमौजूदगी” बिहार की सियासत में चर्चा का बड़ा मुद्दा बन चुकी है — कुछ इसे रणनीति बता रहे हैं, तो कुछ इसे कांग्रेस की अंदरूनी कमजोरी का संकेत मान रहे हैं।