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18-Feb-2025 07:03 PM
PATNA: बिहार में अगर आप जमीन खरीदने या बेचने की सोच रहे हैं तो इसे जल्द अंजाम दे दीजिये. जमीन खरीद-बिक्री को लेकर सरकार बड़ा फैसला लेने जा रही है. इससे आपको बड़ा नुकसान हो सकता है.
जमीन का MVR बढ़ायेगी सरकार
दरअसल, सरकार ने बिहार में जमीन की सरकारी कीमतें बढ़ाने को लेकर तैयारी शुरू कर दिया है. निबंधन विभाग मिनिमम वैल्यू रजिस्टर (Minimum Value Register) यानि MVR बढ़ाने पर विचार कर रहा है. निबंधन विभाग ने जमीन का MVR बढ़ाने के लिए हर जिले से प्रस्ताव मांगा है.
निबंधन विभाग के सूत्रों के मुताबिक जिला स्तर पर MVR को फिर से निर्धारित करने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. सारे जिलों से जमीन का MVR बढ़ाने का प्रस्ताव निबंधन विभाग आयेगा. इसके बाद मुख्यालय स्तर पर इसकी समीक्षा की जाएगी. फिर नया MVR तय किया जायेगा.
निबंधन विभाग के मुताबिक राज्य में पिछली दफे करीब आठ साल पहले एमवीआर में बदलाव हुआ था. इसके बाद जमीन के रेट काफी बढ़ गये हैं. लेकिन पुराने एमवीआर पर सरकार रजिस्ट्री शुल्क और स्टांप ड्यूटी ले रही है. नया एमवीआर लागू होने से सरकारी राजस्व में काफी वृद्धि होगी.
जानिये कैसे होता है एमवीआर से टैक्स वसूली?
दरअसल बिहार सरकार ने राज्य के हर जमीन का सरकारी दर तय कर रखा है. इसी आधार पर टैक्स की वसूली की जाती है. जमीन की खरीद-बिक्री के समय सरकार एमवीआर का 8 परसेंट पैसा लेती है. इसमें रजिस्ट्री शुल्क के तौर पर एमवीआर की 2 परसेंट राशि ली जायेगी, वहीं 6 परसेंट स्टांप ड्यूटी वसूली जायेगी. रजिस्ट्री के कागजात पर जमीन का मूल्य कितान भी कम दिखाया गया हो, सरकार एमवीआर के आधार पर ही पैसा लेगी.
उदाहरण के लिए पटना के एजी कॉलोनी के मेन रोड पर आवासीय जमीन का एमवीआर 37 लाख 50 हजार रूपये प्रति कट्ठा (3 डिसमल) है. अगर इस जमीन की खरीद बिक्री होती है तो सरकार रजिस्ट्री शुल्क के तौर पर 2 परसेंट यानि 75 हजार रूपये लेगी. वहीं स्टांप ड्यूटी के तौर पर 6 परसेंट यानि 2 लाख 25 हजार रूपये सरकारी खजाने में जमा करना होगा. इसका मतलब ये हुआ कि एजी कॉलोनी में जमीन लेने वाले को रजिस्ट्री के दौरान एक कट्ठा जमीन के लिए 3 लाख रूपये सरकार को देने पड़ेंगे
उसी तरह दानापुर रजिस्ट्री कार्यालय के अधीन आने वाले गोला रोड इलाके के मेन रोड पर कमर्शियल जमीन का एमवीआर 45 लाख रूपये प्रति कट्ठा (3 डिसमल) है. ऐसी जमीन की खरीद बिक्री करने पर फिलहाल रजिस्ट्री शुल्क के तौर पर कम से कम 90 हजार रूपये और स्टांप ड्यूटी के तौर पर 2 लाख 70 हजार रूपये सरकार को देने पड़ते हैं. यानि गोला रोड में जमीन की खरीद बिक्री पर सरकार को कम से कम प्रति कट्ठा 3 लाख 60 रूपये टैक्स के रूप में देने पड़ रहे हैं.
ऐसे लगेगी जेब को चपत
सरकार पूरे बिहार में जमीन का नया एमवीआर तय करेगी. निबंधन विभाग के सूत्रों के मुताबिक पूरे बिहार में MVR में 25 से 50 परसेंट तक की वृद्धि हो सकती है. इसका मतलब ये हुआ कि जिस जमीन की रजिस्ट्री के लिए पहले सरकार को 3 लाख रूपये टैक्स के तौर पर देने पड़ रहे थे, उसके लिए अब पौने चार लाख से लेकर साढ़े चार लाख रूपये का टैक्स देना पड़ सकता है.