1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 23 Apr 2025 08:03:01 AM IST
पुश्तैनी ज़मीन के दाखिल-खारिज के लिए वंशावली में संबंध स्पष्ट होना अनिवार्य — बिहार सरकार ने शुरू कि - फ़ोटो Google
Bihar land mutation: अगर आप अपनी पुश्तैनी ज़मीन का दाखिल-खारिज (Mutation) कराने की सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने बताया है कि दाखिल-खारिज के हजारों आवेदन हर साल केवल इसलिए खारिज हो जाते हैं क्योंकि वंशावली में संबंध स्पष्ट नहीं होता।
भूमि पर मालिकाना हक प्राप्त करने के लिए दाखिल-खारिज की प्रक्रिया बेहद अहम होती है, जिसे अंचल कार्यालय के माध्यम से पूरा किया जाता है। लेकिन हाल के वर्षों में यह देखा गया है कि बड़ी संख्या में आवेदन अस्वीकृत हो रहे हैं। इसे रोकने के लिए विभाग ने 'दाखिल-खारिज जन जागरूकता अभियान' शुरू किया है, जिसमें आम जनता को बताया जा रहा है कि उनके आवेदन खारिज क्यों होते हैं और उससे कैसे बचा जाए।
क्या है मुख्य कारण?
विभाग की जानकारी के अनुसार, सबसे आम कारण है ,वंशावली (genealogy) में पारिवारिक संबंध का स्पष्ट उल्लेख न होना। खासकर पुश्तैनी ज़मीन के मामलों में यह और अधिक जरूरी हो जाता है। वंशावली में मूल रैयत (जमीन मालिक) के नीचे उत्तराधिकारियों का सही और स्पष्ट विवरण देना अनिवार्य है।
किससे प्रमाणित कराएं वंशावली?
शहरी क्षेत्रों में: कार्यपालक पदाधिकारी या वार्ड पार्षद
ग्रामीण क्षेत्रों में: ग्राम पंचायत के सरपंच
अन्य विकल्प: यदि कोर्ट से वंशावली प्रमाणित है तो वह भी मान्य होगी।
वंशावली में परिवार की महिला सदस्यों का भी उल्लेख करना जरूरी है।
क्या न करें:
बिना संबंध स्पष्ट किए आवेदन न करें
केवल पारिवारिक जानकारी देना पर्याप्त नहीं, प्रामाणिक दस्तावेज़ लगाएं