Fastest Test Century: टेस्ट क्रिकेट में इन बल्लेबाजों ने जड़े हैं सबसे तेज शतक, टॉप-5 में एक और कंगारू की एंट्री SVU Raid Bihar: SVU की बड़ी कार्रवाई, औरंगाबाद उत्पाद अधीक्षक के ठिकानों पर छापेमारी जारी Bihar Crime News: वीडियो कॉल पर प्रेमिका ने किया शादी से इनकार, प्यार में पागल आशिक ने खुद को मारी गोली Bihar election : चुनावी महापर्व के बाद का राजदरबार, तामझाम थमा तो शुरू हुआ कुर्सी-टेबल और हलवाई का हिसाब; अफसर साहब भी हो जा रहे परेशान Bihar Crime News: फ्री फायर गेम खेलने के लिए रिचार्ज नहीं हुआ, तो किशोर ने उठाया खौफनाक कदम, इलाके में मची सनसनी Bihar crime news : नकाबपोश अपराधियों ने घर में घुसकर मां-बेटी पर किया हमला, मां की मौत; जांच में जुटी पुलिस Road Accident: तेज रफ्तार स्कॉर्पियो डिवाइडर से टकराया, तीन लोगों की मौके पर मौत; दो घायल Begusarai drug smuggling : बेगूसराय में लाखों का गांजा के साथ महिला समेत तीन तस्कर गिरफ्तार, पुलिस ने बस स्टैंड से दबोचा Cyber Fraud: बिहार में सिम बॉक्स से साइबर ठगी, अब CBI ऐसे करेगी जांच Bihar Home Ministry : NDA में गृह विभाग पर कोई विवाद नहीं, बोले BJP सांसद - सम्राट चौधरी आए तो अपराधियों की खैर नहीं...
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 23 Apr 2025 08:03:01 AM IST
पुश्तैनी ज़मीन के दाखिल-खारिज के लिए वंशावली में संबंध स्पष्ट होना अनिवार्य — बिहार सरकार ने शुरू कि - फ़ोटो Google
Bihar land mutation: अगर आप अपनी पुश्तैनी ज़मीन का दाखिल-खारिज (Mutation) कराने की सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने बताया है कि दाखिल-खारिज के हजारों आवेदन हर साल केवल इसलिए खारिज हो जाते हैं क्योंकि वंशावली में संबंध स्पष्ट नहीं होता।
भूमि पर मालिकाना हक प्राप्त करने के लिए दाखिल-खारिज की प्रक्रिया बेहद अहम होती है, जिसे अंचल कार्यालय के माध्यम से पूरा किया जाता है। लेकिन हाल के वर्षों में यह देखा गया है कि बड़ी संख्या में आवेदन अस्वीकृत हो रहे हैं। इसे रोकने के लिए विभाग ने 'दाखिल-खारिज जन जागरूकता अभियान' शुरू किया है, जिसमें आम जनता को बताया जा रहा है कि उनके आवेदन खारिज क्यों होते हैं और उससे कैसे बचा जाए।
क्या है मुख्य कारण?
विभाग की जानकारी के अनुसार, सबसे आम कारण है ,वंशावली (genealogy) में पारिवारिक संबंध का स्पष्ट उल्लेख न होना। खासकर पुश्तैनी ज़मीन के मामलों में यह और अधिक जरूरी हो जाता है। वंशावली में मूल रैयत (जमीन मालिक) के नीचे उत्तराधिकारियों का सही और स्पष्ट विवरण देना अनिवार्य है।
किससे प्रमाणित कराएं वंशावली?
शहरी क्षेत्रों में: कार्यपालक पदाधिकारी या वार्ड पार्षद
ग्रामीण क्षेत्रों में: ग्राम पंचायत के सरपंच
अन्य विकल्प: यदि कोर्ट से वंशावली प्रमाणित है तो वह भी मान्य होगी।
वंशावली में परिवार की महिला सदस्यों का भी उल्लेख करना जरूरी है।
क्या न करें:
बिना संबंध स्पष्ट किए आवेदन न करें
केवल पारिवारिक जानकारी देना पर्याप्त नहीं, प्रामाणिक दस्तावेज़ लगाएं