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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 07 Feb 2025 08:45:11 AM IST
Bihar Government : - फ़ोटो Bihar Government :
Bihar Government : बिहार में अब भ्रष्ट कर्मचारी पर लगाम लगाने को लेकर एक नया प्लान तैयार किया गया है। अब राज्य में भ्रष्ट लोक सेवकों पर कार्रवाई को लेकर मुख्य जांच आयुक्त निदेशालय का गठन किया है। इसको लेकर यह भी तय कर लिया गया है की इसका ऑफिस कहां होगा और इसकी कार्यप्रणाली क्या होगी। तो आइए जानते हैं कि बिहार सरकार का प्लान क्या है ?
बिहार में राज्य में भ्रष्ट लोक सेवकों पर कार्रवाई को लेकर मुख्य जांच आयुक्त निदेशालय का गठन किया है। यह सामान्य प्रशासन विभाग का एक सहयोगी कार्यालय होगा। साथ ही, यह स्वतंत्र निदेशालय होगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसके गठन को लेकर संकल्प जारी कर दिया है। संकल्प के अनुसार मुख्य सचिव स्तर के कार्यरत अथवा सेवानिवृत्त अधिकारी इसके महानिदेशक सह मुख्य जांच आयुक्त होंगे।
वहीं, प्रमंडल स्तर पर संयुक्त आयुक्त (विभागीय जांच) एवं जिला स्तर पर अपर समाहर्ता (विभागीय जांच) नोडल पदाधिकारी होंगे। जबकि, सभी विभागों द्वारा संयुक्त सचिव से ऊपर के एक अफसर को नोडल पदाधिकारी बनाया जाएगा। मुख्य जांच आयुक्त के पद पर नियुक्ति राज्य सरकार करेगी। उनकी कार्य अवधि 5 वर्ष या 70 वर्ष की आयु, जो पहले हो वह रहेगी।
सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार, अनुशासनिक कार्यवाही के संचालन की प्रकिया में त्रुटियों के कारण सरकार को असुविधाजनक स्थिति का सामना करना पड़ता था, इसलिए यह निदेशालय गठित किया गया है। निदेशालय का गठन होने से अनुशासनिक कार्रवाई की प्रक्रिया को त्रुटि रहित किए जाने साथ समुचित निगरानी एवं समयबद्ध निरीक्षण हो सकेगा।
इस निदेशालय का मुख्य दायित्व बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली, 2005 के तहत विभिन्न अनुशासनिक प्राधिकारों द्वारा की गयी प्रशासनिक जांच प्रक्रिया की समीक्षा, निगरानी, निरीक्षण एवं प्रशिक्षण की व्यवस्था करना है। मुख्य जांच आयुक्त या जांच आयुक्त को नियमानुसार कार्यवाही संचालित करना और निर्धारित समय के अंदर संबंधित अनुशासनिक प्राधिकार को जांच रिपोर्ट सौंपना है।
इधर, मुख्य जांच आयुक्त को वेतन स्तर-9 या इससे उच्च स्तर के पदाधिकारियों के विरुद्ध गंभीर कदाचार, बेईमानी, गबन आदि से संबंधित मामले ही जांच सौंपी जाएंगी। अपर सचिव या इससे उच्च स्तर के पदाधिकारियों के विरुद्ध सामान्य आरोप के मामले भी मुख्य जांच आयुक्त को सौंपा जा सकेगा। विशेष परिस्थिति में सरकार के निर्णय के अनुसार कारण अंकित करते हुए कोई मामला जांच के लिए मुख्य जांच आयुक्त को सौंपा जा सकेगा।