ब्रेकिंग न्यूज़

BIHAR: हिंदू स्वाभिमान संगठन के कार्यकर्ताओं ने NDA उम्मीदवार को खदेड़ा, दिखाया काला झंडा CBSE Board Exam 2026: CBSE 10वीं और 12वीं बोर्ड एग्जाम की फाइनल डेटशीट जारी, दो बार होगी दसवीं की परीक्षा CBSE Board Exam 2026: CBSE 10वीं और 12वीं बोर्ड एग्जाम की फाइनल डेटशीट जारी, दो बार होगी दसवीं की परीक्षा Bihar Politics: ‘14 नवंबर को बिहार की जनता देगी जवाब’, युवा चेतना सुप्रीमो रोहित सिंह का तेजस्वी यादव पर बड़ा हमला Bihar Politics: ‘14 नवंबर को बिहार की जनता देगी जवाब’, युवा चेतना सुप्रीमो रोहित सिंह का तेजस्वी यादव पर बड़ा हमला Bihar Election 2025: गौराबौराम से VIP के संतोष सहनी महागठबंधन के उम्मीदवार घोषित, तेजस्वी यादव ने दिया जीत का आशीर्वाद Bihar Election 2025: गौराबौराम से VIP के संतोष सहनी महागठबंधन के उम्मीदवार घोषित, तेजस्वी यादव ने दिया जीत का आशीर्वाद Bihar Election 2025: बिहार में राजनीतिक रंजिश को लेकर मारपीट, ‘हाथी’ बनाम ‘लालटेन’ के विवाद को लेकर बवाल Test Cricket : टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पहली बार होगा बड़ा बदलाव, लंच और टी ब्रेक का क्रम बदला जाएगा; जानिए क्या है वजह Bihar Voter Service : चुनावी सहायता अब आसान, बीएलओ के साथ करें कॉल बुक, इस टोल फ्री नंबर पर हल होंगी सभी दुविधाएं

Bihar Teacher News: सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की ट्यूशन पर सख्ती, शिकायत मिलने पर होगी सख्त कार्रवाई

Bihar Teacher News: बिहार सरकार शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और अनुशासन लाने के लिए अब कड़े कदम उठा रही है. राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों पर ट्यूशन पढ़ाने को लेकर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 25 May 2025 09:08:14 AM IST

Bihar News

बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE

Bihar Teacher News: बिहार सरकार शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और अनुशासन लाने के लिए अब कड़े कदम उठा रही है। राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों पर ट्यूशन पढ़ाने को लेकर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूली छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए बायोमीट्रिक हाजिरी अनिवार्य कर दी जाएगी। यह निर्णय शनिवार को आयोजित ‘शिक्षा की बात: हर शनिवार’ कार्यक्रम के दौरान शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने साझा किया।


डॉ. सिद्धार्थ ने स्पष्ट रूप से कहा कि सरकारी स्कूलों के शिक्षक निजी ट्यूशन नहीं पढ़ा सकते, क्योंकि यह सेवा नियमों के विरुद्ध है। यदि किसी शिक्षक द्वारा ट्यूशन पढ़ाने की शिकायत मिलती है या वह पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ निश्चित रूप से अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि स्कूल समय में छात्र भी ट्यूशन नहीं जाएंगे। हालांकि, स्कूल समय के बाद वे चाहें तो प्राइवेट टीचर से ट्यूशन ले सकते हैं।


शिक्षा विभाग ने यह भी घोषणा की कि गर्मी की छुट्टी के बाद छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए बायोमीट्रिक उपस्थिति अनिवार्य कर दी जाएगी। इसका उद्देश्य विद्यालयों में उपस्थिति दर को बढ़ाना और शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करना है। इसके लिए सभी सरकारी विद्यालयों में उपयुक्त तकनीकी व्यवस्था जल्द लागू की जाएगी।


डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि गर्मी की छुट्टियों से पहले प्रारंभिक कक्षाओं के सभी छात्रों को पाठ्यपुस्तकें हर हाल में उपलब्ध करा दी जाएंगी। इसके अलावा, राज्य के सभी प्रारंभिक विद्यालयों में प्री-स्कूल की व्यवस्था की जाएगी, ताकि आंगनबाड़ी से अधिक बच्चे विद्यालय प्रणाली में शामिल हो सकें। योजना के तहत 40 बच्चे आंगनबाड़ी में और शेष प्री-स्कूल में पढ़ेंगे।


उन्होंने यह भी बताया कि हर कक्षा के वर्ग शिक्षक की यह जिम्मेदारी होगी कि उनकी कक्षा के बच्चे नियमित स्कूल आएं। बच्चों की रुचि बनाए रखने और उन्हें विविध गतिविधियों से जोड़ने के लिए अगले साल से गर्मी की छुट्टियों में समर कैंप आयोजित किया जाएगा, जिसमें नृत्य, खेल और अन्य कलात्मक गतिविधियों को शामिल किया जाएगा।


अपर मुख्य सचिव ने बताया कि केंद्र सरकार की पीएमश्री योजना के तहत चयनित विद्यालयों को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा। बिहार के कई स्कूल इस योजना में पहले ही शामिल हैं और राज्य सरकार की कोशिश है कि और अधिक विद्यालयों को इस योजना में शामिल किया जाए।


इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि नियुक्ति के पांच साल बाद भी सेवा संपुष्टि नहीं पाने वाले टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेजों के व्याख्याताओं के मामलों की समीक्षा की जा रही है। संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी और एक सप्ताह के भीतर सेवा संपुष्टि की प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी।


उन्होंने बताया कि अगले शैक्षिक सत्र के लिए पाठ्यपुस्तकों की छपाई प्रक्रिया को पहले से शुरू कर दिया गया है, ताकि समय से पहले किताबें विद्यार्थियों तक पहुंच जाएं। इस बार किताबों का रिवीजन भी किया जा रहा है, और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि शैक्षणिक सत्र शुरू होने से एक महीने पहले ही किताबें विद्यालयों में उपलब्ध हों।