Bihar electricity tariff hike : बिहार में बिजली उपभोक्ताओं की जेब पर अगले साल से अतिरिक्त बोझ बढ़ सकता है। राज्य की बिजली वितरण कंपनियों ने वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए बिहार विद्युत विनियामक आयोग (बीईआरसी) को अनुदानरहित नई टैरिफ दरों का प्रस्ताव सौंपा है। यदि आयोग इन प्रस्तावों पर मुहर लगा देता है, तो 1 अप्रैल 2026 से सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को कम से कम 35 पैसे प्रति यूनिट तक महंगी बिजली मिल सकती है। हालांकि अंतिम दरें सरकार के अनुदान तय करने के बाद ही प्रभावी होंगी।
कंपनी ने खास तौर पर घरेलू उपभोक्ताओं, गरीब कुटीर ज्योति लाभार्थियों, ग्रामीण व शहरी उपभोक्ताओं, किसानों, स्ट्रीट लाइट, पेयजल आपूर्ति और औद्योगिक श्रेणियों में शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। प्रस्ताव के अनुसार कुटीर ज्योति, ग्रामीण और शहरी घरेलू श्रेणी की अनुदानरहित दरें 7.42 रुपये प्रति यूनिट से बढ़ाकर 7.77 रुपये प्रति यूनिट करने का सुझाव दिया गया है।
इससे इन वर्गों के उपभोक्ताओं पर 35 पैसे प्रति यूनिट अतिरिक्त भार पड़ेगा। वहीं शहरी घरेलू श्रेणी में स्लैब संरचना भी बदली गई है। मौजूदा दो स्लैब को घटाकर एक कर दिया गया है। इस नई व्यवस्था से 100 यूनिट से अधिक खपत करने वाले उपभोक्ताओं को 1.18 रुपये प्रति यूनिट तक सस्ती बिजली भी मिल सकती है।
घरेलू वर्ग के अलावा कृषि और अन्य सार्वजनिक सेवाओं की श्रेणी में भी बढ़ोतरी की गई है। स्ट्रीट लाइट की दर 9.03 रुपये से बढ़ाकर 9.38 रुपये प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव है। किसानों के लिए पटवन मद में बिजली दर 6.74 रुपये से बढ़ाकर 7.09 रुपये प्रति यूनिट कर दी जा सकती है। वहीं शहरी क्षेत्रों में पटवन करने वाले उपभोक्ताओं के लिए यह शुल्क 7.17 रुपये से बढ़ाकर 7.52 रुपये प्रति यूनिट करने का सुझाव है। सार्वजनिक पेयजल आपूर्ति के लिए बिजली दर 9.72 रुपये से बढ़कर 10.07 रुपये प्रति यूनिट हो सकती है।
औद्योगिक उपभोक्ताओं पर भी प्रभाव पड़ेगा। छोटे उद्योगों के लिए दर 7.79 रुपये से बढ़ाकर 8.14 रुपये प्रति यूनिट प्रस्तावित है। इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन संचालकों को मौजूदा 8.72 रुपये की जगह 9.07 रुपये प्रति यूनिट देना पड़ सकता है। बड़े उद्योगों की बात करें तो 11 केवी पर 7.98 रुपये की तुलना में 8.33 रुपये प्रति यूनिट, 33 केवी पर 7.92 रुपये की तुलना में 8.27 रुपये प्रति यूनिट और 132 केवी पर 7.85 रुपये की जगह 8.20 रुपये प्रति यूनिट का प्रस्ताव है।
वृहद उद्योगों और ऑक्सीजन प्लांटों के लिए भी दरें बढ़ाई गई हैं। ऑक्सीजन संयंत्रों को 5.43 रुपये प्रति यूनिट की जगह 5.78 रुपये प्रति यूनिट बिजली मिल सकती है। कंपनी ने व्हीलिंग चार्ज में भी बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है, जिससे बिजली परिवहन का खर्च भी बढ़ सकता है।
अब सबकी निगाहें बीईआरसी की आगामी सुनवाई और सरकार के अनुदान निर्णय पर टिकी हैं। आयोग की मंजूरी के बाद ही नई दरें लागू होंगी और अंतिम रूप से यह तय होगा कि उपभोक्ताओं को कितनी महंगी बिजली चुकानी पड़ेगी।