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, Bihar Election 2025 : मतगणना के लिए कहां-कहां बने केंद्र, 2 घंटे बाद आएंगे रुझान; इस बार काउंटिंग प्रक्रिया में हुआ बड़ा बदलाव

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना 14 नवंबर को सुबह 8 बजे से शुरू होगी। 38 जिलों में 46 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। सर्विस वोट्स की गिनती पहले होगी, उसके बाद ईवीएम की। पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 12 Nov 2025 04:50:29 PM IST

, Bihar Election 2025 : मतगणना के लिए कहां-कहां बने केंद्र, 2 घंटे बाद आएंगे रुझान; इस बार काउंटिंग प्रक्रिया में हुआ बड़ा बदलाव

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Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मतदान संपन्न होने के बाद अब सबसे अहम चरण—मतगणना—की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। चुनाव आयोग ने राज्य की 243 विधानसभा सीटों के लिए 38 जिलों में कुल 46 मतगणना केंद्र बनाए हैं। हर जिले में मतगणना को लेकर सुरक्षा, पारदर्शिता और समयबद्ध प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मतगणना 14 नवंबर को सुबह आठ बजे से शुरू होगी।


सबसे पहले सर्विस वोट्स (डाक मतपत्र) की गिनती की जाएगी। यह प्रक्रिया सुबह 8 बजे से आरंभ होगी। इसके बाद सुबह 8:30 बजे से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के मतों की गिनती शुरू होगी। आयोग के अनुसार, लगभग दो घंटे बाद यानी सुबह 10 बजे के आसपास शुरुआती रुझान सामने आने लगेंगे।


कहां-कहां बने हैं मतगणना केंद्र

राज्यभर में मतगणना केंद्रों का निर्धारण जिला-वार किया गया है। हर जिले में मतगणना केंद्रों की संख्या वहां की विधानसभा सीटों और मतगणना के अनुमानित भार को देखते हुए तय की गई है। जिला, जिसमें कुल 14 विधानसभा सीटें हैं, में एक ही मतगणना केंद्र बनाया गया है। वहीं सहरसा जिला, जिसमें केवल 4 विधानसभा सीटें हैं, में तीन मतगणना केंद्र बनाए गए हैं ताकि गिनती तेज और व्यवस्थित ढंग से हो सके।


कुछ प्रमुख जिलों के उदाहरण इस प्रकार हैं —


शेखपुरा: नवोदय विद्यालय, शेखपुरा – एक विधानसभा के लिए एक केंद्र।


नालंदा: नालंदा कॉलेज, बिहारशरीफ – 7 विधानसभा सीटों के लिए केंद्र।


भोजपुर: बाजार समिति गोदाम, आरा – 7 विधानसभा सीटों के लिए मतगणना।


बक्सर: स्टेट वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन गोदाम, बक्सर – 4 सीटों के लिए केंद्र।


इसी तरह अन्य जिलों में भी मतगणना केंद्रों को प्रशासनिक सुविधाओं और सुरक्षा के मानकों को ध्यान में रखते हुए चिन्हित किया गया है।



 गिनती की नई प्रक्रिया

इस बार चुनाव आयोग ने मतगणना प्रक्रिया में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। पहले सर्विस वोट्स की गिनती की जाएगी और उसके बाद ईवीएम की। इससे डाक मतपत्रों के आंकड़े पहले स्पष्ट हो जाएंगे और शुरुआती रुझान अधिक सटीक रूप से सामने आएंगे।


प्रत्येक मतगणना हॉल में 15 टेबल की व्यवस्था की गई है। इनमें से 14 टेबल ईवीएम मतों की गिनती के लिए होंगी, जबकि 1 टेबल सहायक निर्वाची अधिकारी के नियंत्रण में रहेगी। यह व्यवस्था गिनती की पारदर्शिता और नियंत्रण दोनों सुनिश्चित करेगी।


सभी मतगणना केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे और वीडियो रिकॉर्डिंग की व्यवस्था की गई है ताकि हर चरण पर निगरानी बनी रहे। साथ ही, सभी हॉल में लाइव मॉनिटरिंग की सुविधा होगी, जिससे किसी भी गड़बड़ी या अनियमितता को तुरंत चिन्हित किया जा सके।


कब आएंगे पहले रुझान?

चुनाव आयोग के अधिकारियों के अनुसार, सुबह 8 बजे गिनती शुरू होने के लगभग दो घंटे बाद यानी करीब 10 बजे तक शुरुआती रुझान सामने आने लगेंगे। पहले कुछ राउंड में मतगणना की गति धीमी रहती है, लेकिन जैसे-जैसे गिनती आगे बढ़ेगी, परिणामों की तस्वीर साफ होती जाएगी। अंतिम नतीजे दोपहर बाद से लेकर शाम तक आने की संभावना है, हालांकि यह समय प्रत्येक जिले और केंद्र पर मतगणना की गति पर निर्भर करेगा।


सुरक्षा और पारदर्शिता पर विशेष जोर

चुनाव आयोग ने मतगणना के दौरान त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की है।


1. जिला पुलिस – मतगणना केंद्रों के भीतरी घेरों की जिम्मेदारी।


2. बिहार सशस्त्र पुलिस – बाहरी घेरों की निगरानी।


3. केंद्रीय अर्धसैनिक बल – पूरे परिसर की सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण की जिम्मेदारी।


मतगणना केंद्रों के 100 मीटर के दायरे में किसी भी अनधिकृत व्यक्ति का प्रवेश वर्जित रहेगा। कैमरा, मोबाइल फोन या किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को अंदर ले जाने की अनुमति नहीं होगी। प्रत्येक उम्मीदवार के गिनती एजेंट, पर्यवेक्षक और माइक्रो-ऑब्जर्वर को अधिकृत पास के साथ ही प्रवेश दिया जाएगा। साथ ही, मतगणना के हर चरण की जानकारी उम्मीदवारों और उनके एजेंटों को दी जाएगी ताकि पारदर्शिता बनी रहे।


बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना के लिए की गई तैयारियां इस बार पहले से अधिक व्यवस्थित और तकनीकी रूप से सुदृढ़ हैं। 46 मतगणना केंद्रों, प्रत्येक हॉल में 15 टेबल की व्यवस्था, पहले सर्विस वोट्स की गिनती और कड़ी सुरक्षा के साथ चुनाव आयोग ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि गिनती प्रक्रिया निष्पक्ष, पारदर्शी और निर्बाध रूप से पूरी हो।


अब पूरा बिहार 14 नवंबर की सुबह का इंतजार कर रहा है, जब गिनती शुरू होगी और कुछ ही घंटों में यह स्पष्ट हो जाएगा कि राज्य की सत्ता की बागडोर किसके हाथ में जाएगी। कुल मिलाकर, बिहार के मतगणना केंद्र इस बार चुनावी पारदर्शिता और लोकतांत्रिक जिम्मेदारी के उदाहरण बनने जा रहे हैं।