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1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Thu, 23 Jan 2025 02:20:42 PM IST
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Bihar Education News: शिक्षा विभाग के अधिकारियों में धन की भूख ऐसी है कि, शिक्षा-व्यवस्था का काम छोड़ दोनों हाथ से पैसा बटोरने में लगे हैं. सरकारी सेवा के दौरान अकूत संपत्ति अर्जित कर रहे हैं. पैसे की उगाही के लिए हर अनैतिक-गैरकानूनी काम कर रहे हैं. हाल के वर्षों में निगरानी ब्यूरो-आर्थिक अपराध इकाई ने शिक्षा विभाग के तीन बड़े धनकुबेर अफसरों की पोल खोली है. आज (23 जनवरी) विशेष निगरानी इकाई ने पश्चिमी चंपारण (बेतिया) के जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनी कांत प्रवीण के ठिकानों पर छापेमारी की है. रेड में नोटों का ढेर मिला है. करोडो़ं की अवैध संपत्ति का पता चला है. इसके पहले सिवान के जिला शिक्षा पदाधिकारी मिथिलेश कुमार, शिक्षा विभाग की उप निदेशक विभा कुमारी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में छापेमारी हो चुकी है. धन अर्जन करने वाले ऐसे मुट्ठी भर अफसर तो बेनकाब हुए, पर अधिकांश बच निकलते हैं. पैसा कमाकर आराम से निकल लेते हैं. ''चंपारण'' क्षेत्र के एक ऐसे ही जिला शिक्षा पदाधिकारी की चर्चा करते हैं. इनके बारे में कहा जाता है कि चंपारण में पोस्टिंग के दौरान पटना से लेकर विभिन्न जगहों पर अकूत संपत्ति अर्जित की, चंपारण में पदस्थापन के दौरान कई तरह से आरोप लगे. हालांकि ये स्थानांतरण करा दूसरे जिले में डीईओ के तौर पर ही पोस्टिंग ले ली.
चंपारण के इस 'शिक्षा पदाधिकारी' ने भी बनाई थी अकूत संपत्ति
शिक्षा विभाग की अफसर,विभा कुमारी, मिथिलेश कुमार, रजनीकांत प्रवीण ही नहीं, कई ऐसे धनकुबेर हैं और करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है. वैसे अधिकारी आज भी ठाठ से नौकरी कर रहे हैं. शिक्षा विभाग के एक ऐसे ही शिक्षा पदाधिकारी पिछले साल तक चंपारण में पदस्थापित थे. कार्यालय के कर्मचारी-पदाधिकारी बताते हैं कि अपने पदस्थापन काल में उक्त शिक्षा अधिकारी ने जमकर माल बनाया. राजधानी पटना में करोड़ों की प्रॉपर्टी अर्जित की. कई प्लॉट पत्नी तो बाकी अपने रिश्तेदारोंं के नाम पर अर्जित की. कई तरह के आरोप भी लगे, जिला शिक्षा कार्यालय के लिपिक 'मिश्रा बंधू' से विवाद में भी चर्चा में रहे, मुजफ्फरपुर के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक ने भी तत्कालीन डीईओ के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की अनुशंसा की थी. हालांकि उच्च सेटिंग की बदौलत सबसे अच्छी जगह पर डीईओ में पोस्टिंग पाकर मजा ले रहे. बता दें, उनके काल में सरकारी विद्यालयों में विकास के नाम पर खूब खेल किया गया था. माफिया से मिलकर जमकर माल उगाही की गई थी. उक्त जिले में हुए भ्रष्टाचार की पोल भी खुली थी. शिक्षा मंत्री से कार्रवाई की मांग भी हुई थी.इसी दौरान धनकुबेर शिक्षा अधिकारी ने स्थानांतरण करा लिया. लिहाजा मामला दब गया. विकास योजनाओं की लूट में गांधी की एतिहासिक धरती वाले जिले के वर्तमान डीईओ के खिलाफ हाल ही में विभागीय कार्यवाही शुरू की गई है, हालांकि पूर्व वाले हाकिम आराम से निकल गए।
शिक्षा अफसरों की नोट लीला...
वैसे, बता दें, हम जिस शिक्षा अधिकारी की बात कर रहे, वो चंपारण पदस्थापन के दौरान राजधानी पटना में करोड़ों की संपत्ति अर्जित की. पत्नी से लेकर बेहद करीबी 'सेवक' के नाम पर संपत्ति लिखवाई. जानकारी के अनुसार, दानापुर के गोला रोड इलाके में बेशकीमती जमीन की रजिस्ट्री वित्तीय वर्ष 202-23 में कराई गई। उक्त जमीन का बाजार मूल्य करोड़ों में आंकी जा रही है. अगर जांच एजेंसियां चंपारण के जिलों में पदस्थापित जिला शिक्षा पदाधिकारियों की संपत्ति जांच तो बेनकाब होना तय है.
बेतिया डीईओ के ठिकानों पर छापा
शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारी (उप निदेशक) विभा कुमारी के बाद आज (23 जनवरी) को विशेष निगरानी इकाई ने बेतिया के जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण के खिलाफ डीए केस दर्ज कर चार ठिकानों पर छापेमारी की है. स्पेशल विजिलेंस इकाई की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, एसवीयू को खबर मिली थी कि बेतिया के जिला शिक्षा अधिकारी रजनी कांत प्रवीण 2005 से अब तक की अवधि के दौरान अवैध रूप से भारी चल और अचल संपत्ति अर्जित की है, जो आय से लगभग 1,87,23,625/ रू अधिक है.
रजनी कांत प्रवीण बिहार शिक्षा सेवा के 45वीं बैच के अधिकारी हैं। वह वर्ष 2005 में सेवा में शामिल हुए और दरभंगा, समस्तीपुर और बिहार के अन्य जिलों में शिक्षा अधिकारी के रूप में काम किया। उनकी कुल सेवा अवधि लगभग 19-20 वर्ष है। रजनी कांत प्रवीण की पत्नी सुषमा कुमारी एक संविदा शिक्षिका थीं, जिन्होंने अपनी सेवा छोड़ दी थी और वर्तमान में ओपन माइंड बिड़ला स्कूल, दरभंगा के निदेशक/वास्तविक मालिक के रूप में कार्य कर रही हैं और रजनी कांत प्रवीण के अवैध रूप से अर्जित धन के वित्तीय समर्थन/निवेश के साथ इस संस्थान को चला रही हैं।
सिवान के तत्कालीन डीईओ के पास 2 करोड़ की संपत्ति का हुआ था खुलासा
बता दें कि 8 दिसंबर 2023 को निगरानी विभाग ने सिवान के तत्कालीन डीईओ मिथिलेश कुमार के ठिकानों पर छापेमारी की तो अर्जित संपत्ति को देखकर आंखें फटी रह गई. वैसे सिवान के डीईओ अकेले ऐसे धनकुबेर नहीं हैं. बल्कि जिलों में पदस्थापित दर्जनों ऐसे अफसर हैं जिन्होंने अकूत संपत्ति अर्जित की है. सीवान से पहले औरंगाबाद में डीपीओ रहते मिथिलेश कुमार ने शिक्षकों को पैसे के लिए प्रताड़ित कर खूब माल बनाया था। तब जांच एजेंसियों की तरफ से बताया गया था कि अवैध कमाई को इन्होंने ग्रेटर नोएडा में खपाया. तभी तो एक फ्लैट की बात कौन करे,चार-चार फ्लैट ग्रेटर नोएडा में मिले हैं। निगरानी की टीम को उनके पटना और सीवान स्थित आवास तथा कार्यालय से 16.07 लाख रुपये नकद मिले थे. इसमें सीवान कार्यालय से 2.22 लाख, सीवान स्थित आवास से 11.85 लाख और पटना के कवि रमण पथ स्थित फ्लैट से दो लाख नगद मिले.निगरानी ब्यूरो की टीम को मिथिलेश कुमार के ग्रेटर नोयडा में चार फ्लैट, औरंगाबाद में पांच प्लॉट, पटना में एक फ्लैट और दो प्लॉट के साक्ष्य मिले हैं. जिनकी कीमत करीब 1.88 करोड़ बताई गई थी. निगरानी रेड के बाद शिक्षा विभाग ने 12 दिसंबर 2023 को ही आरोपी जिला शिक्षा पदाधिकारी मिथिलेश कुमार को सस्पेंड कर दिया था.