Bihar cold wave : बिहार में कड़ाके की ठंड से जनजीवन अस्त-व्यस्त, कोल्ड वेव और घने कोहरे का ऑरेंज अलर्ट

कड़ाके की ठंड ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। बीते एक सप्ताह से राज्य के अधिकांश हिस्सों में कोल्ड डे की स्थिति बनी हुई है। मौसम विभाग ने ठंड और घने कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 27 Dec 2025 06:46:28 AM IST

Bihar cold wave : बिहार में कड़ाके की ठंड से जनजीवन अस्त-व्यस्त, कोल्ड वेव और घने कोहरे का ऑरेंज अलर्ट

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Bihar cold wave : बिहार में कड़ाके की ठंड ने आम जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में बीते एक सप्ताह से लगातार ‘कोल्ड डे’ जैसी स्थिति बनी हुई है। दिन में भी धूप नहीं निकलने के कारण ठिठुरन का एहसास हो रहा है, वहीं रात के समय सर्दी और भी ज्यादा बढ़ जा रही है। मौसम विभाग ने पूरे बिहार के लिए कोल्ड वेव और घने कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिससे लोगों की चिंता और बढ़ गई है।


राज्य के कई जिलों में न्यूनतम तापमान 9 से 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास रिकॉर्ड किया जा रहा है, जबकि कुछ इलाकों में यह इससे भी नीचे चला गया है। पछुआ हवा के प्रभाव से ठंड और अधिक तीखी हो गई है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी का असर मैदानी क्षेत्रों पर साफ तौर पर दिखाई दे रहा है, जिसके कारण बिहार में शीतलहर की स्थिति बनी हुई है।


ठंड और कोहरे का सबसे ज्यादा असर सुबह और शाम के समय देखने को मिल रहा है। घने कोहरे के कारण दृश्यता काफी कम हो गई है, जिससे सड़क और रेल यातायात प्रभावित हुआ है। कई जगहों पर सुबह के समय विजिबिलिटी 100 से 200 मीटर तक सिमट गई, जिसके चलते वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। राष्ट्रीय राजमार्गों और प्रमुख सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आए, वहीं कुछ स्थानों पर सड़क दुर्घटनाओं की घटनाएं भी सामने आई हैं।


रेल और हवाई सेवाओं पर भी ठंड और कोहरे का असर पड़ा है। कोहरे की वजह से कई ट्रेनें अपने निर्धारित समय से देरी से चल रही हैं, जिससे यात्रियों को स्टेशनों पर लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। पटना एयरपोर्ट से आने-जाने वाली कुछ उड़ानों में भी देरी की सूचना है। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे यात्रा से पहले अपने साधनों की स्थिति की जानकारी जरूर ले लें।


कड़ाके की ठंड का असर स्कूलों और दैनिक गतिविधियों पर भी साफ नजर आ रहा है। कई जिलों में प्रशासन ने बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्कूलों के समय में बदलाव किया है। छोटे बच्चों और बुजुर्गों को खासतौर पर ठंड से बचने की सलाह दी जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि इस मौसम में सर्दी, खांसी, बुखार और सांस से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए लोगों को गर्म कपड़े पहनने और सावधानी बरतने की जरूरत है।


ग्रामीण इलाकों में ठंड का असर और ज्यादा गंभीर है। गरीब और असहाय लोगों के लिए ठंड किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। कई स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की गई है, ताकि लोग ठंड से राहत पा सकें। सामाजिक संगठनों और प्रशासन की ओर से कंबल वितरण जैसे प्रयास भी किए जा रहे हैं।


मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक ठंड से राहत मिलने की संभावना कम है। घने कोहरे और कोल्ड वेव की स्थिति बनी रह सकती है। विभाग ने लोगों से अपील की है कि अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें, वाहन चलाते समय सावधानी बरतें और मौसम से जुड़ी चेतावनियों पर ध्यान दें।


कुल मिलाकर, बिहार में कड़ाके की ठंड ने लोगों की दिनचर्या को पूरी तरह बदल दिया है। जब तक मौसम में सुधार नहीं होता, तब तक सतर्कता और सावधानी ही इस ठंड से बचाव का सबसे बेहतर उपाय है।