1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 23 Dec 2025 10:01:58 AM IST
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Bihar Railway Under Bridge : बिहार में रेलवे फाटक सुधार और बेहतर कनेक्टिविटी के लिए बड़ी पहल की जा रही है। राज्य सरकार और रेल मंत्रालय के बीच हुए एमओयू के अनुसार, बिहार में लगभग 217 रेलवे ओवर ब्रिज (ROB) और रेलवे अंडर ब्रिज (RUB) का निर्माण किया जाएगा। यह परियोजना लोगों को यातायात में आसानी और सुरक्षा प्रदान करने के साथ-साथ राज्य की रेलवे कनेक्टिविटी को और मजबूत करेगी।
जानकारी के अनुसार, यह निर्माण कार्य अगले 18 महीनों के अंदर पूरा किया जाएगा। रेलवे अधिकारियों ने बताया है कि इस परियोजना में किसी भी तरह की एनओसी की समस्या नहीं आएगी और निर्माण समय पर पूरा करने की पूरी योजना बनाई गई है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद लगभग 20 लाख से अधिक लोग प्रतिदिन इसके फायदे उठा सकेंगे।
आरओबी और आरयूबी मुख्य रूप से उन रेल फाटकों पर बनाए जाएंगे, जहां यातायात का दबाव अधिक है और सड़क–रेल संपर्क में परेशानी होती है। इन फाटकों में दानापुर, फुलवारी शरीफ, मसौढ़ी, थलवारा-लहेरियासराय, वारिसलीगंज-नवादा, डुमरांव-बरूना, मशरख-श्याम कौड़िया, बरौनी-तिलरथ, सहरसा-पूर्णिया, सुगौली-मंझौलिया, चकिया-मेहसी, रघुनाथपुर, बरौनी-तेघड़ा समेत लगभग 217 रेलवे फाटक शामिल हैं।
इतिहास की बात करें तो, यह एमओयू 2019 में राज्य सरकार और रेल मंत्रालय के बीच साइन किया गया था। उस समय बिहार में केवल 44 रेलवे ओवर ब्रिज बनाने का निर्णय लिया गया था। आरओबी निर्माण के खर्च में राज्य सरकार की भी सहभागिता रही थी। अब इस परियोजना के तहत संख्या बढ़कर 217 हो गई है, जिससे राज्य के अलग-अलग जिलों में रेलवे कनेक्टिविटी और बेहतर होगी।
रेल मंत्रालय और राज्य सरकार का उद्देश्य न केवल यातायात को सुगम बनाना है, बल्कि रेलवे सुरक्षा और समय की बचत भी सुनिश्चित करना है। रेलवे ओवर ब्रिज और अंडर ब्रिज बनने से सड़क पर रेल क्रॉसिंग की वजह से होने वाले जाम और दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
बिहार में रेलवे कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए पिछले कुछ वर्षों में कई पहल की जा चुकी हैं। नए रेलवे ट्रैक बिछाने और रेलवे फाटक पर ROB/RUB बनाने की योजना से न केवल रोजमर्रा के यातायात में सुधार होगा बल्कि लोगों की यातायात सुरक्षा और सुविधा भी बढ़ेगी। इसके अलावा, माल ढुलाई और आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी, क्योंकि भारी ट्रक और गाड़ियों को रेल क्रॉसिंग पर रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
रेल अधिकारियों के अनुसार, निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए आधुनिक तकनीक और उच्च गुणवत्ता की सामग्री का उपयोग किया जाएगा। प्रोजेक्ट की निगरानी नियमित रूप से की जाएगी ताकि 18 महीने के भीतर निर्माण समय पर पूरा हो सके।
इस परियोजना के शुरू होने से बिहार में रेलवे और सड़क नेटवर्क के बीच बेहतर तालमेल स्थापित होगा। यह कदम राज्य की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में भी योगदान देगा। रेलवे ओवर ब्रिज और अंडर ब्रिज से न केवल यातायात सुगम होगा, बल्कि दुर्घटनाओं में कमी आएगी और लोगों की यात्रा सुरक्षित होगी। कुल मिलाकर, बिहार में 217 रेलवे ओवर ब्रिज और अंडर ब्रिज का निर्माण परियोजना एक बड़ी और महत्वपूर्ण पहल है, जो राज्य की कनेक्टिविटी, सुरक्षा और आर्थिक विकास को नई ऊँचाई पर ले जाएगी।