1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 27 Dec 2025 11:07:38 AM IST
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Bihar brutal murder : भागलपुर जिले के नाथनगर थाना क्षेत्र से सामने आई यह वारदात इतनी खौफनाक है कि जिसने भी शव की हालत देखी, उसकी रूह कांप उठी। तीन दिन से लापता युवक अभिषेक कुमार का शुक्रवार की देर शाम क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ, जिसे देखकर लोगों ने इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम देने वालों को “जल्लाद से भी बदतर” बताया। मामला न सिर्फ नाथनगर बल्कि पूरे जिले में सनसनी फैलाने वाला बन गया है।
मृतक अभिषेक कुमार कहलगांव का रहने वाला था और रिश्ते में संतोष दास का भांजा था। संतोष दास नाथनगर के मसकन बरारीपुर इलाके में रहते हैं और बुनकरी का काम करते हैं। अभिषेक पिछले चार वर्षों से अपने मामा के पास रहकर उनके काम में हाथ बंटाता था। परिजनों के अनुसार, 23 दिसंबर की शाम करीब 7 बजकर 35 मिनट से अभिषेक लापता हो गया था। काफी खोजबीन के बाद भी जब उसका कोई सुराग नहीं मिला तो 24 दिसंबर को नाथनगर थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई गई।
शिकायत में संतोष दास ने बताया कि 24 दिसंबर की सुबह करीब आठ बजे अभिषेक से फोन पर बात हुई थी। उस दौरान उसने कहा था कि वह दिन के 12 बजे तक घर लौट आएगा, लेकिन वह नहीं आया। इसके बाद जब दोबारा फोन किया गया तो मोबाइल बंद मिलने लगा। इसके बाद परिजनों की चिंता और बढ़ गई।
मामले में पुलिस ने तकनीकी अनुसंधान शुरू किया और मोबाइल लोकेशन के आधार पर कार्रवाई तेज की। शुक्रवार की दोपहर मिर्जापुर गांव से टोटो चालक राधे और ऋतिक को हिरासत में लिया गया। पुलिस की सख्त पूछताछ में दोनों टूट गए और उन्होंने इस जघन्य कांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली। उनकी निशानदेही पर पुलिस शाम को राघोपुर पंचायत के शाहपुर पुलिया के पास पहुंची, जहां से एक प्लास्टिक के बोरे में बंद शव बरामद किया गया।
जब पुलिस ने बोरे को खोला तो मौजूद सभी लोगों के होश उड़ गए। शव को मिट्टी और बालू से भरे प्लास्टिक बोरे में छिपाया गया था। अभिषेक के शरीर को तीन टुकड़ों में काटा गया था। दोनों हाथ मोटी नायलॉन की रस्सी से बंधे हुए थे और जैकेट का चैन लगाकर शरीर को सील किया गया था। सबसे दिल दहला देने वाली बात यह रही कि शव का सिर और दोनों पैर गायब थे।
आरोपियों से जब सिर और पैर के बारे में पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि उसे गंगा नदी की धार में फेंक दिया गया है। इसके बाद पुलिस ने गंगा में तलाशी अभियान शुरू किया है। आशंका जताई जा रही है कि हत्या से पहले युवक की जांघ में गोली मारी गई थी और फिर इलेक्ट्रॉनिक मशीन या हेक्सा ब्लेड (आरी) से शरीर को काटकर टुकड़े-टुकड़े किए गए।
शव मिलने की खबर फैलते ही घटनास्थल पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जुट गए। शव की हालत देखकर लोगों में आक्रोश फैल गया। हालात बिगड़ने की आशंका को देखते हुए पुलिस ने रात करीब आठ बजे शव को तुरंत थाना ले जाकर सीधे पोस्टमार्टम हाउस भेजने का निर्णय लिया, ताकि भीड़ उग्र न हो जाए।
पुलिस के अनुसार, हत्या का कारण मोबाइल और यूपीआई से जुड़ा लेन-देन बताया जा रहा है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि अभिषेक ने राधे और ऋतिक में से किसी एक को यूपीआई गारंटी पर करीब 20 हजार रुपये का मोबाइल दिलवाया था। कुछ समय पहले किस्त जमा करने को लेकर विवाद हुआ था। बताया जा रहा है कि आरोपियों ने 10 हजार रुपये तो लौटा दिए थे, लेकिन बाकी 10 हजार रुपये को लेकर चार दिन पहले फिर विवाद हुआ। इसी विवाद के बाद इस नृशंस हत्या को अंजाम दिया गया।
हालांकि, यह कहानी परिजनों और स्थानीय लोगों को हजम नहीं हो रही है। मृतक के मामा संतोष दास ने फोन पर कहा कि “मामूली मोबाइल के लिए कोई इतनी बेरहमी से हत्या कैसे कर सकता है। इसमें और भी लोग शामिल हो सकते हैं।” उन्होंने आशंका जताई कि अभिषेक की हत्या कहीं और, संभवतः रनुचक इलाके में की गई और बाद में शव को ठिकाने लगाया गया।
फिलहाल पुलिस दोनों आरोपियों से लगातार पूछताछ कर रही है और इस हत्याकांड में अन्य लोगों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। साथ ही, गंगा में फेंके गए सिर और पैरों की तलाश जारी है। नाथनगर की यह घटना एक बार फिर समाज को झकझोरने वाली बन गई है, जहां मामूली विवाद में इंसानियत को इस कदर कुचल दिया गया।