PK के आरोपों को अशोक चौधरी ने बताया गलत, कहा..झूठ फैलाने वालों को बिहार की जनता देगी करारा जवाब

जद(यू) के वरिष्ठ नेता व ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने जन सुराज के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह राजनीतिक प्रासंगिकता पाने का असफल प्रयास है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी संपत्ति और परिवार से जुड़े सभी विवरण पहले से ही सार्वजनिक अभिलेख में..

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 25 Sep 2025 08:58:48 PM IST

बिहार

PK पर पलटवार - फ़ोटो सोशल मीडिया

PATNA: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रशांत किशोर और अशोक चौधरी के बीच जंग छिड़ी हुई है। अशोक चौधरी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद यह जंग और तेज हो गई है। प्रशांत किशोर को 100 करोड़ का मानहानि का नोटिस अशोक चौधरी ने भेजा है। इस पर पीके ने कहा है कि अशोक चौधरी ने अपने वकील से दो पेज का नोटिस क्या भेज दिया जैसे वह सुप्रीम कोर्ट से बड़ी हो गए हैं? इस नोटिस से पहले भी उन्होंने एक और नोटिस भेजा था। दूसरी बार अशोक चौधरी ने नोटिस भेजा है। अब वह तीसरी नोटिस भी तैयार करवा लें, क्योंकि मैं उनके खिलाफ अपनी तीसरी किश्त लेकर जल्द आने वाला हूं।


 पीके के इस बयान के बाद और जन सुराज द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बिहार सरकार के ग्रामीण कार्य मंत्री एवं जद(यू) के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. अशोक चौधरी ने कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए सभी कथित आरोप न केवल निराधार हैं, बल्कि यह राजनीतिक प्रासंगिकता हासिल करने का एक हताश प्रयास है। मेरी छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जनता को गुमराह करने के ऐसे किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सच्चाई न्यायालय एवं जनमानस के सामने स्वतः उजागर होगा।


अशोक चौधरी ने अपनी धर्मपत्नी के नाम पर किए गए तथाकथित भ्रामक खुलासे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मेरी पत्नी से संबंधित संपत्ति, निवेश अथवा ऋण का हर विवरण पहले से ही मेरी वार्षिक संपत्ति विवरणी में दर्ज है, जो सार्वजनिक अभिलेख का हिस्सा है और बिहार के प्रत्येक नागरिक के लिए सहज रूप से उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि जिस जानकारी को 'खुलासा' बताकर प्रस्तुत किया जा रहा है, वह दरअसल वर्षों से सार्वजनिक डोमेन में मौजूद है। ऐसे तथ्यों को सनसनीखेज ढंग से पेश करना केवल जनता को गुमराह करने और भ्रामक प्रचार फैलाने का एक असफल प्रयास है।


अशोक चौधरी ने स्पष्ट किया कि जहाँ तक किसी संस्था से उनके जुड़ाव का प्रश्न उठाया जा रहा है, वहाँ उनके द्वारा स्वयं यह स्वीकार किया जा रहा है कि इसके समर्थन में कोई ठोस साक्ष्य मौजूद नहीं है और केवल परिस्थितिजन्य बातों के आधार पर कयास लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस संस्था से उनका न तो प्रत्यक्ष और न ही अप्रत्यक्ष कोई लेना-देना है, उस पर टिप्पणी करना सरासर हास्यास्पद और निरर्थक है। अशोक चौधरी ने आगे कहा कि जहां तक उनकी बेटी की संपत्ति पर सवाल उठाए जा रहे हैं, उस संबंध में सभी विवरण पूर्व में ही सार्वजनिक रूप से साझा कर चुके हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस विषय में अब जो बातें उठाई जा रही हैं, वे कोई नई जानकारी नहीं हैं, बल्कि पहले से उपलब्ध बातों की ही पुनरावृत्ति मात्र है। उन्होंने कहा कि झूठ, अफवाह और आधारहीन आरोपों की राजनीति से न तो उनकी प्रतिष्ठा पर कोई आंच आ सकती है और न ही जनता का विश्वास डगमगा सकता है। उन्होंने दो टूक कहा कि तीन दशकों से अधिक की पारदर्शी और स्वच्छ जनसेवा को इस प्रकार के कुत्सित प्रयास कभी प्रभावित नहीं कर सकते। कानून अपना कार्य करेगा, सत्य की जीत होगी और झूठ फैलाने वालों को जनता भी करारा जवाब देगी।