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25-Jan-2025 09:22 PM
PATNA: केंद्र सरकार ने 2025 के पद्म सम्मान का ऐलान कर दिया है। केंद्र सरकार द्वारा जारी सूची में बिहार के 7 लोगों का नाम शामिल है। लोक गायिका शारदा सिन्हा को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है। वही सुशील कुमार मोदी को समाज सेवा के लिए मरणोपरांत पद्म भूषण सम्मान दिया गया है। वही पूर्व आईपीएस अधिकारी और महावीर मंदिर ट्रस्ट के पूर्व सचिव आचार्य किशोर कुणाल को मरणोपरांत पद्मश्री सम्मान दिया गया है। इन दोनों के अलावा बिहार के 5 लोगों को पद्म श्री सम्मान दिया गया।
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान-पद्म पुरस्कार 2025 के लिए नामों की घोषणा कर दी। शारदा सिन्हा, ओसामु सुजुकी समेत 7 हस्तियों को पद्म विभूषण सम्मान दिया गया है। सुशील मोदी, पंकज उधास समेत 19 हस्तियों को पद्म भूषण सम्मान दिया गया है। इनके अलावा आचार्य किशोर कुणाल सहित 113 हस्तियों को इस बार पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा। इनके नामों की घोषणा भी कर दी गयी है।
मुसहर के मसीहा को सम्मान
केंद्र सरकार ने इस साल आरा के रहने वाले भीम सिंह भावेश को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित करने का फैसला लिया है. आरा(भोजपुर) के रहने वाले भीम सिंह पेशे से पत्रकार रहे हैं. पत्रकारिता के दौरान उन्होंने मुसहर समाज की दुर्दशा देखी तो अपना जीवन उनके लिए समर्पित कर दिया. वे पिछले 22 सालों से भोजपुर जिले के साथ साथ आस-पास के क्षेत्र में मुसहरों के लिए काम कर रहे हैं.
केंद्र सरकार के मुताबिक भीम सिंह भावेश अपनी संस्था “नई आशा” के जरिये मुसहर बस्तियों में काम करते हैं. वे दलितों और अति पिछड़ी जातियों की शिक्षा, स्वास्थ्य के लिए काम करते हैं. भोजपुर जिले में उन्होंने करीब 8 हजार मुसहर बच्चों का स्कूल में एडमिशन करवाया है. वह 100 से ज्यादा स्वास्थ्य शिविर आयोजित करवा चुके हैं. उन्होंने अपनी दो किताबों नेमप्लेट और कोलकाता से कोलकाता के जरिये मुसहर समाज की दुर्दशा को समाज के सामने रखा है.
निर्मला देवी को भी सम्मान
केंद्र सरकार ने कला के क्षेत्र में मुजफ्फरपुर की निर्मला देवी को भी पद्मश्री से सम्मानित करने का फैसला लिया है. 75 साल की निर्मला देवी सूजनी कला में पिछले 4 दशक से काम कर रही हैं. उनके काम को जीआई टैग मिल चुका है. केंद्र सरकार के मुताबिक निर्मला देवी ने सूजनी कला को न सिर्फ इस देश में बल्कि पूरी दुनिया में फैलाने में अहम भूमिका निभायी है. कई देशों के म्यूजियम में उनकी कला का प्रदर्शन किया जा रहा है. मुजफ्फरपुर में वह भूसरा महिला विकास समिति चला रही हैं. इस संस्था के जरिये एक हजार से ज्यादा महिलाओं को सूजनी कला का प्रशिक्षण दिया जा चुका है.