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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 01 Apr 2025 10:48:08 PM IST
कार्रवाई के डर से थाना प्रभारी फरार - फ़ोटो GOOGLE
JAMUI: अक्सर देखने को मिलता है कि कार्रवाई की डर से अपराधी फरार हो जाते हैं। लेकिन जमुई में कार्रवाई के डर से थाना प्रभारी ही फरार हो गये हैं। मामला बालू माफिया से बातचीत करने का है। सोशल मीडिया पर थानेदार साहब का ऑडियो जैसे ही वायरल हुआ वो अंडरग्राउंड हो गये।
जमुई में एक अनोखा मामला सामने आया है जहां एक पुलिस अधिकारी कार्रवाई के डर से फरार हो गया है। बताया जा रहा है कि टीओपी थाना प्रभारी मोती लाल साह अपने मोबाइल को भी स्वीच ऑफ कर अंडर ग्राउंड हो गये हैं। मामला बालू माफिया और दारोगा के बीच हुई बातचीत के बाद सामने आया है। बीते 26 मार्च को ऑडियो वायरल होने के बाद पुलिस महकमे में हलचल मच गई थी। इस ऑडियो में बालू माफिया से पैसे लेने-देने की बात की गई थी, जिसे फर्स्ट बिहार ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
मामला सामने आने के बाद एसपी मदन कुमार आनंद ने इसकी जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया। जांच के लिए साइबर थाना को जिम्मेदारी दी गई। जिसमें एसपी के निर्देश पर जमुई साइबर डीएसपी राजन कुमार नेतृत्व कर रहे हैं। 28 मार्च को साइबर थाना में जांच के बाद एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें टीओपी थाना प्रभारी मोती लाल साह को संदिग्ध के रूप में नामित किया गया। साथ ही ऑडियो वायरल करने वाले कल्याणपुर निवासी रंजय कुमार और ऑडियो में उल्लिखित नाम नीतीश कुमार, कमल सिंह, दीपक चौधरी, कृष्णा यादव, मुन्ना, और चंदन कुमार को आरोपी बनाया गया।
साइबर थाना की रिपोर्ट के अनुसार,जमुई टीओपी थाना प्रभारी मोती लाल साह अपने थाने से फरार हैं और उनका मोबाइल भी बंद है। इस मामले में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए भास्कर टीम बोधवान तालाब स्थित टीओपी थाना पहुंची, लेकिन थाना खाली पाया गया। टीम ने टीओपी थाना के अंकित नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन वह नंबर भी बंद था। थाने के अंदर एक व्यक्ति से मुलाकात हुई, जिन्होंने अपना नाम सुनील कुमार साह बताया।
उन्होंने कहा 31 मार्च को हीं यहां आयें हैं। जब फर्स्ट बिहार न्यूज़ चैनल की टीम ने उनसे मोती लाल साह के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा कि उन्हें उनके बारे में कोई जानकारी नहीं है और वे यहां नहीं दिख रहे हैं। आगे उन्होंने बताया कि वे सिमुलतला थाना से आए हैं और अभी तक उन्हें कोई लिखित आदेश नहीं मिला है। मौखिक आदेश के आधार पर ही वे यहां आए हैं। जैसे ही लिखित आदेश मिलेगा, जानकारी सभी को दी जाएगी।