1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 28 Sep 2025 10:14:11 AM IST
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BIHAR NEWS : बिहार के जमुई जिले से एक बेहद दर्दनाक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। खैरा थाना क्षेत्र के बलियोटांड़ गांव में दो मजदूरों को चोरी के शक में अगवा कर बेरहमी से पीटा गया। इस घटना में एक मजदूर की मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। मृतक की पहचान पुरुषोत्तम मांझी (40 वर्ष) के रूप में हुई है, जो भेड़िया गांव के रहने वाले थे और अपनी ससुराल बलियोटांड़ में रह रहे थे। वहीं घायल मजदूर का नाम विशाल मांझी है, जो इसी इलाके से ताल्लुक रखते हैं।
मामला 26 सितंबर की सुबह का है। मृतक की पत्नी रिंकू देवी के मुताबिक, गांव के ही कुछ लोग उनके घर पहुंचे। इनमें सुभाष यादव, अनिल यादव, खीरू यादव उर्फ सुनील यादव, शंकर यादव, राकेश यादव, नीतीश यादव, अंबा गांव के मिथुन यादव, ततवाडीह के कुंदन यादव, भरथुवा के बबलू यादव, बलियो के रूपेश यादव और निशु वर्णवाल शामिल थे। ये लोग चार पहिया वाहन और चार मोटरसाइकिलों पर सवार होकर पहुंचे थे।
घर पहुंचकर आरोपितों ने पुरुषोत्तम मांझी और विशाल मांझी पर गांव के शंकर यादव की दुकान से दो लाख रुपये चोरी करने का आरोप लगाया। आरोप लगाते ही उन्होंने गाली-गलौज शुरू कर दी और फिर पिस्तौल दिखाकर दोनों मजदूरों को जबरन गाड़ी में बैठा लिया। वाहन निशु वर्णवाल चला रहा था।
दोनों मजदूरों को गांव के बाहर जंगल किनारे स्थित शंकर यादव के पोल्ट्री फार्म में ले जाया गया। वहां आरोपितों ने दोनों की बेरहमी से पिटाई की। इस दौरान पुरुषोत्तम मांझी गंभीर रूप से घायल हो गए और उनकी मौत हो गई। जबकि विशाल मांझी की हालत भी नाजुक बनी हुई है और उनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। पिटाई के बाद आरोपित एक बार फिर मृतक के घर लौटे और वहां तलाशी ली। इसके बाद अंबा गांव के फाल्गुनी यादव और सुभाष यादव ने पुरुषोत्तम मांझी के शव को बाइक से अस्पताल पहुंचाया और मौके से फरार हो गए। घटना के बाद से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस हरकत में आई। मृतक की पत्नी रिंकू देवी के बयान पर एक दर्जन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने अब तक चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है और बाकी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही सभी आरोपितों को पकड़ लिया जाएगा।
इस दर्दनाक घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल है। लोग इस निर्मम हत्या से स्तब्ध हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कानून हाथ में लेने की बजाय मामले की जांच होनी चाहिए थी। वहीं मृतक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और वे न्याय की गुहार लगा रहे हैं। यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है बल्कि सामाजिक स्तर पर भी गंभीर संदेश देती है कि आपसी विवाद और शक के मामलों में लोग किस हद तक जा सकते हैं। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और आरोपितों की गिरफ्तारी से उम्मीद है कि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सकेगा।