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आपका बच्चा सुन नहीं पा रहा? बिहार में घर-घर जाकर हो रहा फ्री इलाज! देश के बेस्ट इनोवेशन प्रोजेक्ट में भी शामिल

बच्चों में बहरेपन की समस्या अब इलाज से दूर हो रही है! बिहार के गया जिले में ‘श्रवण श्रुति’ कार्यक्रम के तहत घर-घर जाकर बच्चों की सुनने की जांच और मुफ्त इलाज किया जा रहा है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 21 Feb 2025 09:45:18 PM IST

आपका बच्चा सुन नहीं पा रहा? बिहार में घर-घर जाकर हो रहा फ्री इलाज! देश के बेस्ट इनोवेशन प्रोजेक्ट में भी शामिल

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क्या आपका बच्चा सुन नहीं सकता? घर-घर जाकर जांच, मुफ्त सर्जरी से बदल रही है जिंदगी! बिहार के गया जिले में चलाए जा रहे 'श्रवण श्रुति' कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी सफलता मिली है। बच्चों में बहरेपन की जांच, इलाज और सर्जरी की इस अनूठी पहल को नेशनल समिट ऑन बेस्ट प्रैक्टिसेज के लिए चुना गया है। देशभर में कुल 40 इनोवेटिव स्वास्थ्य परियोजनाओं का चयन किया गया है, जिसमें गया जिले का यह कार्यक्रम भी शामिल है। 


गया के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे इस प्रोजेक्ट को वैश्विक स्तर पर भी सराहना मिल रही है। 1 अप्रैल 2021 से शुरू हुए इस कार्यक्रम ने बिहार में श्रवण स्वास्थ्य सेवा की तस्वीर बदल दी है। अब तक 4,25,911 बच्चों की श्रवण जांच की जा चुकी है। 1,739 बच्चों की श्रवण जांच की जा चुकी है। 70 बच्चों की कोक्लियर इंप्लांट सर्जरी की जा चुकी है। 1,769 बच्चों को श्रवण मशीन दी जा चुकी है। 1,839 बच्चों को स्पीच थेरेपी दी जा चुकी है। 


इस कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के डॉक्टर, आशा कार्यकर्ता और अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर या कैंप लगाकर मूक-बधिर बच्चों की पहचान करते हैं। इसके बाद जिला अस्पताल में 'बेरा टेस्ट' किया जाता है। जरूरत पड़ने पर कानपुर में सर्जरी की जाती है। सर्जरी के बाद बच्चों को स्पीच थेरेपी दी जाती है। हर मरीज की डिजिटल ट्रैकिंग होती है, जिससे फॉलोअप आसान हो जाता है। 


इस पहल का लाभ गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए पंचायत, स्वयं सहायता समूह और स्थानीय प्रशासन की मदद ली जा रही है। सामुदायिक जागरूकता के लिए घर-घर सर्वे, सोशल मीडिया अभियान, ग्राम सभा में चर्चा जैसी गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं।