ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Politics: बिहार में विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त का मामला, BJP एमएलए से EOU ने तीन घंटे तक की पूछताछ; अब JDU विधायक की बारी Bihar Politics: बिहार में विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त का मामला, BJP एमएलए से EOU ने तीन घंटे तक की पूछताछ; अब JDU विधायक की बारी मोतिहारी के इन सरकारी स्कूलों में 'चवन्नी' का काम नहीं और BSEIDC से करोड़ों की अवैध निकासी ! खुलासे के बाद भी भुगतान को लेकर 'पटना' भेजी जा रही सैकड़ों फाइल Bihar Weather: बिहार के इन जिलों में अगले कुछ घंटे भीषण बारिश, IMD का अलर्ट जारी Bihar Politics: बिहार NDA के कार्यकर्ता सम्मेलन में हंगामा, BJP विधायक और पूर्व JDU सांसद के समर्थक आपस में भिड़े; खूब हुई नारेबाजी Bihar Politics: बिहार NDA के कार्यकर्ता सम्मेलन में हंगामा, BJP विधायक और पूर्व JDU सांसद के समर्थक आपस में भिड़े; खूब हुई नारेबाजी BIHAR CRIME : देवर ने भाभी की निर्मम हत्या, पुलिस ने युवक को किया अरेस्ट; जानिए क्या थी वजह Bihar News: 90 दिनों में बिहार के रेलवे ट्रैक पर 100 से अधिक मौतें, यह रेल खंड रहा अव्वल Team India jersey Sponsor : एशिया कप में बिना स्पॉन्सर खेलने के बाद अब टीम इंडिया की जर्सी पर अब दिखेगा यह नाम,जानिए कब तक है डील Bihar Crime News: बिहार में महिला का शव मिलने से सनसनी, रेप के बाद हत्या की आशंका; परिजनों ने किया भारी बवाल

Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष में सफेद रंग क्यों होता है जरूरी? जानें... इसके पीछे का रहस्य

Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष में सफेद रंग पहनने का विशेष महत्व है, जो शुद्धता, पवित्रता और शांति का प्रतीक है। पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्रद्धांजलि देते समय सफेद वस्त्र पहनना अनिवार्य माना जाता है। जानिए...

Pitru Paksha 2025

16-Sep-2025 02:38 PM

By First Bihar

Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण अवधि मानी जाती है, जिसमें पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं। इस पावन समय में पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर से हुई और यह 21 सितंबर तक चलेगा।


हिन्दू पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष भाद्रपद पूर्णिमा से आश्विन अमावस्या तक होता है। इस दौरान श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान जैसे धार्मिक कार्य किए जाते हैं, ताकि पितरों की आत्मा को शांति मिल सके और वे हमारे ऊपर आशीर्वाद बनाए रखें। वहीं, पितृ पक्ष के अनुष्ठान करते समय कई नियमों का पालन किया जाता है, जिनमें सफेद वस्त्र पहनना एक प्रमुख नियम है। 


निदेशक ज्योतिषाचार्य का कहना है कि सफेद रंग को शुद्धता, पवित्रता और शांति का प्रतीक माना जाता है। पितृ पक्ष के दौरान हम अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं, इसलिए इस समय सफेद वस्त्र पहनने से हमारी भावनाएं और मानसिक स्थिति भी शुद्ध और शांतिपूर्ण रहती हैं।


इसके अलावा, पितृ पक्ष शोक और मौन का समय होता है, जिसमें खुशियों या शोर-गुल की जगह शांति बनाए रखना आवश्यक होता है। इस वजह से इस दौरान रंग-बिरंगे और चमकीले कपड़े पहनना उचित नहीं माना जाता। सफेद रंग पहनना इस बात का भी संकेत है कि मनुष्य को मोह-माया से ऊपर उठकर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और स्मृति के लिए समर्पित होना चाहिए। यह परंपरा हमें जीवन की अस्थायी चीजों से परे सोचने और आध्यात्मिक उन्नति की ओर बढ़ने की प्रेरणा देती है।


पितृ पक्ष के दौरान किए जाने वाले तर्पण और पिंडदान से पूर्वजों की आत्मा को तृप्ति मिलती है, जिससे परिवार में सुख-समृद्धि और सौभाग्य बना रहता है। इसलिए, इस पावन अवधि में सभी धार्मिक क्रियाओं को विधि-विधान से करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे न केवल पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है, बल्कि यह हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आशीर्वाद भी लाता है। पितृ पक्ष की अवधि हिंदू समाज में न केवल धार्मिक अनुष्ठान का समय है, बल्कि यह अपने पूर्वजों के प्रति सम्मान, श्रद्धा और आस्था व्यक्त करने का भी महत्वपूर्ण अवसर है।