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27-Feb-2025 06:42 PM
By First Bihar
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य भारत के महान विद्वानों में से एक थे, जिन्होंने अपने ज्ञान और नीतियों के माध्यम से समाज को सही दिशा दिखाने का प्रयास किया। उनकी लिखी गई चाणक्य नीति आज भी लोगों को जीवन में सही मार्गदर्शन देती है। चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में यह बताया है कि कुछ ऐसे लोग होते हैं, जिन्हें कभी भी अपने घर पर नहीं बुलाना चाहिए। ऐसे लोग न केवल आपके जीवन में समस्याएं पैदा कर सकते हैं, बल्कि आपके घर के माहौल को भी नकारात्मक बना सकते हैं। आइए जानते हैं, किन लोगों को घर बुलाने से बचना चाहिए।
1. स्वार्थी व्यक्ति
चाणक्य नीति के अनुसार, स्वार्थी व्यक्ति को कभी अपने घर आमंत्रित नहीं करना चाहिए। ऐसे लोग केवल अपने फायदे के बारे में सोचते हैं और किसी और की भलाई में उनकी कोई रुचि नहीं होती। यदि कोई व्यक्ति केवल अपने स्वार्थ के कारण आपसे संबंध रखता है, तो वह आपके घर आने के बाद भी केवल अपना लाभ ही देखेगा और आपके लिए किसी भी प्रकार से लाभकारी नहीं होगा।
2. दोमुंहा व्यक्ति
चाणक्य के अनुसार, उन लोगों को भी अपने घर बुलाने से बचना चाहिए जो बाहर से कुछ और दिखाते हैं लेकिन भीतर से उनके विचार अलग होते हैं। ऐसे लोग परिवार के सदस्यों के बीच गलतफहमी पैदा कर सकते हैं और घर का माहौल बिगाड़ सकते हैं। ये लोग सामने से दोस्ती का दिखावा करते हैं, लेकिन पीठ पीछे आपकी बुराई कर सकते हैं, जिससे परिवार और सामाजिक जीवन में तनाव उत्पन्न हो सकता है।
3. स्वार्थी मित्र
कई लोग मित्रता केवल अपने स्वार्थ के लिए करते हैं और जरूरत पड़ने पर ही दूसरों को याद करते हैं। चाणक्य के अनुसार, ऐसे मित्रों को अपने घर बुलाने से बचना चाहिए, क्योंकि वे केवल तब संपर्क करते हैं जब उन्हें आपकी जरूरत होती है, लेकिन जब आपको उनकी जरूरत होती है, तो वे मदद के लिए आगे नहीं आते। ऐसे मित्र न तो सच्चे होते हैं और न ही आपके जीवन में किसी तरह का सकारात्मक योगदान देते हैं।
4. दूसरों का अहित चाहने वाले लोग
चाणक्य नीति में कहा गया है कि ऐसे लोग जो दूसरों के दुख या असफलता में आनंद लेते हैं, उन्हें अपने घर पर नहीं बुलाना चाहिए। ये लोग अक्सर नकारात्मक सोच रखते हैं और अपने स्वार्थ के लिए किसी का भी नुकसान कर सकते हैं। ऐसे लोगों की संगति से घर का माहौल भी प्रभावित होता है और परिवार में अशांति आ सकती है।
कैसे पहचानें ऐसे लोगों को?
ये लोग हमेशा खुद का फायदा देखते हैं और दूसरों के लिए कुछ भी करने से बचते हैं।
सामने से दोस्ती का दिखावा करते हैं, लेकिन पीठ पीछे आपकी आलोचना करते हैं।
केवल जरूरत पड़ने पर ही संपर्क करते हैं और मुश्किल समय में साथ नहीं देते।
दूसरों के दुख और समस्याओं में आनंद लेते हैं और नकारात्मकता फैलाते हैं।
आचार्य चाणक्य की नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं और जीवन को सही दिशा देने में मदद करती हैं। यदि हम उनके द्वारा बताए गए सिद्धांतों का पालन करें, तो जीवन में कई अनावश्यक परेशानियों से बच सकते हैं। इसलिए, हमें सावधान रहना चाहिए कि किन लोगों को अपने घर बुलाना चाहिए और किनसे दूरी बनाए रखना चाहिए। सही संगति न केवल हमारे व्यक्तिगत जीवन को बेहतर बनाती है, बल्कि हमारे घर के वातावरण को भी सुखद और सकारात्मक बनाए रखती है।