Nishant Kumar: सीएम नीतीश कुमार के बेटे निशांत की राजनीति में एंट्री का चर्चा, जेडीयू दफ्तर के बाहर लगे पोस्टरों से अटकलें तेज Nishant Kumar: सीएम नीतीश कुमार के बेटे निशांत की राजनीति में एंट्री का चर्चा, जेडीयू दफ्तर के बाहर लगे पोस्टरों से अटकलें तेज ‘लहे-लहे घोंट जा..’ बिहार के सरकारी स्कूल में खेसारी लाल के गाने पर आर्केस्ट्रा गर्ल का कमरतोड़ डांस; एक्शन लेगा शिक्षा विभाग? Bihar News: जल्द शुरू होगा बिहार के इस महत्वपूर्ण फोरलेन का निर्माण कार्य, एजेंसी की लापरवाही के कारण वर्षों से ठप पड़ा है काम; नई कंपनी को मिला जिम्मा Bihar News: जल्द शुरू होगा बिहार के इस महत्वपूर्ण फोरलेन का निर्माण कार्य, एजेंसी की लापरवाही के कारण वर्षों से ठप पड़ा है काम; नई कंपनी को मिला जिम्मा PM Narendra Modi: पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे बिहार NDA के सभी सांसद, चुनाव में मिली प्रचंड जीत के लिए जताएंगे आभार PM Narendra Modi: पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे बिहार NDA के सभी सांसद, चुनाव में मिली प्रचंड जीत के लिए जताएंगे आभार Patna Police: आखिर पटना पुलिस को क्यों चाहिए पांच एकड़ जमीन? सामने आई यह बड़ी वजह, जानिए.. Patna Police: आखिर पटना पुलिस को क्यों चाहिए पांच एकड़ जमीन? सामने आई यह बड़ी वजह, जानिए.. Bihar News: बिहार में ट्रकों से अवैध वसूली का खेल, जेपी सेतु पर ट्रैफिक जवान ने डॉक्टर को पीटा; यातायात पुलिस पर गंभीर आरोप
02-Mar-2025 06:45 AM
By First Bihar
Amalaki Ekadashi 2025: सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व माना गया है। हर साल कुल 24 एकादशी व्रत होते हैं, जो भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित होते हैं। इन तिथियों पर श्रद्धालु व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करते हैं। फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत और पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सभी पापों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं कि आमलकी एकादशी 2025 कब है और इसकी पूजा विधि क्या है।
आमलकी एकादशी 2025 की तिथि एवं शुभ मुहूर्त
अयोध्या के ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 9 मार्च को रात्रि 7:45 बजे होगी और यह 10 मार्च को सुबह 7:44 बजे समाप्त होगी। पंचांग के अनुसार, व्रत 10 मार्च को रखा जाएगा।
आमलकी एकादशी पर क्या करें?
स्नान और वस्त्र धारण: ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ पीले रंग के वस्त्र धारण करें।
पूजा विधि: एक चौकी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
दीप प्रज्वलन: देसी घी का दीपक जलाएं और श्री हरि का अभिषेक करें।
सामग्री अर्पण: भगवान को पीले फूल, तुलसी पत्र, गोपी चंदन और पंचामृत अर्पित करें।
भोग अर्पण: भगवान को फल, पंचामृत और मखाने की खीर का भोग लगाएं।
मंत्र जाप: भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें और आमलकी एकादशी व्रत कथा का पाठ करें।
भूलकर भी न करें ये कार्य
चावल का सेवन न करें: एकादशी के दिन चावल खाने से पाप का भागी बनना पड़ता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन चावल खाने से व्रत का फल प्राप्त नहीं होता है।
क्रोध और गलत आचरण से बचें: इस दिन मन को शांत रखें और किसी के प्रति बुरा व्यवहार न करें।
आमलकी एकादशी का महत्व
आमलकी एकादशी को विशेष रूप से आंवला वृक्ष की पूजा के साथ जोड़ा जाता है। मान्यता है कि इस दिन आंवले के वृक्ष के नीचे भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। आशा है कि यह जानकारी आपको आमलकी एकादशी व्रत करने में सहायक होगी। इस पावन तिथि पर व्रत और पूजन कर भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करें।