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04-Nov-2023 11:05 AM
By First Bihar
PATNA : बिहार में बाहर है सुशासन की सरकार है और प्रदेश के सीएम नीतीश कुमार हैं। यह नारा जदयू के नेता कार्यकर्ता लगातार सार्वजनिक मंच से बोलते नजर आते हैं। जदयू के नेता लगातार कहते हैं कि सुशासन की सरकार में ना तो हम किसी को छोड़ते हैं और ना ही किसी को फंसाते हैं। लेकिन जो गलत करता है उसको सलाखों के पीछे जरूर डालते हैं। ऐसे में अब जो डाटा सामने आया है वह खुद में आश्चर्यचकित कर देने वाला है।
दरअसल, बिहार में बच्चों के अपहरण और गुमशुदगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। बीते जनवरी से अगस्त महीने तक की बात करें तो इस बीच 5958 बच्चे गायब हुए हैं इनमें 5117 लड़कियां जबकि 841 लड़के हैं। गायब बच्चों में 85 प्रतिशत लड़कियां हैं। इनमें से 383 लड़कों और 2416 लड़कियों को बरामद किया है जबकि 3145 बच्चे अब भी लापता हैं। इस बात की जानकारी खुद पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
एडीजी ने बताया कि बिहार पुलिस बच्चों के गायब या किडनैप होने की गंभीरता से जांच कर रही है। बच्चों को बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से भी बरामद किया गया है। एडीजी मुख्यालय ने बताया कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर चाइल्ड इंडिया फॉउंडेशन और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा चाइल्डलाइन सेवा का संचालन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत आपातकालीन सेवा 1098 संचालित है।
उधर, उन्होंने बताया कि पुलिस गुमशुदगी के कारणों की पड़ताल भी कर रही है। गुम या किडनैप बच्चे बिहार से किस राज्य में गए या ले जाए गए, इसके पीछे उद्देश्य क्या था, इन बिंदुओं पर विश्लेषण किया जा रहा है। हर माह की 15 और 16 तारीख को थाना स्तर पर किडनैप एवं गुमशुदा बच्चों के घर जाकर उनके संबंध में अभिभावकों से संपर्क कर भौतिक सत्यापन का विशेष अभियान चलाने का आदेश दिया गया है।