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20-Mar-2020 06:21 PM
By Ganesh Samrat
PATNA : बिहार के लगभग पौने चार लाख नियोजित शिक्षकों की हड़ताल एक महीना बीत जाने के बाद भी बदस्तूर जारी है। समान काम समान वेतन और समान सेवा शर्त की मांग पर डटे शिक्षकों का वेतन भी सरकार ने रोक रखा है। लेकिन इस बीच पीएम मोदी की कोरोना वायरस पर की गयी अपील से हड़ताली शिक्षकों को सरकार के खिलाफ बड़ा अस्त्र मिल गया है। शिक्षकों ने अब बिहार सरकार पर पीएम मोदी की भी बात नहीं सुनने का आरोप लगाया है।
कोरोना वायरस की महा आपदा के बीच पीएम मोदी ने गुरूवार को राष्ट्र के नाम संदेश में कहा था कि संकट की इस घड़ी में जिन-जिन लोगों से आप सेवा लेते हैं तो उनकी आर्थिक स्थिति का ख्याल रखें। अगर कोई दफ्तर नहीं आते हैं तो उनका वेतन नहीं काटें। इसी अपील को आधार बनाते हुए बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति ने बिहार सरकार पर पीएम मोदी की अपील को भी ठुकराने का आरोप लगाया है। उन्होनें कहा कि पहले तो सरकार ने शिक्षकों का वेतन रोक रखा है और तो और उनके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई भी कर रही है। बिहार सरकार का रवैया बिल्कुल तानाशाही वाला है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने मंगलवार को हुई बैठक में हड़ताली शिक्षकों का लंबित वेतन भी रोकना का फरमान जारी किया था।
अपर मुख्य सचिव के इस बयान पर शिक्षक संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। टीइटी एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मार्कंडेय पाठक एवं प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पाण्डेय ने कहा कि शत प्रतिशत भागीदारी वाले नियोजित शिक्षकों की प्रचंड हड़ताल से सरकार बौखला गई है। विभिन्न जिलों से प्राप्त हड़ताल रिपोर्ट देखकर अपर मुख्य सचिव तमाम कानूनों को धता बताते हुए सरेआम धमकी पर उतर गये हैं। अपर मुख्य सचिव द्वारा हड़ताली शिक्षकों के बर्खास्तगी की धमकी और उनके लंबित वेतन रोकना सरकार के चरम हताशा का ही प्रदर्शन है। हड़ताली शिक्षक दमन से थमनेवाले नही हैं। सहायक शिक्षक- राज्यकर्मी का दर्जा और पूर्ण वेतनमान एवं समान सेवाशर्त की मांग पर सूबे के हड़ताली नियोजित शिक्षक भी अब "करो या मरो" के मुड में आ चुके हैं. उन्होनें कहा कि मांगें पूरी होने तक शिक्षक हड़ताल जारी रहेगी।
बता दें कि बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर विगत 17 फरवरी से ही सूबे के तमाम नियोजित शिक्षक हड़ताल पर हैं। इस बीच कोरोना आपदा के मद्देनजर शिक्षकों ने प्रोटेस्ट विद मॉस्क कैंपेन चलाकर लोगों के बीच जागरुकता अभियान संगठित किया है। हड़ताल में बने रहते हुए भी शिक्षकों के इस जन पहलकदमी से सरकार के दमन का हर दांव फेल होता नजर आ रहा है। उधर प्रदेश भर से जनप्रतिनिधियों व नियोजन इकाईयों द्वारा शिक्षक आंदोलन के समर्थन किये जाने से सरकार पर दबाब गहरा रहा है।