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21-May-2020 01:28 PM
DELHI : 69000 शिक्षकों की बहाली का रास्ता साफ अब साफ हो गया है। यूपी सरकार को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों की याचिका खारिज कर दी है।
जस्टिस उदय उमेश ललित, जस्टिस शान्तनुगौडार और जस्टिस विनीत शरण की बेंच ने शिक्षामित्रों की याचिका खारिज कर दी है। शिक्षामित्रों की ओर दलील रखते हुए सीनियर वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि सिंगल जज बेंच ने हमारे दावे के समर्थन में निर्णय दिया था, लेकिन डिविजन ने हमारा पक्ष पूरी तरह नहीं सुना। उन्होनें कहा कि परीक्षा के बाद नया कटऑफ भी तय किया गया। 7 जनवरी 2019 को परीक्षा होने के बाद न्यूनतम कटऑफ तय किया। 60-65 फीसदी शिक्षकों के लिए जबकि शिक्षा मित्र के लिए ये 40-45 फीसदी था।
जस्टिस यूयू ललित ने कहा कि यानी आपके दो सुझाव हैं कि बीएड कभी भी अर्हता नहीं थी और परीक्षा के बाद कटऑफ तय करना गलत है। इस पर मुकुल रोहतगी ने कहा कि शिक्षामित्रों को बहुत कम वेतन मिल रहा है। फिर जस्टिस ललित ने कहा कि यानी आप चाहते हैं कि 45 फीसदी सामान्य के लिए और 40 फीसदी आरक्षित वर्ग के लिए किया जाए। सुनवाई के दौरान यूपी सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और बेसिक शिक्षा बोर्ड की ओर से पेश राकेश मिश्रा को अपना पक्ष रखने की जरूरत नहीं पड़ी।