पटना में नगर निगम की लापरवाही से खुला मेनहोल बना जानलेवा, नाले में गिरा बच्चा पहली उड़ान बनी आखिरी सफर, सऊदी नौकरी पर निकले युवक ने फ्लाइट में दम तोड़ा, विदेश में नौकरी का सपना रह गया अधूरा जमुई में नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम, जंगल से 24 सिलेंडर बम बरामद भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग पर भीषण सड़क हादसा, महिला की मौत, 6 की हालत गंभीर Patna News: पटना एयरपोर्ट के लिए जारी हुआ नया आदेश, उल्लंघन किया तो होगी कड़ी कार्रवाई बेगूसराय में टला बड़ा हादसा: चलती ट्रेन के इंजन में लगी आग, यात्रियों ने कूदकर बचायी अपनी जान गांधी सेतु पर ट्रक और पिलर के बीच फंसा बाइक सवार, ट्रैफिक पुलिस ने किया रेस्क्यू AI in election: AI की चालबाज़ी से उलझे बिहार के वोटर! फर्जी कॉल्स-Deepfake से फैला भ्रम, अब चुनाव आयोग कसेगा शिकंजा! प्यार के लिए लड़का बना लड़की, अब पति किन्नर से शादी की जिद पर अड़ा Bihar politics : तेजस्वी ने किया 'महिला संवाद' पर हमला, जदयू का पलटवार...क्या महिलाओं की तरक्की से डरते हैं नेता प्रतिपक्ष?
12-Mar-2024 07:03 PM
BEGUSARAI: बेगूसराय ट्रिपल मर्डर केस में कोर्ट ने 7 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही अर्थ दंड भी लगाया। वही तीनों मृतक के परिजनों को चार-चार लाख रुपया सरकारी मुआवजा देने का निर्देश कोर्ट ने दिया है।
मझौल अनुमंडल न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार प्रधान ने चेरिया बरियारपुर थाना कांड संख्या 118 /2011 की सुनवाई करते हुए तिहरे हत्याकांड मामले के सात आरोपित को हत्या और अपहरण में दोषी पाते हुए सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद सजा सुनाई। इस हत्याकांड में चेरिया बरियारपुर थाना के परोङ निवासी राम उदगार सहनी, रेशमी सहनी ,भरत सहनी ,नरेश सहनी ,विशो सहनी, रामाशीष सहनी, और चंदन सहनी को हत्या और अपहरण में भारतीय दंड विधान की धारा 302 ,364 ,149, 148 ,341, के तहत न्यायालय ने दोषी घोषित किया गया था।
सभी आरोपित को भारतीय दंड विधान की धारा 302 मे आजीवन कारावास एवं 10 हजार अर्थदंड तथा धारा 364/149 में आजीवन कारावास एवं 5 हजार अर्थदंड तथा धारा 148 में 2 साल सश्रम कारावास एवं 2 हजार अर्थदंड तथा धारा 341में 100 रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी गयी। तीनों मृतक के परिजनों को चार चार लाख रुपया सरकारी मुआवजा देने के लिए कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार को जजमेंट की कॉपी भेजी है।अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक राकेश कुमार ने कुल 11 गवाहों की गवाही कराई।
सूचक की ओर से पूर्व लोक अभियोजक वरीय अधिवक्ता मंसूर आलम ने सूचक का पक्ष न्यायालय के समक्ष रखा। सभी गवाहो ने घटना का पूर्ण समर्थन किया। सभी आरोपित पर आरोप है कि 6 सितंबर 2011 को 11:30 बजे दिन में फुलवङिया थाना के बारो निवासी सूचक एस एम ताजवर जो मौजा एकंबा स्थित अपने खेत में मजदूरों से मकई तोङवा रहा था।
उसी समय सभी अभियुक्त हरवे हथियार से लैस होकर आए और सूचक के मुंशी मोहम्मद अलाउद्दीन मजदूर सिपाही पासवान और झड़ी सहनी के साथ बुरी तरह से मारपीट करके गंभीर रूप से जख्मी कर दिया। जिसमें मोहम्मद अलाउद्दीन और सिपाही पासवान की मौत इलाज के दरमियान हो गई जबकि झड़ी सहनी को मारपीट के वक्त ही आरोपितों ने वहां से अपहरण करके गायब कर दिया जिसकी लाश आज तक नहीं मिली है।