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01-Jul-2023 05:51 PM
By First Bihar
PATNA: सुल्तानगंज को खगड़िया (अगुवानी) से जोड़ने वाले निर्माणाधीन अगुवानी-सुल्तानगंज महासेतु का कुछ हिस्सा बीते दिनों गंगा नदी में समा गया था। अगुवानी पुल हादसे की जांच रिपोर्ट सरकार से सार्वजनिक करने की मांग बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने की है। उन्होंने कहा कि जिन इंजीनियरों को हटाया गया था, उन्हें पदस्थापित कर लीपापोती शुरू कर दी गयी है। नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार से एक बार फिर समझौता किया है। न विभागीय जांच में कोई प्रगति हुई और ना ही डिजाइन बनाने वाली कंपनी पर कोई कार्रवाई ही की गयी है।
पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अगुवानी-सुल्तानगंज पुल का एक हिस्सा गिरने की घटना पर सरकार जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करे। उन्होंने कहा कि पुल हादसे के बाद लगभग महीने -भर में क्या जाँच-पड़ताल और कार्रवाई हुई, इस पर नीतीश कुमार को जवाब देना चाहिए।
सुशील मोदी ने कहा कि पुल का डिजाइन बनाने वाली विदेशी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई? उन्होंने कहा कि पुल का हिस्सा ढहने के बाद जिस उप-मुख्य अभियंता को परियोजना से हटाया गया था, उसे पुल निर्माण निगम का प्रबंध निदेशक क्यों बना दिया गया?
उन्होंने कहा कि पिछले साल अगुवानी पुल का पाया धंसने की पहली घटना के बाद जिस कार्यपालक अभियंता को हटाया गया था, उसे पांच जून को दोबारा पुल का हिस्सा ढहने के बाद वापस बुला कर नया सीनियर प्रोजेक्ट इंजीनियर क्यों बनाया गया?
सुशील मोदी ने पूछा कि आइआइटी-रुड़की की विशेषज्ञ समिति की जांच रिपोर्ट का क्या हुआ? उस पर क्या कार्रवाई हुई? उन्होंने कहा कि पुल हादसे के बाद पथ निर्माण विभाग के अवर मुख्य सचिव के नेतृत्व में जो जांच शुरु हुई थी, वह कहाँ तक पहुँची, यह भी कोई बताने को तैयार नहीं।
उन्होंने कहा कि 1710 करोड़ से बनने वाले जिस पुल का शिलान्यास नीतीश कुमार ने किया था, वह बनने से पहले दो बार ढह गया, लेकिन किसी की भी जिम्मेदारी और सजा तय किये बिना पूरे मामले की लीपापोती की जा रही है। यह भ्रष्टचार से समझौता नहीं, तो क्या है?