ब्रेकिंग न्यूज़

Anant Singh : मोकामा के बाहुबली नेता अनंत सिंह को मिली जमानत, पहले चरण के नामांकन से पहले मिली बड़ी राहत; जानिए क्या है पूरा मामला BIHAR NEWS : बिजली चोरी रोकने को लेकर विद्युत विभाग का नया प्लान; जानिए क्या है ख़ास Bihar Election 2025: महागठबंधन में सीट बंटवारे में देरी से सहयोगी दलों की बेचैनी बढ़ी, CPM ने दो मौजूदा विधायकों को नामांकन की मंजूरी दी Bihar Election 2025: महागठबंधन में सीट बंटवारे में देरी से सहयोगी दलों की बेचैनी बढ़ी, CPM ने दो मौजूदा विधायकों को नामांकन की मंजूरी दी BIHAR NEWS : रोहतास हत्या मामला: नाली विवाद में युवती की गोली मारकर हत्या, परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप Bihar Crime News: बिहार में घर में घुसकर 9वीं के छात्र की गला रेतकर हत्या, रिश्तेदारों पर मर्डर करने का शक Bihar Crime News: बिहार में घर में घुसकर 9वीं के छात्र की गला रेतकर हत्या, रिश्तेदारों पर मर्डर करने का शक BIHAR NEWS : कैफे संचालक की गोली मारकर हत्या, लूट और रंजिश की आशंका, जांच के लिए एसआईटी गठित IPL 2026 Auction: इस दिन होगी IPL ऑक्शन, टीमों में बड़े फेरबदल की तैयारी शुरू; BCCI ने तय की रिटेंशन की तारीख Memory tricks: खेल-खेल में बढ़ाएं मेमोरी – बच्चों और बड़ों दोनों के लिए कुछ आसान उपाय

BIHAR NEWS : शराबबंदी कानून के तहत जब्त वाहनों को लेकर पटना HC सख्त, गृह विभाग को मिला 6 महीने का समय

BIHAR NEWS : शराबबंदी कानून के तहत जब्त वाहनों को लेकर पटना HC सख्त, गृह विभाग को मिला 6 महीने का समय

17-Dec-2024 08:27 AM

By First Bihar

PATNA : बिहार में शराबबंदी कानून लागू है। राज्य के अंदर कहीं भी शराब पीना या इससे जुड़ा किसी भी तरह का कोई भी कारोबार करना गैरकानूनी माना गया है।  ऐसे में पटना हाई कोर्ट ने शराबबंदी कानूनों के तहत जब्त किए गए वाहनों के मामले में पुलिस को दिशा-निर्देश जारी करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने पुलिस पर 50000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। 


दरअसल,कोर्ट का मानना था कि कई वाहन मालिक को शराबबंदी कानून के तहत अनावश्यक रूप से परेशान किया था। कोर्ट ने यह भी कहा है कि गृह विभाग को छह महीने के भीतर इस मुद्दे पर विचार-विमर्श कर उचित दिशा-निर्देश जारी करने चाहिए। न्यायाधीश पीबी बजनथ्री एवं न्यायाधीश एसबीपी सिंह की खंडपीठ ने संतोष सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि गृह विभाग छह महीने के भीतर इस मुद्दे पर विचार-विमर्श कर उचित दिशा-निर्देश जारी करें। 


वहीं,याचिकाकर्ता ने अपनी बजाज प्लेटिना मोटरसाइकिल को मुक्त कराने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी कोर्ट ने पाया कि केस के जांच अधिकारी ने कानून की जानकारी के बिना गंभीर कदाचार किया है। वाहन को जब्त कर उसे एक वर्ष से अधिक समय तक पुलिस ने रखा। इसके अलावा संबंधित जिले के एसपी ने वाहन की जब्ती और विभागीय कार्यवाही की कोई समीक्षा नहीं की। इससे वाहन पुलिस थाने के परिसर में पड़ा रहा और उसका मूल्य कम हो गया।


कोर्ट ने गोपालगंज के एसपी को निर्देश दिया कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में यह जांच करें कि कितने जब्त वाहन थानों में पड़े हैं। इन वाहनों को उनके मालिक के पक्ष में निपटाया जाना चाहिए या फिर उन्हें नीलाम किया जाना चाहिए। यदि वाहन मालिक, आरोपी, बीमा कंपनी या अन्य पक्षकार वाहन पर दावा नहीं करता है, तो मजिस्ट्रेट इसे नीलाम करने का आदेश दे सकता है। इस मामले में, कोर्ट ने वाहन मालिक को अनावश्यक रूप से परेशान करने पर 25,000 रुपये की क्षतिपूर्ति और 25,000 रुपये जुर्माने के रूप में देने का आदेश दिया। कुल 50,000 रुपये छह सप्ताह के भीतर वाहन मालिक को देने का निर्देश दिया गया है।