पटना में नगर निगम की लापरवाही से खुला मेनहोल बना जानलेवा, नाले में गिरा बच्चा पहली उड़ान बनी आखिरी सफर, सऊदी नौकरी पर निकले युवक ने फ्लाइट में दम तोड़ा, विदेश में नौकरी का सपना रह गया अधूरा जमुई में नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम, जंगल से 24 सिलेंडर बम बरामद भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग पर भीषण सड़क हादसा, महिला की मौत, 6 की हालत गंभीर Patna News: पटना एयरपोर्ट के लिए जारी हुआ नया आदेश, उल्लंघन किया तो होगी कड़ी कार्रवाई बेगूसराय में टला बड़ा हादसा: चलती ट्रेन के इंजन में लगी आग, यात्रियों ने कूदकर बचायी अपनी जान गांधी सेतु पर ट्रक और पिलर के बीच फंसा बाइक सवार, ट्रैफिक पुलिस ने किया रेस्क्यू AI in election: AI की चालबाज़ी से उलझे बिहार के वोटर! फर्जी कॉल्स-Deepfake से फैला भ्रम, अब चुनाव आयोग कसेगा शिकंजा! प्यार के लिए लड़का बना लड़की, अब पति किन्नर से शादी की जिद पर अड़ा Bihar politics : तेजस्वी ने किया 'महिला संवाद' पर हमला, जदयू का पलटवार...क्या महिलाओं की तरक्की से डरते हैं नेता प्रतिपक्ष?
12-Apr-2021 04:47 PM
RANCHI : देशभर में कोरोना से हो रही मौतों की संख्या में भी इजाफा देखने को मिल रहा है. पिछले साल के मुकाबले झारखण्ड में भी हर दिन कोरोना से मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. राजधानी रांची की बात करें तो पिछले 10 दिनों में रांची के श्मशान और कब्रिस्तान में अचानक शवों के आने की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है.
रविवार को रिकॉर्ड 60 शवों का अंतिम संस्कार हुआ. इनमें 12 शव कोरोना संक्रमितों के थे, जिनका दाह संस्कार घाघरा में सामूहिक चिता सजाकर किया गया. इसके अलावा 35 शव पांच श्मशान घाटों पर जलाए गए और 13 शवों को रातू रोड और कांटाटोली कब्रिस्तान में दफन किया गया. सबसे अधिक शवों का दाह संस्कार हरमू मुक्ति धाम में हुआ.
रांची में अब मृतकों की संख्या इतनी हो गई है कि मुक्तिधाम में चिता जलाने की जगह कम पड़ गई है. हालात अब असे हो गए हैं कि लोगों को घंटों इंतजार करने पर भी अपने परिजनों के शवों का अंतिम संस्कार करने को नहीं मिल रहा है. नतीजन लोगों ने अब खुले में ही चिता सजाकर शवों को जलाना शुरू कर दिया है. श्मशान में जगह नहीं रहने की वजह से मुक्तिधाम के सामने की सड़क पर वाहनों की पार्किंग में ही शव रखकर अंतिम क्रिया करने लगे.
ऐसे हृदयविदारक दृश्यों को देखकर लोगों ने प्रशासन से अंतिम संस्कार के लिए जरूरी व्यवस्था करने की मांग रखी है. श्मशान घाटों पर काम करने वाले कर्मियों का भी कहना है उन्होंने ऐसा दृश्य पहले कभी नहीं देखा. जिस जगह गाड़ियां पार्क की जाती थी वहां अब शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है.