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02-Jan-2024 08:32 PM
DELHI: सड़क पर गाड़ी को साइड न देने के कारण एक गर्भवती महिला को पीट-पीट कर मार डालने के आरोपी राजद के पूर्व विधायक की मुश्किलें बढ़ गयी है. सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व विधायक के साथ साथ राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है.
मामला समस्तीपुर जिले के हसनपुर से राजद के पूर्व विधायक सुनील कुमार पुष्पम का है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनील कुमार पुष्पम को नोटिस जारी किया है. विधायक के खिलाफ कबूतरी देवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अनिरूद्ध बोस और जस्टिस संजय करोल की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी करने का आदेश दिया है.
कबूतरी देवी के वकील ने बताया कि ये मामला समस्तीपुर के हसनपुर का है. 2005 में तत्कालीन विधायक गाड़ी से जा रहे थे. रास्ते में एक गर्भवती महिला मंजू देवी ने उन्हें साइड नहीं दिया था. इसके बाद विधायक अपनी मार्शल गाड़ी से उतरे और महिला को राइफल के बट और लात से जमकर पीटा. घायल महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन कुछ दिनों बाद उसकी मौत हो गयी.
निचली अदालत से मिली थी उम्र कैद की सजा
साइड नहीं देने पर गर्भवती महिला को पीट-पीट कर मार डालने के इस मामले में 19 जुलाई 2019 को निचली अदालत का फैसला आया. कोर्ट ने सुनील कुमार पुष्पम को हत्या का दोषी मानते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी. लेकिन ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ विधायक ने पटना हाईकोर्टे में याचिका दायर की थी. पटना हाईकोर्ट ने पूर्व विधायक की अपील को आंशिक स्वीकृति देते हुए हाई कोर्ट ने इसे 302 के बजाय धारा 304 (2) का मामला माना और उन्हें मिली आजीवन कारावास की सजा को घटाकर साढ़े पांच साल कर दिया.
पटना हाईकोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ मृतका मंजू देवी की जेठानी कबूतरी देवी ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की है. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने मामले को सुनवाई के योग्य मानते हुए पूर्व विधायक सुनील कुमार पुष्पम के साथ साथ राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. इस मामले में अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी.