ब्रेकिंग न्यूज़

India-England Test Series: बदल गया भारत-इंग्लैंड सीरीज का नाम, अब इन दिग्गजों के नाम पर खेली जाएगी टेस्ट श्रृंखला Shashi Tharoor: अमेरिका में बैठ थरूर की पाकिस्तान को चेतावनी, बोले "धैर्य की परीक्षा ली तो अगली बार अंजाम होगा और भी भयानक" Bihar News: राजगीर पुलिस अकादमी का होगा विस्तार, इन सुविधाओं पर खर्च किए जाएंगे करोड़ों Bihar Weather: अगले 4 दिन उमस भरी गर्मी करेगी परेशान, इन जिलों में छिटपुट बारिश संभव प्रशांत किशोर का राहुल गांधी पर हमला: "रेवंत रेड्डी के बयान पर स्पष्ट करें अपनी स्थिति, बिहारियों का अपमान बर्दाश्त नहीं" जेपी सेतु पर बड़ा हादसा: टक्कर के बाद कार और वैन में लगी आग, दोनों गाड़ियां जलकर खाक पेट्रोल पंप कर्मी की ईमानदारी बनी मिसाल: बाइक सवार का 5 लाख रुपए से भरा बैग पुलिस को लौटाया पर्यावरण दिवस पर भाजपा नेता अजय सिंह ने किया वृक्षारोपण, पर्यावरण संरक्षण का लिया संकल्प विश्व पर्यावरण दिवस पर संजीव मिश्रा ने की लोगों से अपील, कहा..बर्थडे और मैरिज एनिवर्सरी पर लगाये पौधे बिहार के भाजपा नेता के बयान से भड़के राहुल गांधी, कहा..क्या ऐसे लोग महिलाओं की सुरक्षा करेंगे?

गया के मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मर गई इंसानियत, एंबुलेंस नहीं मिला तो भाई कंधे पर ले गया बहन की लाश

गया के मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मर गई इंसानियत, एंबुलेंस नहीं मिला तो भाई कंधे पर ले गया बहन की लाश

26-Jun-2019 09:08 PM

By 9

GAYA: गया से सिस्टम को झकझोरने वाली तस्वीर सामने आयी है जहां एएन मगध मेडिकल कॉलेज में एक महिला की मौत के बाद उसके परिजनों को एंबुलेंस नहीं उपलब्ध कराया गया. आखिरकार थक हारकर उसके परिजन कंधे पर उठाकर लाश को घर ले गए. परिजनों का आरोप है कि लाख मिन्नतें करने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने एंबुलेंस मुहैया नहीं कराया. सिस्टम को मुंह चिढ़ाती तस्वीर ये तस्वीरें उस सिस्टम की मुंह चिढ़ाती हैं जो सबकुछ ठीक होने का दावा करता है. ये तस्वीर उस मानवीय संवदेनाओं को झकझोरती हैं जिससे हम और आप तो जुड़े हुए हैं लेकिन शायद गया का यह मेन अस्पताल अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज नहीं. ये तस्वीर उस बदहाली की तस्वीर बयां करती हैं जिसके दूर-दूर तक सुधरने की कोई गुंजाइश नहीं. ये तस्वीर है गया के मुख्य अस्पताल एएन मगध मेडिकल कॉलेज की जहां एक भाई एक एंबुलेंस के लिए अस्पताल प्रबंधन की मिन्नतें करते करते हार गया लेकिन उसे एंबुलेंस नहीं मिल सका. आखिरकार भाई ने अपनी बहन की लाश को कंधे पर उठाया और घर लेकर गया. बदहाल है सिस्टम सवाल उन झूठे दावों का है, सवाल इस सड़ी हुई सिस्टम का है जो लाख कोशिशों के बाद भी सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. दरअसल जिले के डुमरिया प्रखंड के पथरा गांव की रहने वाली हेमंती को गंभीर हालत में 25 जून को अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था. लेकिन गंभीर रुप से बीमार हेमंती की बुधवार को मौत हो गई. हेमंती की मौत के बाद उसके परिजनों ने लाश को घर ले जान के लिए अस्पताल प्रबंधन के पास एंबुलेंस के लिए फोन किया. प्रबंधन की तरफ से बताया गया कि अस्पताल के पास अपना एंबुलेंस नहीं है इसलिए आप 102 नंबर पर डायल कीजिए. ड्राइवर ने जाने से किया मना परिजनों ने जब इस नंबर पर डायल किया तो पता चला कि ड्राइवर अभी बाहर गया है. फिर हेमंती के परिजनों को ड्राइवर का फोन नंबर उपलब्ध कराया गया तो ड्राइवर ने चार घंटे इंतजार करने को कहा. लेकिन वो चार घंटे में भी नहीं पहुंचा और आखिरकार उसने नक्सली इलाके का बहाना बनाकर जाने से साफ इनकार कर दिया. कंधे पर ले गए शव को एंबुलेंस के इंतजार में घंटों बिताने के बाद हेमंती के परिजनों के सब्र का बांध टूट गया और उसकी लाश को कंधे पर उठाकर अपने घर ले गए.