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06-Feb-2020 08:48 AM
PATNA : राज्य में होने वाले अपराध के आंकड़ों को जुटाने और मंथन की जिम्मेदारी अब सीआइडी की नहीं बल्की राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो की होगी. बिहार पुलिस को 14 डिवीजन में बांटे जाने के ढाई महीने के अंदर ही पुलिस मुख्यालय ने अब सभी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर दी है.
जिसके बाद यह साफ हो गया है कि कौन से अधिकारियों के जिम्मे कौन सा काम होगा. अब बगैर डीजीपी के अनुमति के कोई भी पुलिस अधिकारी सीधे सरकार को पत्र नहीं लिख सकेगा.
बता दें कि सरकार ने 25 नवंबर को पुलिस मुख्यालय के पुनर्गठन को लेकर संकल्प जारी किया था. इसके तहत नन फील्ड वाले तमाम पद को पुलिस मुख्यालय के अधीन कर दिया गया था और डीजीपी को इसका प्रमुख बनाया गया था. इससे डीजीपी की शक्तियां पहले के मुकाबले ज्यादा हो गई हैं. संकल्प जारी होने के बाद सरकार ने एडीजी मुख्यालय की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई थी जिसे यह तय करना था कि किस डिवीजन के जिम्मे कौन सा काम होगा. जिसे लेकर कमेटी के अनुशंसा के बाद बुधवार को आदेश जारी कर दिया गया.
अपराध का विश्लेषण अब सीआईडी की जगह स्टेट क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) करेगा. वहीं एडीजी मुख्यालय के अधीन चुनाव से संबंधित कार्यों को देखने के लिए नया इलेक्शन सेल बनेगा. खेल-कूद से जुड़ी जिम्मेदारी बीएमपी के पास होगी. पुलिस में हथियारों से लेकर गाड़ियां और अन्य साजो सामान की खरीद के लिए प्रोविजन शाखा अब आधुनिकीकरण के जिम्मे होगा. कामकाज को सुचारू रुप से चलाने के लिए डीजीपी कार्यालय के अधीन 80 नए पद बनाए गए हैं. इसके साथ ही कौन से रैंक के पुलिस अधिकारी की अनुपस्थिति में कौन काम देखेगा, यह भी तय हो गया है.