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20-Aug-2020 07:06 AM
PATNA : कोरोना का इलाज करने के नाम पर मनमानी करने वाले पटना के जेडीएम हॉस्पिटल के सामने जिला प्रशासन बौना साबित हो रहा है। पटना के डीएम कुमार रवि ने जिस अस्पताल को सील करने का आदेश जारी कर दिया उसे अब तक बंद नहीं किया जा सका है। दरअसल अस्पताल को सील करने को लेकर पटना के एसडीओ और सिविल सर्जन आमने-सामने आ गए हैं।
पटना के जेडीएम हॉस्पिटल पर आरोप है कि उसने एक कोरोना मरीज से इलाज के नाम पर 6 लाख 34 हजार रुपये वसूले। पटना के डीएम ने इन आरोपों की जांच की तो मामला सही निकला। जिला प्रशासन ने तत्काल अस्पताल को सील करने का आदेश जारी कर दिया लेकिन लगभग 36 घंटे गुजर जाने के बावजूद जेडीएम हॉस्पिटल स्टील नहीं हो पाया है। जेडीएम हॉस्पिटल को सील करने का कदम जिला प्रशासन नहीं उठा रहा है। पटना के सदर एसडीओ तनय सुल्तानिया ने कहा है कि इस मामले में सिविल सर्जन कार्यालय को जेडीएम हॉस्पिटल सीन करने का निर्देश दिया गया है जबकि सिविल सर्जन डॉ आर के चौधरी का कहना है कि अस्पताल सील करने का काम उनका नहीं है। इसके लिए मजिस्ट्रेट और पुलिस पदाधिकारियों के साथ अन्य पुलिस बल की तैनाती आवश्यक होगी।
उधर जिला प्रशासन के सुस्त रवैया के कारण जेडीएम अस्पताल को अब मौका मिल गया है। जेडीएम अस्पताल में पटना डीएम ऑफिस और सिविल सर्जन कार्यालय के साथ-साथ कंकड़बाग थाने में आवेदन दिया है। हॉस्पिटल के मैनेजर की तरफ से दिए गए आवेदन में कहा गया है कि अस्पताल पर लगाए गए सभी आरोप गलत हैं। इस पूरे प्रकरण में जेडीएम हॉस्पिटल को लेकर जिला प्रशासन का पहले सख्त रूख और फिर सुस्त रवैया बता रहा है कि कहीं न कहीं हॉस्पिटल को किसी बड़े रसूखदार का संरक्षण प्राप्त है।