रात के अंधेरे में खाली होने लगा राबड़ी आवास, सामान शिफ्ट करने का वीडियो आया सामने अब चिराग की नजर बंगाल और असम पर, विधानसभा चुनाव प्रभारी बने सांसद राजेश वर्मा शिवहर: कपकपाती ठंड में मां ने बेटी को फेंका, पुआल के ढेर पर मिली 2 माह की बच्ची जहानाबाद में शराबबंदी की खुली पोल, नाली सफाई के दौरान सैकड़ों शराब की खाली बोतलें बरामद 9 महीने बाद अपनो से हुई मुलाकात, प्रयागराज से मिली मां और बेटी,परिवार में खुशी का माहौल Makar Sankranti 2026: मकर संक्रांति पर बन रहे दो दुर्लभ संयोग, शुभ मुहूर्त में जरूर करें यह काम Makar Sankranti 2026: मकर संक्रांति पर बन रहे दो दुर्लभ संयोग, शुभ मुहूर्त में जरूर करें यह काम BSF Recruitment: BSF में इतने पदों पर निकली भर्ती, ऐसे करें आवेदन; जानिए.. कब है लास्ट डेट? BSF Recruitment: BSF में इतने पदों पर निकली भर्ती, ऐसे करें आवेदन; जानिए.. कब है लास्ट डेट? Bihar Education News: बिहार में शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर आया बड़ा अपडेट, क्या बोले शिक्षा मंत्री सुनील कुमार?
07-Dec-2020 03:53 PM
PATNA : विधानसभा चुनाव के बाद बिहार की राजनीति में हाशिए पर आ चुके उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार के करीब जाकर अपनी राजनीति को फिर से खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं. कुशवाहा इस कड़ी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात भी कर चुके हैं लेकिन उपेंद्र कुशवाहा की अब यही कोशिश उनकी पार्टी के लिए नई मुसीबत बनती जा रही है. विधानसभा चुनाव के ठीक पहले एक-एक कर कुशवाहा की पार्टी के नेता उनका साथ छोड़कर जाते रहें. सबसे पुराने नेताओं में से एक पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेश यादव कुशवाहा के साथ बच गए थे लेकिन अब राजेश यादव ने भी बगावत का बिगुल बजा दिया है.
राजेश यादव ने राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के ऊपर गंभीर आरोप लगाए हैं. पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि उपेंद्र कुशवाहा के गलत फैसलों के कारण पार्टी की दुर्गति हुई. विधानसभा चुनाव के पहले कुशवाहा ने जो फैसला किया, वह उनके तानाशाही रवैया और एकपक्षीय सोच का नतीजा था. विधानसभा चुनाव में पार्टी ने इसका खामियाजा भी भुगता है और आज आरएलएसपी अपने सबसे बुरे दौर में है.
राजेश यादव ने उपेंद्र कुशवाहा पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए पार्टी के कार्यकर्ता साथियों के नाम एक खुला पत्र जारी किया है. इस पत्र में कुशवाहा से कुल 11 सवाल किए गए हैं. राजेश यादव ने आरोप लगाया है कि उपेंद्र कुशवाहा अपनी मनमर्जी से एक के बाद एक गलत राजनीतिक फैसले लेते रहे और उसका परिणाम पार्टी के नेता और कार्यकर्ता भुगत रहे हैं.
राजेश यादव ने पूछा है कि जब सब कुछ ठीक-ठाक तो एनडीए छोड़ने का फैसला लोकसभा चुनाव के बाद क्यों लिया गया. राजेश यादव ने दूसरा सवाल करते हुए यह पूछा है कि महागठबंधन में आने का फैसला कुशवाहा ने किसके साथ बातचीत कर लिया. उनकी बात लालू यादव से हुई या फिर राहुल गांधी से यह स्पष्ट तौर पर, उन्हें बताना चाहिए.
महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ते हुए जहानाबाद और सीतामढ़ी लोकसभा सीट पर पार्टी ने दावा क्यों नहीं किया. आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी जिसकी वजह से मोतिहारी से आकाश सिंह और बेतिया से बृजेश कुशवाहा जैसे बाहरी और कमजोर उम्मीदवारों को उतारा गया.
इतना ही नहीं राजेश यादव ने यह भी सवाल किया है कि आखिर लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव के ठीक पहले आरएलएसपी को किन परिस्थितियों में महागठबंधन से बाहर होना पड़ा. इतना ही नहीं राजेश यादव ने उपेंद्र कुशवाहा पर आरोप लगाया है कि उन्होंने तेजस्वी यादव की राजनीति के हत्या करने के लिए कांग्रेस के कुछ बड़े नेताओं और जीतन राम मांझी के साथ-साथ शरद यादव मुकेश सहनी से मिलकर साजिश रची.
राजद पर यह दबाव बनाया कि वह शरद यादव को राज्यसभा भेजे, पार्टी को इससे क्या फायदा हुआ, यह कुशवाहा को बताना चाहिए. कुशवाहा के बेहद करीबी माने जाने वाले राजेश यादव ने यह भी कहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष किया चिंता कभी नहीं रही कि पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को क्या फायदा होगा.
वह सारी ऊर्जा अपने विकास के लिए लगाते रहे. उन्होंने 2 सीटों से लोकसभा का चुनाव लड़ा, उसका क्या नतीजा निकला, सबको पता है. एक पत्र के जरिए राजेश यादव ने जिस तरह कुशवाहा पर सवाल खड़े किए हैं. उसके बाद यह माना जा रहा है कि कुशवाहा के सबसे पुराने साथी भी अब उनसे किनारा करने का मन बना चुके हैं.