Paresh Rawal: क्यों वीरू देवगन की सलाह पर 15 दिनों तक खुद का ही पेशाब पीते रहे परेश रावल, बाद में डॉक्टर्स भी रह गए थे हैरान पटना में बना अनोखा रिकॉर्ड, लॉ प्रेप ने रचा वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दरभंगा में साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश, टेलीग्राम के जरिए 2.61 लाख की ठगी, 65 हजार रुपये अकाउंट में कराया वापस Manoj Bajpayee: खुद को 'सस्ता मजदूर' क्यों मानते हैं मनोज बाजपेयी? कारण जान आप भी कहेंगे ‘ये तो सरासर नाइंसाफी है’ दरभंगा में साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश, टेलीग्राम के जरिए 2.61 लाख की ठगी, 65 हजार रुपये अकाउंट में कराया वापस Bihar Crime News: जमीनी विवाद को लेकर 2 पक्षों में खूनी संघर्ष, आधा दर्जन लोग घायल, गांव में दहशत का माहौल बिहार में बड़े पैमाने पर IAS अधिकारियों का तबादला, देखिए पूरी लिस्ट.. Chhaava: “छावा की सफलता का श्रेय विकी को नहीं जाता बल्कि..”, महेश मांजरेकर के बयान से मच गई सोशल मीडिया पर सनसनी Bihar Crime News: युवक की सरेआम हत्या से हड़कंप, बदमाशों ने बैक टू बैक दागी तीन गोलियां Bihar Crime News: बिहार STF और पुलिस की बड़ी सफलता, 9 वर्षों से फरार कुख्यात नक्सली गिरफ्तार
05-Jan-2020 09:50 AM
PATNA : उसने पटना में सरकार की नाक के नीचे हो रहे अवैध बालू खनन को लेकर सूचना के अधिकार कानून के तहत जानकारी मांगी थी. जानकारी तो नहीं दी गयी, बालू माफियाओं से हत्या की धमकी जरूर मिलने लगी. दहशत में आया RTI वर्कर थाने में हत्या की धमकी मिलने की FIR लिखवाने गया, थाने से उसे भगा दिया गया. थाने से निराश होकर वो सुरक्षा की गुहार लगाने पटना के एसएसपी के पास पहुंचा. लेकिन आखिरकार नतीजा ये हुआ कि बालू माफियाओं ने उसे गोलियों से भून डाला.
ये नीतीश राज और पुलिस की हकीकत है
ये कहानी है पटना के रानी तालाब के जनपारा गांव के आरटीआई कार्यकर्ता पंकज सिंह की. कल पंकज सिंह को गोलियों से भून डाला गया. उसकीलाश बेरर कटारी बांध के पास पायी गयी. पंकज सिंह ने पटना के रानी तालाब से लेकर परेब तक लगातार हो रहे अवैध बालू खनन के खिलाफ आवाज उठायी थी. उसने राज्य सरकार के खनन विभाग से जानकारी मांगी थी कि किसके आदेश पर उस इलाके में बालू का अवैध खनन हो रहा है. अगर राज्य सरकार की मंजूरी नहीं है तो फिर बालू खनन पर रोक क्यों नहीं लग रही है.
थाने से लेकर SSP तक जान बचाने की गुहार लगाता रहा
पंकज के परिजन बताते हैं कि आरटीआई के तहत सूचना मांगने के बाद उसे जान से मारने की धमकियां मिलने लगी. 6 महीने पहले बालू माफियाओं ने उसे सरेआम जान मारने की धमकी दी थी. इस धमकी की प्राथमिकी दर्ज कराने पंकज रानी तालाब थाने पहुंचा लेकिन पुलिस ने आवेदन लेने तक से इंकार कर दिया. हार कर उसने पटना के SSP को आवेदन देकर अपनी जान बचाने की गुहार लगायी थी. बालू माफियाओं से सहमे पंकज सिंह ने प्रधानमंत्री कार्यालय तक को पत्र भेजकर अवैध खनन और अपने जान पर खतरे की जानकारी दी थी. लेकिन सारी गुहार बेकार गयी. कल उसकी बेदर्दी से हत्या कर दी गयी.
सरकार से पॉवरफुल है बालू माफिया
पटना से लेकर सूबे के कई जिलों में काम कर रहे बालू माफिया सरकार से ज्यादा पॉवरफुल है. वैसे खुद नीतीश कुमार ने ये एलान किया था कि वे बिहार से बालू माफियाओं को खत्म कर देंगे. लेकिन जब पूरा सिस्टम ही इस खेल में शामिल हो तो मुख्यमंत्री के एलान का क्या महत्व. जानकार जानते हैं कि पुलिस से लेकर खनन विभाग के मेलजोल के बगैर बालू माफियाओं का खेल चल नहीं सकता. पंकज सिंह की हत्या ने इसी हकीकत को फिर से उजागर कर दिया है.