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नीतीश PM मोदी के मॉडिफाइड वर्जन, सुधाकर सिंह बोले- उन्हें पीएम बनाने से अच्छा देश में लगे राष्ट्रपति शासन

नीतीश PM मोदी के मॉडिफाइड वर्जन, सुधाकर सिंह बोले- उन्हें पीएम बनाने से अच्छा देश में लगे राष्ट्रपति शासन

26-Feb-2023 06:31 PM

By First Bihar

KAIMUR: बिहार में किसान नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में शुरू हुआ किसान आंदोलन अब जोर पकड़ने लगा है।राकेश टिकैत के इस आंदोलन को नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह भी समर्थन कर रहे हैं। कैमूर में आज एक बार फिर सुधाकर सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ जोरदार हमला बोला और नीतीश को पीएम मोदी का मॉडिफाइड वर्जन बताया। सुधाकर सिंह ने कहा कि नीतीश को प्रधानमंत्री बनाने से बेहतर है कि देश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए। उन्होंने कहा कि नीतीश को जब पलटी मारना होता है वे विशेष राज्य की दर्जा की मांग उठाने लगते हैं।


दरअसल, राकेश टिकैत की अगुआई में किसान महापंचायत के जरिए बिहार में बड़े किसान आंदोलन की शुरुआत हुई है। संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में यह किसान आंदोलन बिहार में बड़ा स्वरूप लेगा। इसी के तहत रविवार को किसान नेता राकेश टिकैत और सुधाकर सिंह ने सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ धरना दिया और ट्रैक्टर मार्च निकाल कर सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। सुधाकर सिंह ने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कैमूर के किसानों को जब तक प्रति एकड़ एक करोड़ जमीन का अधिग्रहण मूल्य नहीं मिलेगा तबतक हम चुप बैठने वाले नहीं हैं। पहले तो रात में चोर डाकू और आतंकवादी आते थे लेकिन अब रात के अंधेरे में पुलिस अत्याचार करने आती और ऐसा ही काम बक्सर के चौसा में किसानों के साथ पुलिस ने किया।


सुधाकर सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री मोदी के मॉडिफाइड वर्जन है। नीतीश कुमार कहते हैं कि मोदी को हटाकर उन्हें प्रधानमंत्री बनाया जाए, लेकिन अगर मॉडिफाइड वर्जन ही सत्ता में आएगा तो इससे अच्छा है कि देश में राष्ट्रपति शासन लागू हो जाए। सुधाकर सिंह ने कहा कि जब भी नीतीश कुमार को पलटी मारना होता है, तो विशेष राज्य का दर्जा की मांग को लेकर पटना से दिल्ली और दिल्ली से पटना करने लगते हैं। बिहार में सिर्फ पटना से लेकर नालंदा तक ही विकास के काम हो रहे हैं। सरकार को बिहार के दूसरे जिलों से कोई मतलब नहीं है। 


सुधाकर सिंह ने कहा कि अगर ज्यादा गरीबी है तो कुर्सी त्याग कर चौराहे पर आइए कैमूर के लोग अपनी जमीन दान में दे देंगे। उन्होंने कहा कि 2025 के चुनाव में जनता आपको बता देगी कि कितने विकास पुरुष हैं। बिहार में शासन अधिकारियों के लिए अधिकारियों के द्वारा और अधिकारी ही चलाते हैं। सुधाकर सिंह ने कहा कि किसानों के सवाल पर वे शुरू से लड़े हैं और आगे भी लड़ेंगे,  इसे राजनीति से नहीं जोड़ना है। सरकार अगर किसानों के हित में काम नहीं करेगी तो हम उसे हिलाकर रख देंगे।


वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि भले ही राज्यों की सरकारें अलग है और पार्टियां अलग हैं लेकिन सभी की पॉलिसी किसानों को लूटने की है। जिन किसानों की जमीन जा रही है उसपर कब्जा नहीं होने देना है। आज जो किसानों की मीटिंग कलेक्ट्रेट के बाहर हो रही है, आगे से वह मीटिंग कलेक्ट्रेट के अंदर होगी और जो भी बैरिकेड आएगा उसे ट्रैक्टरों से रौंद दिया जाएगा। आने वाले समय में किसानों को अगर मंडी नहीं मिली तो पटना का गांधी मैदान ट्रैक्टर से भरने का किसान काम करेंगे। पूरे देश में ट्रैक्टर कॉमर्शियल नहीं हुए हैं अगर यहां हुआ तो आंदोलन होगा। जब हमारा आंदोलन किसानों के पक्ष में होता है कि बीजेपी कहती है कि इनको नीतीश और कांग्रेस साथ देते हैं लेकिन इनके झांसे में नहीं आना है।