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13-Aug-2023 05:27 PM
By RAMESH SHANKAR
SAMASTIPUR: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि 100 साल बाद दुनिया खत्म होने वाली है। मुख्यमंत्री के इस बयान को लेकर विरोधियों के साथ साथ खुद सरकार में सहयोगी आरजेडी के नेता ने खूब व्यंग किया था। अब प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री के उस बयान पर तीखा हमला बोला है। प्रशांत किशोर ने बताया कि आखिर बिहार की आज यह दुर्दशा क्यों हो गई है।
जन सुराज यात्रा के तहत समस्तीपुर पहुंचे प्रशांत किशोर ने कहा कि दुनिया आज आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस की बात कर रही है और इस पर चर्चा हो रही है कि आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस का लाभ उठाकर कैसे लाखों लोगों को नौकरी मिल सकती है और हजारों बिलियन डॉलर की नई इकोनॉमी खड़ी हो सकती है लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री कहते हैं कि मोबाइल का उपयोग करने से अब दुनिया खत्म होने वाली है। मुख्यमंत्री का बयान यह बताने के लिए काफी है कि बिहार की दुर्दशा क्यों हैं। ये लोग अभी 1960 और 70 मे जी रहे हैं। कुर्ता पाजामा और धोती पहनकर निकल गए राजनीति करने।
उन्होंने कहा कि उनसे जब किसी ने पूछा गया कि सेमीकंडक्टर जैसी फैक्ट्री बिहार जैसे राज्यों में क्यों नहीं लग सकती, तो कहा कि बिहार सरकार की पूरी कैबिनेट को बुला लीजिए, जिसमें नीतीश कुमार को भी बुला लीजिए, जो इंजीनियर भी हैं। नीतीश अगर बता दें कि सेमीकंडक्टर होता क्या है, तो उनका जूता अपने सिर पर लेकर घूमने को तैयार हैं, उनकी पूरी कैबिनेट में बैठे मंत्रियों तक को नहीं पता होगा। जब बिहार में मंत्रियों को पता ही नहीं होगा कि सेमीकंडक्टर होता क्या है, तो इसके फैक्ट्री के बारे में ये सोच भी कैसे सकते हैं?
पीके ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री जो है, उनको तो मालूम ही नहीं है कि सेमीकंडक्टर क्या चीज है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार से ये सवाल जरूर होना चाहिए कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस से बिलियन डॉलर का नया इकनॉमिक बन रहा है और उससे लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है.. इस पर आपका क्या कहना है तो नीतीश कुमार कहेंगे कि छोड़िए जाने दीजिए, ये सब से कुछ होता है। सिर्फ 400 रुपए वृद्धा पेंशन देने से और साईकिल और पोशाक बांट देने से बिहार की तरक्की नहीं होने वाली है। नीतीश ने पूरे बिहार को अनपढ़ और मजदूर बनाकर रख दिया है। नीतीश कुमार जैसे लोग चाहते हैं कि बिहार अनपढ़ बना रहे, तभी लोग इनको और इनके 9वीं पास तेजस्वी यादव को अपना नेता मानेंगे।